Vivo Raid News: प्रवर्तन निदेशलय (ED) की जांच में जानकारी सामने आई है कि चीनी मोबाइल निर्माता फर्म वीवो इंडिया ने टर्नओवर का आधा हिस्सा 8 बिलियन डॉलर यानी कि लगभग 62,476 करोड़ रुपए चीन के मूल वीवो कंपनी को भेजा है। भारत में टैक्स से भुगतान करने से बचने के लिए वीवो कंपनी (VIVO) ने ऐसा किया। ईडी ने अभी तक वीवो से जुड़ी 23 कंपनियों के 48 स्थानों पर छापेमारी की है।
मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को कहा कि विभिन्न संस्थाओं की ओर से 119 बैंक खातों से 465 करोड़ की धनराशि को जब्त किया गया है, जिसमें 73 लाख रुपए नकद और 2 किलोग्राम सोने की छड़ें जब्त की गई हैं। ईडी के अनुसार, वीवो मोबाइल इंडिया और इससे जुड़ी 23 कंपनियां के 48 स्थानों पर 5 जुलाई के बाद से अबतक छापेमारी हो चुकी है।
ईडी ने कहा कि वीवो के एक पूर्व निदेशक बिन लू ने 2018 में कई कंपनियों को शामिल करने के बाद भारत छोड़ दिया था, जो अब वीवो इंडिया के दायरे में हैं। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि “कुछ चीनी नागरिकों सहित वीवो इंडिया के कर्मचारियों ने खोज कार्यवाही में सहयोग नहीं किया और खोज टीमों द्वारा सबूत के तौर पर रखे गए डिजिटल उपकरणों को हटाने और छिपाने की कोशिश की।”
वहीं एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, ईडी को शक है कि वीवों ने कंपनी के नाम पर टैक्स न चुकाने के लिए जाली पहचान बनाया गया हो सकता है और गलत तरीके से पैसा कमाया गया, जिसके बाद भारतीय नियमों को दरकिनार करके चीन और अन्य व्यवसायों को भेजा गया था।
इसके अलावा प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया ने ईडी का हवाला देते हुए एक ट्वीट में कहा है कि वीवो द्वारा भेजी गई वास्तविक राशि लगभग 62,476 करोड़ रुपए है। ट्वीट में आगे कहा गया है कि भारत में करों से बचने के लिए राशि चीनी वीवो कंपनी को भेजे गए हैं।
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