आरएसएस ने विदेशी और घरेलू स्तर पर देश के बारे में गलतफहमी फैलाने के प्रयासों का मुकाबला करने के लिए भारत का तथ्य-आधारित आख्यान पेश करने के लिए शोधकर्ताओं, लेखकों और राय निर्माताओं के साथ सहयोग करने का फैसला किया है। संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी ने ये जनकारी दी।संघ के लिए शीर्ष निर्णय लेने वाली संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की अहमदाबाद में तीन दिवसीय बैठक के दौरान भारतीय समाज, उसके हिंदू समुदाय, उसके इतिहास, संस्कृति और जीवन शैली की एक सच्ची तस्वीर पेश करने के तरीकों सहित इस और कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की गई।
बैठक के आखिरी दिन पत्रकारों से बात करते हुए आरएसएस सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि, “भारत और विदेशों में, भारत से संबंधित विषयों पर गलतफहमी फैलाने के प्रयास या तो अनजाने में या जानबूझकर किए जाते हैं। अंग्रेजों के जमाने से लेकर अब तक यह जारी है।” दत्तात्रेय होसबाले ने आगे कहा कि, “इस वैचारिक आख्यान को बदलने और तथ्यों पर आधारित भारत के एक भव्य आख्यान को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है। भारत के विषयों, उसके हिंदू समुदाय, उसके इतिहास, संस्कृति, जीवन शैली पर समाज के सामने एक सच्ची तस्वीर पेश करने की जरूरत है।”
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