कोरोना पर बीजेपी दोहरी राजनीति कर रही है। एक तरफ जहां महाराष्ट्र के देव स्थल खुलवाने के लिए सड़कों पर जोर आजमाइश कर उद्धव सरकार की घेराबंदी करने पर आमादा है तो दूसरी ओर दिल्ली की केजरीवाल सरकार की आलोचना इस वजह से कर रही है कि स्कूल खुल रहे हैं। यहां बीजेपी का कहना है कि सरकार को बच्चों की सेहत की चिंता नहीं है। जबकि महाराष्ट्र में वो इससे इतर लाइन इस्तेमाल कर रही है।
महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी नेतृत्व वाली सरकार के मंदिरों को खोलने की अनुमति नहीं देने के विरोध में भाजपा के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राज्य के कई शहरों में प्रदर्शन किया। कोविड-19 प्रतिबंध के कारण मंदिर बंद हैं। कई जगहों पर धरने प्रदर्शन के दौरान सामाजिक दूरी के नियमों का पालन नहीं किया गया।
बीजेपी ने मंदिर के नाम पर किय़ा घोटाला
भाजपा ने पुणे, मुंबई, नासिक, नागपुर, पंढरपुर, औरंगाबाद और अन्य स्थानों पर प्रदर्शन का आयोजन किया गया। पुणे और औरंगाबाद में, भाजपा कार्यकर्ताओं ने बंद मंदिरों में जबरन घुसने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। पुणे शहर में विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने मंदिरों और अन्य पूजा स्थलों को खोलने की इजाजत नहीं देने पर सवाल उठाया।
पाटिल ने सवाल किया कि क्या महामारी की संभावित तीसरी लहर का डर शराब की दुकानों और अन्य दुकानों पर लागू नहीं होता है? क्या कोरोना वायरस सरकार बात करता है और कहता है कि वह तभी हमला करेगा जब मंदिर फिर से खुलेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल शिवसेना अपने सहयोगियों- कांग्रेस और राकांपा को खुश करने के लिए मंदिरों को फिर से खोलने की अनुमति नहीं दे रही है।
उधर, दिल्ली बीजेपी के चीफ आदेश गुप्ता ने केजरीवाल सरकार पर हमला बोल कहा कि उन्हें बच्चों की कोई फिक्र नहीं है। शनिवार को उन्होंने आप सरकार की तीखी आलोचना की थी। सरकार ने 9वीं से 12वीं तक के स्कूल 1 सितंबर से खोलने की घोषणा की थी। इसमें कोचिंग सेंटर भी शामिल हैं।
दिल्ली के स्कूल पिछले साल मार्च के बाद से अभी तक नहीं खुले हैं। लॉकडाउन के बाद स्कूल बंद कर दिए गए थे।
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