Saturday, April 16, 2022

नफरत के वायरस को चारों स्तंभों में घुसा दिया, कांग्रेस के आरोप पर बीजेपी की संजू वर्मा बोलीं- उल्टा चोर कोतवाल को डांटे

देश के कई हिस्सों में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लेख के जरिए केंद्र की बीजेपी सरकार पर सवाल खड़े किेए हैं। इस मुद्दे पर एक टीवी डिबेट में कांग्रेस प्रवक्ता आलोक वर्मा ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि नफरत के वायरस को बीजेपी ने लोकतंत्र के चारों स्तंभों में घुसा दिया है। इस पर बीजेपी प्रवक्ता संजू वर्मा ने पलटवार किया और कहा कि सबसे ज्यादा भड़काऊ और हिंसा भरे दंगे कांग्रेस सरकार में हुए हैं।

सोनिया गांधी ने एक लेख लिखकर बीजेपी पर आरोप लगाया कि आप देश में नफरत का वायरस फैला रहे हैं जो देश के जड़ों को कमजोर कर रहा है और आर्थिक नींव को हिला रहा है। इस पर बीजेपी नेता संजू वर्मा ने 1987, 1989 और 1984 के दंगों का जिक्र करते हुए कांग्रेस को निशाने पर लिया और कहा कि कांग्रेस ने सांप्रदायिकता और धर्म निरपेक्षता पर लोगों को बांटने का काम किया है। उन्होंने कहा कि पोस्ट इंडीपेंडेंट इंडिया में पिछले 70-75 सालों का रिकॉर्ड निकालकर देख लो, कांग्रेस के राज में क्या हुआ है पब्लिक डोमेन में सब है।

उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा, “हिंदी में मशहूर कहावत है, उल्टा चोर कोतवाल को डांटे। चोरी ऊपर से सीना जोरी। मुझे तो ये कहावत भी याद आ रही है कि हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और। ये मैं इसलिए कह रही हूं, इसके पीछे कारण ये है कि चाहे हाशिमपुरा के 1987 के दंगे हों, भागलपुर के 1989 के दंगे हों, उसके बाद 1984 में जो सिखों का नरसंहार हुआ। राजीव गांधी की नाक के नीचे सिखों का कत्ले आम हुआ। 1990 में कश्मीरी पंडितों का नरसंहार हुआ। ये सब कांग्रेस के सत्ता में रहने के दौरान हुआ है।”

उन्होंने अपनी बात जारी रखते हुए आगे कहा, “हाल फिलहाल में 2006 में अलीगढ़ के दंगे देखिए। 2008 में महाराष्ट्र के धुले में दंगे देखिए। बंगाल के नॉर्थ 24 परगना के दंगे देखिए, 2012 के असम के दंगे देखिए। या फिर उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के 2013 के दंगे देखिए। आपको साफ दिखेगा कि ये सभी दंगे तब हुए जब या तो केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी या फिर इन सभी राज्यों में कांग्रेस की सरकार थी। तो कांग्रेस जब बीजेपी पर हिंसा, भड़काऊ भाषण और दंगे फैलाने का आरोप लगाती है, तो जब एक अंगुली उठाकर बीजेपी पर आरोप लगाते हो तो बाकी चारों अंगुलियां आपकी खुद की तरफ हैं। समझिए, वे आपसे कह रही हैं कि 2014 लोकसभा चुनाव में जनता ने आपको नकार दिया और 2019 के चुनाव में भी जनता ने आपको नकार दिया उसके पीछे ये कोई संयोग नहीं था, बल्कि जनता ने जान-बूझकर कांग्रेस को दरकिनार किया क्योंकि ये पार्टी सिर्फ हिंदू-मुस्लिम, भाई-भाई ये सब टीवी स्टूडियोज में करती है। अगर हिंदू-मुस्लिम, भाई-भाई हैं तो सोनिया जी से सवाल है कि राजेंद्र सच्चर की कमिटी का गठन तो 2005 में कांग्रेस के केंद्र सरकार में होने के दौरान हुआ था। सच्चर कमिटी ने अपनी सिफारिशें 2006 में दी थीं। उन्होंने कहा कि इतने सालों तक कांग्रेस का राज रहने के बावजूद ना तो मुसलमानों का सामाजिक, ना राजनैतिक और ना ही आर्थिक सुधार हुआ है।”



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