मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर बेंच ने एक मर्डर केस में आरोपी को जमानत देने के लिए अनूठी शर्त रखी। कोर्ट ने हत्या के प्रयास के एक आरोपी को जमानत के साथ 10 पौधे लगाने और उसकी देखभाल करने की शर्त रखी। बता दें कि मामले की सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति आनंद पाठक ने अपने आदेश में आरोपी को फलदार और छायादार पौधे लगाने की बात कही है।
इतना ही नहीं आरोपी को पौधे लगाने के बाद उसकी तीन महीने तक देखरेख भी करनी होगी। इसके अलावा हर महीने ट्रायल के दौरान पौधों की रिपोर्ट भी बतानी होगी। वहीं अगर पौधे सूख जाते हैं तो आरोपी की जमानत निरस्त मानी जाएगी।
अदालत ने अपने आदेश में कहा कि “आज के समय में इंसानियत के अनिवार्य हिस्से के रूप में दया, सेवा, प्रेम और करुणा को विकसित करने की आवश्यकता है। क्योंकि ये मानव जीवन की मूल प्रवृत्तियां हैं और मानव अस्तित्व को बनाए रखने के लिए उन्हें पुनर्जीवित करने की जरुरत है।” न्यायाधीश ने जोर देकर कहा कि आरोप की जिम्मेदारी पेड़ लगाने की ही नहीं बल्कि उसकी देखभाल करना भी है। और किसी भी चूक के चलते उसकी जमानत रद्द हो सकती है।
दरअसल आरोपी की पहली जमानत याचिका हाईकोर्ट में खारिज हो गई थी। ऐसे में दूसरी बार याचिका दाखिल करने के दौरान तर्क दिया गया कि मामले की जांच पूरी हो चुकी है और चालान भी पेश हो चुका है लेकिन गवाही में देरी हो रही है।
ऐसे में अदालत ने आरोपी को 10 पौधे लगाने की शर्त पर जमानत दे दी है। वहीं शासकीय अधिवक्ता ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए न्यायालय को बताया कि आरोपी पर 16 अपराध दर्ज है।
अदालत ने अपने आदेश में यह भी कहा कि पौधे की रिपोर्ट पर ट्रायल कोर्ट का कर्तव्य है कि वह पेड़ों की प्रगति की निगरानी करे। कोर्ट ने फैसला सुनाने से पहले इस बात को साफ किया कि यह प्रयास केवल एक पेड़ लगाने के सवाल का नहीं, बल्कि हिंसक प्रवृत्ति को खत्म करने की कवायद के तौर पर है।
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