Friday, July 8, 2022

Indian Police: पुलिस बल में सिर्फ 10.5 प्रतिशत महिलाएं, आंध्र प्रदेश में सबसे कम; 3 में से सिर्फ 1 थान में है CCTV

देश के पुलिस बल में महिलाओं की कितने प्रतिशत साझेदारी है। देश के किन-किन राज्यों के पुलिस थानों में कितने सीसीटीवी कैमरे लगे और साइबर सेल बनाने के मामले में राज्यों की क्या स्थिति है। इन सभी मुद्दों को लेकर इंडिया जस्टिस रिपोर्ट (IJR) ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महिलाएं पूरे पुलिस बल का केवल 10.5 प्रतिशत हैं, और तीन में से सिर्फ एक पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरा लगा है। रिपोर्ट से यह भी पता चला है कि देश के 41 प्रतिशत पुलिस स्टेशनों को जनवरी 2021 तक महिलाओं के लिए हेल्प डेस्क मिलना बाकी था और उनके सभी जिलों में केवल 14 राज्यों में साइबर सेल है।

हालांकि, पुलिस बलों में महिलाओं के लिए 30% आरक्षण है, लेकिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महिलाएं पूरे पुलिस बल का केवल 10.5 प्रतिशत हैं। आईजेआर के अनुसार, 11 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में यह 5 फीसदी या उससे कम है।

तमिलनाडु (19.4%), बिहार (17.4%) और गुजरात (16%) में महिला पुलिस अधिकारियों का प्रतिशत सबसे अधिक है, ये राज्य भी क्रमशः 30%, 38% और 33% के अपनी घोषणा के मुताबिक आरक्षण को पूरा नहीं करते हैं। 6.3% के साथ आंध्र प्रदेश में महिलाओं का प्रतिशत सबसे कम है, इसके बाद झारखंड और मध्य प्रदेश में 6.6% है।

गृह मंत्रालय के तहत दिल्ली पुलिस में 12.4% महिलाएं हैं। दिल्ली पुलिस अगर अपने लक्ष्य प्रतिशत को वर्तमान गति से पूरा करती है तो उसको 31 साल लगेंगे। वहीं इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के मुताबिक, देश के पुलिस बल को 33 फीसदी महिला प्रतिनिधित्व हासिल करने में 33 साल लगेंगे।

सीसीटीवी कैमरा-
निर्भया फंड के बाद भी देश के 17, 233 पुलिस स्टेशनों में से तीन में से एक में, एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं है। केवल तीन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों (ओडिशा, तेलंगाना और पुडुचेरी) में सभी पुलिस स्टेशनों में कम से कम एक सीसीटीवी कैमरा है। चार राज्यों जिसमें केंद्र शासित प्रदेश भी शामिल हैं (राजस्थान, मणिपुर, लद्दाख, लक्षद्वीप) उनमें सीसीटीवी कैमरों के साथ 1% से कम पुलिस स्टेशनों की सूचना दी गई है।

इसके अलावा, इंडिया जस्टिस रिपोर्ट ने यह भी कहा कि 2019-20 में आधुनिकीकरण के लिए धन का आवंटन कम हो गया है। हालांकि, विश्लेषण से पता चलता है कि दी गई धनराशि का वास्तविक उपयोग 2018-19 में 41.4% से बढ़कर वर्ष 2019-20 में 54% हो गया है।

आईजेआर का कहना है, “2019-20 में राज्य के उपयोग के लिए बीपीआरएंडडी के नवीनतम संशोधित आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसने आवंटित धन का 100% उपयोग किया है।” कम से कम 16 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने स्वीकृत फंड के 40% से कम का उपयोग किया, जबकि ओडिशा और महाराष्ट्र क्रमशः 9.6% और 12.5% फंड का ही उपयोग कर सके।

साइबर सेल-
भारत के 746 जिलों में से केवल 63% में ही साइबर सेल है, जबकि संसदीय स्थायी समिति ने प्रत्येक जिले के लिए इस तरह की एक सेल बनाने की सिफारिश की है। फरवरी 2022 में राज्यसभा में पेश की गई एक रिपोर्ट से प्राप्त आंकड़ों को गुरुवार को जारी किया गया। वहीं पंजाब, मिजोरम, जम्मू और कश्मीर राज्यों के फरवरी 2022 तक उनके किसी भी जिले में कोई साइबर सेल नहीं है।

बता दे, इंडिया जस्टिस रिपोर्ट न्याय क्षेत्र के सुधार की दिशा में काम कर रहे संगठनों के एक समूह द्वारा संकलित की गई रिपोर्ट है। इन संगठनों में सेंटर फॉर सोशल जस्टिस, कॉमन कॉज, कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव, दक्ष, टिसप्रयास, विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी और हाउ इंडिया लाइव्स शामिल हैं।



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