बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी अक्सर सरकार की गलतियों या फिर किसी गलत फैसले पर तुरंत ही मुखर हो जाते हैं और समय के मुताबिक वो उसका जवाब जरूर देते हैं। चीन ने साल 1993 और 1996 के समझौतों का उल्लंघन कर दिया था इसका मतलब है कि चीन ने एलएसी पार कर लिया है और भारत सरकार अभी तक इस बात को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। स्वामी ने ट्वीटर पर बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए लिखा है, चीनियों के साथ दारू और डिनर कर लेने के बाद आखिर अब नींद खुल ही गई।
दरअसल विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को कहा था कि भारत चीन द्वारा यथास्थिति या वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास की अनुमति नहीं देगा। पूर्वी लद्दाख सीमा विवाद पर बातचीत करते हुये जयशंकर ने कहा कि चीन ने 1993 और 1996 के समझौते का उल्लंघन करते हुये सीमा पर बड़ी तादाद में सैन्य तैनाती की। उन्होंने कहा कि उसका प्रयास स्पष्ट रूप से एलएसी को एकतरफा रूप से बदलने का था ।
हम एलएसी पर मुकाबला करने में सक्षम थे
शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक न्यूज चैनल से बातचीत करते हुए बताया था कि भले ही हम उस समय कोविड-19 के दौर से गुजर रहे थे, लेकिन एक व्यापक संगठनात्मक व नियोजित प्रयास के माध्यम से, हम वास्तव में एलएसी पर उनका मुकाबला करने में सक्षम थे, जिसके बारे में मुझे लगता है कि कभी-कभी लोगों द्वारा, विश्लेषकों द्वारा, यहां तक कि इस देश में हमारी राजनीति में भी पर्याप्त रूप से इसे मान्यता नहीं दी गई।
चीन के मुकाबले हमने भी अग्रिम इलाकों में की थी तैनाती
विदेश मंत्री ने कहा, जो हुआ, वह इसी का परिणाम था क्योंकि उन्होंने (चीन) अग्रिम इलाकों में तैनाती की थी जो नई थी, और हमने उनके मुकाबले में तैनाती की थी, हमनें भी अग्रिम इलाकों में तैनाती की। यह बेहद खतरनाक था क्योंकि वे बहुत निकट थे। नियमों का पालन नहीं किया गया और फिर, दो साल पहले गलवान में ठीक वही हुआ जिसकी हमें आशंका थी। स्थिति हिंसक हो गई और लोग हताहत हुए।
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