हथियारों को निर्यात करने को लेकर भारत अबतक पीछे नजर आता था लेकिन 2017 से 2021 के दौरान इस छवि में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। बता दें कि भारत से जो देश हथियार निर्यात कर रहे हैं उनमें म्यांमार, श्रीलंका और मॉरिशस टॉप 3 देशों में से एक हैं। वहीं भारत से हथियारों का आधा निर्यात म्यांमार में जाता है।
चीन (36%) और रूस (27%) के बाद म्यांमार भारत को तीसरे सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्ता के रूप में जगह देता है। जो इसके आयात का 17% हिस्सा है। वहीं हथियारों के खर्च और निर्यात पर स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट की नई वैश्विक रिपोर्ट 2021 देखें तो भारत हथियार निर्यात के मामले में दुनियाभर में 24 वें स्थान पर है।
2017-21 के आधे दशक के दौरान श्रीलंका और आर्मेनिया ने भारत के हथियारों के निर्यात का 25 फीसदी और 11 फीसदी हिस्सा खरीदा है। 2012-16 से 2017-21 के बीच वैश्विक हथियारों के व्यापार में भारत की हिस्सेदारी लगभग दोगुनी हो गई। लेकिन यह वैश्विक व्यापार के 0.2% हिस्से के साथ शीर्ष 25 निर्यातक देशों में 23 वां सबसे बड़ा निर्यातक था।
हथियारों के निर्यात को लेकर इसी साल 25 मार्च तो रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी थी कि भारत द्वारा हथियारों के निर्यात का मूल्य 2014 के बाद से लगभग छह गुना बढ़ा है जिसमें चालू वित्त वर्ष में अब तक 11,607 करोड़ रुपये का निर्यात दर्ज किया गया है।
लोकसभा में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा था कि वित्त वर्ष 2015 में 1,941 करोड़ रुपये से 2021-22 में रक्षा निर्यात का मूल्य बढ़कर 11,607 करोड़ रुपये हो गया है।
वहीं हथियारों को निर्यात करने के मामले में अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और जर्मनी शीर्ष पांच में शामिल हैं। इन देशों ने मिलकर 2017-21 के दौरान कुल 77 फीसदी हथियार निर्यात किया।
सेना पर तीसरा सबसे बड़ा खर्च करने वाला देश भारत: सेना पर खर्च करने के मामले में अमेरिका 801 बिलियन डॉलर, चीन 293 बिलियन डॉलर, और भारत 76.6 अरब डॉलर के साथ तीसरे नंबर पर है।
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