राष्ट्रीय टीकाकरण तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने सीरम इंस्टीट्यूट के कोवोवैक्स को 12-17 साल के आयुवर्ग के बच्चों पर इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे दी है। न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है। टीकाकरण कब से शुरू होगा, इस बारे में अभी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। इसके पहले, डीजीसीआई ने 6-12 साल के बच्चों के लिए वैक्सीन लगाने को मंजूरी दी थी। इस आयुवर्ग के बच्चों के लिए भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मंजूरी मिली है। यह फैसला ट्रायल के नतीजों के बाद लिया गया था।
कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बीते बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ समीक्षा बैठक की थी। इस दौरान उन्होंने टीकाकरण अभियान पर जोर देने की बात कही थी। ऐसे में कोवोवैक्स को मंजूरी मिलने के बाद इस अभियान में और भी तेजी आने की उम्मीद की जा सकती है।
स्कूलों के पूरी तरह खुल जाने के बाद बच्चों के माता-पिता को कोरोना को लेकर खासी चिंता थी। हालांकि, बच्चों के लिए वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद माता-पिता राहत की सांस ले सकते हैं। 6 से 12 साल के बच्चों के लिए कोवैक्सीन, 5 से 12 साल के बच्चों के लिए कोर्वेवैक्स और 12 साल से ऊपर के बच्चों के लिए ZyCoV-D के इस्तेमाल को मंजूरी मिली है।
बता दें कि कोरोना के खिलाफ जारी जंग में मजबूती से कदम बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने बूस्टर डोज को लेकर बड़ा ऐलान किया था। 18 साल से अधिक उम्र के सभी वयस्क प्राइवेट वैक्सीनेशन सेंटरों पर प्रीकॉशन डोज लगवा सकते हैं। यह अभियान 10 अप्रैल से शुरू हो चुका है। जो लोग 18 साल से अधिक उम्र के हैं और कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक लिए 9 महीने का समय बीत चुका है, वे प्रीकॉशन डोज ले सकते हैं।
देश की लगभग 96 प्रतिशत आबादी को कोविड-19 रोधी टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। हालांकि, अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के वैक्सीन ट्रैकर के हिसाब से भारत में यह आंकड़ा 73 फीसदी है।
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