भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) कानपुर के शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन में कहा है कि देश में कोरोना संक्रमण की चौथी लहर 22 जून के आसपास आ सकती है। अगस्त के मध्य से अंत तक, चौथी लहर चरम पर पहुंच सकती है।
यह अध्ययन मेडरिव पत्रिका में हाल में प्रकाशित हुआ है और इस पर अभी निष्कर्ष आना बाकी है। शोधकर्ताओं ने सांख्यिकीय माडल के आधार पर यह अनुमान जताया है। इस अनुमान के अनुसार संभावित चौथी लहर करीब चार माह चलेगी। आइआइटी कानपुर के गणित और सांख्यिकीय विभाग के साबरा प्रसाद राजेशभाई, सुभ्र शंकर धर और शलभ के नेतृत्व में किए गए अध्ययन से पता चलता है कि चौथी लहर की गंभीरता कोरोना विषाणु के नए संभावित बहुरूप और देश भर में टीकाकरण की स्थिति पर निर्भर करेगी।
शलभ के अनुसार आंकड़े दिखाते हैं कि देश में संक्रमण की चौथी लहर प्रारंभिक आंकड़े उपलब्धता तिथि के 936 दिन बाद आएगी, जो कि 30 जनवरी 2020 है। उन्होंने लिखा कि इसलिए चौथी लहर 22 जून 2022 के आसपास शुरू होगी और 23 अगस्त 2022 तक चरम पर पहुंचेगी और फिर 24 अक्तूबर 2022 तक समाप्त हो जाएगी।
शलभ ने हालांकि कहा कि इस बात की संभावना हमेशा होती है कि संभावित कोरोना नए बहुरूप का गहरा असर पूरे आकलन पर हो। उन्होंने कहा कि ये असर बहुरूप की संक्रामकता और अन्य विभिन्न कारकों पर निर्भर करेंगे। शलभ के अनुसार इन तथ्य के अलावा संक्रमण, संक्रमण का स्तर और चौथी लहर से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर टीकाकरण (पहली, दूसरी या एहतियाती) खुराक का प्रभाव अहम भूमिका निभा सकता है।
शलभ ने बताया कि तीसरी लहर को लेकर की गई हमारी भविष्यवाणी एकदम सही साबित हुई थी। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि इस बार हमारी भविष्यवाणी गलत साबित हो। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने हाल ही में आगाह किया था कि कोरोना विषाणु का ओमीक्रान बहुरूप अंतिम बहुरूप नहीं होगा और अगला बहुरूप अधिक संक्रामक हो सकता है।
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