तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने हरियाणा के करनाल में प्रदर्शनकारी किसानों का कथित तौर पर ‘सिर फोड़ने’ का पुलिस को आदेश देने वाले आईएएस अफसर आयुष सिन्हा की तुलना जूती चाटने वालों से कराई है।
उन्होंने रविवार (29 अगस्त, 2021) को एक लहूलुहान प्रदर्शनकारी का फोटो ट्वीट करते हुए लिखा, “अगर आए तो सिर फूटा होना चाहिए उसका। क्लियर है आपको- करनाल एसडीएम आयुष सिन्हा का बयान है, जो कि हरियाणा कैडर से 2018 बैच के आईएएस अफसर हैं।” ममता बनर्जी की पार्टी की नेत्री ने इसी ट्वीट में आगे लिखा कि ऐसे घिनौने जूते चाटने वाले लोगों का नाम लेकर इन्हें शर्मिंदगी महसूस करानी चाहिए। याद करिए उन नाजी सुरक्षागार्ड्स को जो होलोकॉस्ट कैंप्स (यहूदी नरसंहार शिविर) पर तैनात थे और उन्होंने भी दावा किया था कि वे अपनी “ड्यूटी” कर रहे थे।
समझा जा सकता है कि महुआ की यह टिप्पणी सिन्हा की ओर से अपने बयान पर दी गई सफाई के संदर्भ में आई है। टीएमसी सासंद के अलावा इस आईएएस अधिकारी की विभिन्न दलों के नेताओं और नौकरशाहों ने कड़ी निंदा की है। हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने सिन्हा की टिप्पणी को अस्वीकार्य करार दिया। साथ ही उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई का वादा किया।
वह जननायक जनता पार्टी (जजपा) से ताल्लुक रखते हैं। साथ ही हरियाणा की भाजपा सरकार में साझेदार हैं। चौटाला ने कहा कि आईएएस अधिकारी द्वारा ऐसी भाषा का इस्तेमाल निंदनीय है। सिन्हा ने जो किया वह निश्चित तौर पर अधिकारियों से उम्मीद की जाने वाली नैतिकता से मेल नहीं खाती। सरकार निश्चित तौर पर उचित कार्रवाई करेगी।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘‘हरियाणा पुलिस द्वारा करनाल के घरोंदा में किसानों पर बर्बर लाठीचार्ज निश्चित तौर पर अवांछित था। किसानों का प्रदर्शन शांतिपूर्ण होने के बावजूद पुलिस ने उनपर लाठीचार्ज किया, जिसमें कई किसान घायल हो गए।’’ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा की है।
सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘किसानों पर निंदनीय हमला हर भारतीय के मूल अधिकारों पर हमला है…जिसे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान असंख्य कुर्बानियों को देकर प्राप्त किया गया। यह संविधान की भावना को प्रभावित एवं बाधित करता है और भारत के लोकतंत्र की रीढ़ को तोड़ता है।’’
नूंह में किसानों की महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता योगेंद्र यादव ने कहा, ‘‘आयुष सिन्हा को तत्काल सेवा से बर्खास्त करना चाहिए।’’
दरअसल, करनाल में किसानों के प्रदर्शन के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट के तौर पर तैनात सिन्हा कैमरे पर पुलिसवालों को कथित तौर पर किसानों का सिर फोड़ने की बात कहते हुए नजर आए थे, जिसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ।
हालांकि, उनकी ओर से साफ किया गया कि वीडियो से छेड़खानी की गई है। उसमें सिर्फ एक ही हिस्सा है, जबकि उन्होंने पुलिस वालों को बहुत सारी चीजें बताई थीं। जिस नाके पर उन्होंने आदेश दिए थे, वहां तो कुछ हुआ ही नहीं था।
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