सड़क दुर्घटनाओं में हो रही वृद्धि को देखते हुए भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की एक पहल से ’इंटीग्रेटेड रोड ऐक्सिडेंट डेटाबेस’ नाम का एक मोबाइल एप बनाया गया है।
उत्तरी जिला पुलिस उपायुक्त डीसीपी सागर सिंह कलसी के नेतृत्व में नेशनल इनफार्मेटिकस सेंटर (एनआइसी) ने इंटीग्रेटेड रोड ऐक्सिडेंट डेटाबेस मोबाइल ऐप को लेकर पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिया। इस प्रशिक्षण में उत्तरी जिले के सभी पदाधिकारी मौजूद थे। एनआइसी के एसआरएम कुंदन कुमार के मुताबिक ‘घटना की जानकारी मिलते ही निकटतम पुलिसकर्मी घटनास्थल पर पहुंचेंगे तभी इस एप्लीकेशन पर घटनास्थल की पूरी जानकारी जैसे दुर्घटना पर रिपोर्टिंग की तारीख और समय पता करके डालनी होगी। फिर ऐप दुर्घटना स्थल का ‘लोंगिटयूड’ और ‘लेटस्टयूट’ अपने आप ले लेगा।’
इसके बाद दुर्घटना की गंभीरता, घायलों की संख्या और वाहनों की संख्या देखी जाएगी। भविष्य में इस ऐप को स्वास्थ्य विभाग से भी जोड़ा जाएगा। जिससे पुलिसकर्मी के ऐप में घटनाक्रम के दर्ज करते ही निकटतम रोड एक्सीडेंट अस्पताल को नोटिफिकेशन चला जाएगा और इसके अनुसार अस्पताल में व्यवस्था की जाएगी और घायलों को जल्द से जल्द इलाज मुहैया कराया जाएगा।
एनआइसी डीआरएम अखिलेश त्रिपाठी के मुताबिक ‘भारत सरकार ने परियोजना के विकास, प्रशिक्षण और रखरखाव के लिए एनआईसी को नियुक्त किया है सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए आईआईटी मद्रास एनालिटिक्स और नई नीतियां तैयार करेगा। आईआरएडी परियोजना के अंतर्गत इस प्रोग्राम को मोबाइल एप के द्वारा इस्तेमाल किया जाएगा।
हालांकि सड़क दुर्घटना स्थल पर डाटा रिकॉर्ड करने के लिए केवल मोबाइल ऐप का इस्तेमाल करना होगा’। इस परियोजना से भारत सरकार का लक्ष्य है की सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित किया जाए व दुर्घटना से प्रभावित घायलों को वक्त पर इलाज दिलाया जाए।
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