सेना में भर्ती के लिए लाई गई केंद्र की “अग्निपथ योजना” को लेकर जेडीयू नेता ने तंज कसा कि अगर नौकरी के लिए आवेदन आ रहे हैं, तो ये कोई कामयाबी नहीं है। इसकी वजह यह है कि नौजवानों के पास कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा, “दिहाड़ी पर काम करने के लिए लोग परेशान हैं, फैक्ट्रियों में नौकरियां नहीं हैं। वहां किसी तरह से वो जुगाड़ लगाने की कोशिश में हैं कि कोई काम मिल जाए। चार साल की नौकरी के नाम पर अगर कोई आवेदन कर रहा है तो इसे कामयाबी नहीं मानें।”
जेडीयू कहा, “3500 एयरफोर्स की वैकेंसी में 4 साल बाद सिर्फ 875 लोग नौकरी में रहेंगे। ये आंकड़े कितने भयावह है। नौकरियों के लिए अगर आवेदन आ रहे हैं, तो आपने उसके आधार पर कहा कि युवाओं ने इस योजना को स्वीकर कर लिया है। दरअसल उनके पास विकल्प नहीं है।”
राजीव रंजन ने कहा कि डेढ़ लाख बच्चे रिटन का इंतेजार कर रहे हैं। जो नियुक्तियों के परंपरागत तौर तरीके थे आपने उनको भी अवसरों से वंचित कर दिया और कारगिल रिव्यू कमिटी को लेकर कुछ मनमाफिक चीजों को अपने तरीके से राजनैतिक दलों के सामने परिभाषित करने की आदत सी हो गई है।
उन्होंने कहा, “इंटेलीजेंस फेलियर से लेकर कई तरह की जो कमियां थीं उन सभी को इस रिव्यू में शामिल किया गया, लेकिन बेरोजगारी जो देश का सबसे बडा सवाल है। यूपी-बिहार जहां पर योजना को लेकर सबसे ज्यादा बवाल हुआ, उसकी वजह यह है कि सालों से उन लोगों के लिए उम्मीदें सेना से जुड़ी हुई थीं।”
गौरतलब है कि पिछले दिनों देशभर में अग्निपथ योजना का विरोध देखने को मिला। बिहार, दिल्ली, एमपी, राजस्थान और हरियाणा समेत कई राज्यों में इस योजना के खिलाफ छात्रों ने प्रदर्शन किए। इस दौरान कई हिंसात्मक घटनाएं भी देखने को मिलीं। हालांकि छात्रों के रुख को देखते हुए केंद्र सरकार ने अग्निपथ योजना में अभ्यर्थियों की उम्र सीमा को 21 से बढ़ाकर 23 कर दिया है। बता दें कि पिछले दो सालों के दौरान कोई भर्ती नहीं हुई थी। ऐसे में सरकार ने उम्र सीमा बढ़ाने के फैसला किया।
from National News in Hindi, Latest India’s News in Hindi, Hindi National News, नेशनल न्यूज़ - Jansatta | Jansatta https://ift.tt/Kn2D6VQ
No comments:
Post a Comment