केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 28 से 31 फीसद करने की घोषणा के बाद से अब केंद्र सरकार ने महंगाई भत्ता (डीए) की गणना में बदलाव कर दिया है। केंद्र सरकार के श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा हाल ही में इस फॉर्मूले को संशोधित किया गया था। इसमें पुराने आधार वर्ष को बदलकर नया आधार वर्ष कर दिया गया है।
बदला गया आधार वर्ष
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की सिफारिशों के बाद राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग ने दायरे को चौड़ा करने और सूचकांक की दक्षता में सुधार करने के लिए आधार वर्ष को 1963-65 से बदलकर 2016 कर दिया। आधार वर्ष 2016=100 के साथ नई WRI (वेतन दर सूचकांक) श्रृंखला मौजूदा आधार वर्ष 1963-65 की जगह लेगी। ध्यान देने वाली बात है कि सरकार मुद्रास्फीति के आंकड़ों के आधार पर महत्वपूर्ण आर्थिक मैट्रिक्स के लिए समय-समय पर आधार वर्ष में बदलाव करती है।
महंगाई भत्ता (डीए) क्या है?
कर्मचारियों का उनके खर्च में मदद करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा महंगाई भत्ता (डीए) दिया जाता है। यह पैसा सरकारी कर्मचारियों, सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिया जाता है और इसलिए दिया जाता है कि बढ़ती महंगाई का कर्मचारियों पर दबाव न पड़े। डीए साल में दो बार जनवरी से जुलाई के बीच रिवाइज होता है। महंगाई भत्ते की गणना मूल वेतन से महंगाई भत्ते की वर्तमान दर को गुणा करके की जाती है।
कर्मचारियों की बढ़ेगी सैलरी
जानकारी के अनुसार, हाल ही में यह बताया गया था कि केंद्र सरकार लाखों कर्मचारियों से अनुरोध प्राप्त करने के बाद कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में वृद्धि पर विचार कर रही है। वहीं कुछ रिर्पोट से यह भी जानकारी मिली है कि एक जनवरी से कर्मचारियों के डीए में एक बार फिर बढ़ोतरी हो सकती है। अगर ऐसा होता है तो कर्मचारियों के सैलरी में दोगुना फायदा होगा और नए आधार वर्ष के अनुसार ही डीए मिलेगा।
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