Friday, April 29, 2022

कोयला संकट ने Indian Railways की पैसेंजर गाड़ियों के 650 फेरों पर लगाई लगाम, जानें- कब तक रहेंगी कैंसल

भीषण गर्मी और कोयले की किल्लत के चलते देश के कई हिस्सों में गहरा बिजली संकट पैदा हो गया है। दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत देश के 13 राज्य बिजली संकट का सामना कर रहे हैं। आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, झारखंड, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान समेत कई राज्यों में भारी बिजली कटौती की जा रही है। ऐसे में बिजली घरों में कोयले की कमी को देखते हुए रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। भारतीय रेल ने पिछले कुछ हफ्तों में हर दिन कई मेल/एक्सप्रेस और यात्री ट्रेनों को कैंसिल किया है, ताकि बिजली संयंत्रों तक कोयला ले जानी वाली मालगाड़ियों को रास्ता दिया जा सके।

बिजली की मांग में बढ़ोतरी के कारण कोयले की आपूर्ति के लिए रेल मंत्रालय ने 24 मई तक यात्री ट्रेनों के लगभग 670 फेरों को कैंसिल करने की अधिसूचना जारी की है। इनमें से 500 से ज्यादा लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेन हैं। इसके साथ ही रेलवे ने कोयला ले जाने वाली मालगाड़ियों की संख्या भी बढ़ा दी है। रोजाना 400 से ज्यादा ऐसी ट्रेनों को चलाया जा रहा है, जिनमें से प्रत्येक में लगभग 3,500 टन कोयला है।

भारतीय रेलवे के कार्यकारी निदेशक गौरव कृष्ण बंसल ने कहा कि यह उपाय अस्थायी है और स्थिति सामान्य होते ही यात्री सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी। रेलवे ने 28 अप्रैल से पैसेंजर गाड़ियों को अगले आदेश तक रद्द किया है।

भारत के कई हिस्सों में बिजली कटौती: सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) की डेली कोल स्टॉक रिपोर्ट के मुताबिक, 165 थर्मल पावर स्टेशनों में से 56 में 10 फीसदी या उससे कम कोयला बचा है जबकि 26 थर्मल पावर स्टेशनों के पास पांच फीसदी से भी कम स्टॉक बचा है। बेतहाशा बढ़ती गर्मी के बीच भारत के कई हिस्सों में ब्लैकआउट और बिजली कटौती ने जन-जीवन और उद्योगों को प्रभावित किया है।

कुछ उद्योग कोयले की कमी के कारण उत्पादन में कटौती कर रहे हैं। अप्रैल की शुरुआत से भारत के बिजली संयंत्रों में कोयले के भंडार में लगभग 17 प्रतिशत की गिरावट आई है जोकि आवश्यक स्टॉक का एक तिहाई है।

रोजाना 400 से ज्यादा मालगाड़ियां चला रहा रेलवे: रिकॉर्ड हीट वेव के चलते बिजली की मांग में तेजी आई है। भारत की लगभग 70 प्रतिशत बिजली कोयले से पैदा होती है। ज्यादा संख्या में यात्री ट्रेनों के चलने से भीड़भाड़ वाले रूट पर अक्सर शिपमेंट देरी से पहुंचते हैं। आंकड़ों के मुताबिक 2016-17 में रेलवे रोजाना कोयले की ढुलाई के लिए 269 मालगाड़ियां चला रहा था। साल 2021 में रोजाना ऐसी 347 मालगाड़ियां चलाई गई और गुरुवार (28 अप्रैल 2022) तक यह संख्या रोजाना 400 से 405 पहुंच गई।

दिल्ली में कोयला संकट के बारे में बताते हुए ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि कई बिजली संयंत्रों के पास एक दिन से भी कम समय का कोयला बचा है, जबकि उनके पास कम से कम 21 दिनों का कोयला स्टॉक होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे बिजली बंद हो सकती है और मेट्रो और सरकारी अस्पतालों जैसी सेवाओं में रुकावट आ सकती है।



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