भारत के राशन कार्ड धारकों को दी जाने वाली फ्री राशन का लाभ जल्द ही बंद हो सकता है, क्योंकि इस पर वित्त मंत्रालय की ओर से आपत्ति की गई है। कोरोना महामारी में इस योजना की शुरुआत गरीब परिवारों को फ्री में राशन का लाभ देने के लिए शुरू किया गया था, जिसकी अंतिम तारीख 31 मार्च 2022 थी, लेकिन बाद में इसे छह महीने के लिए और बढ़ा दिया था।
कोविड -19 महामारी के दौरान शुरू की गई यह योजना, 80 करोड़ से अधिक लोगों को प्रति माह 5 किलो मुफ्त चावल या गेहूं और 1 किलो साबुत चना प्रति व्यक्ति दिया जाता है। यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत सब्सिडी वाले राशन के अतिरिक्त लाभ है। ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, व्यय विभाग ने मंत्रालय से कहा है कि या तो सितंबर में इस योजना को बंद कर दें या सरकार की वित्तीय स्थिति को स्थिर करने के लिए कर में बड़ी कटौती करें।
3.7 लाख करोड़ तक हो सकता है बिल
अपने बजट 2022 के भाषण के दौरान, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2023 के लिए खाद्य सब्सिडी बिल को पिछले साल के 2.86 लाख करोड़ रुपए से घटाकर 2.07 लाख करोड़ रुपए कर दिया था। सितंबर तक भारत का सब्सिडी बिल बजट से बढ़कर 2.87 लाख करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है। ईटी के अनुसार, अगर यह 6 महीने और चलता है, तो बिल बढ़कर 3.7 लाख करोड़ रुपए तक हो सकता है।
वित्तीय संकट का दबाव
देश में महंगाई को कम करने के लिए सरकार के कई कदमों से सरकार की राजकोषीय नीति पर दबाव बढ़ गया है। पेट्रोल और डीजल पर करों में कटौती, उर्वरक सब्सिडी में वृद्धि, खाद्य तेल पर सीमा शुल्क कम करना और रसोई गैस पर सब्सिडी के लागू होने से देश वित्तीय संकट से होकर गुजर रहा है। वही केवल पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती से सरकार को करीब 1 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
राशन से आधार लिंक
गौतलब है कि राशन कार्ड को आधार से लिंक करने के लिए अंतिम समय 30 जून दिया गया है। इसे 31 मार्च से बढ़ाकर 30 जून 2022 तक किया गया है। अगर कोई धारक आधार को राशन से लिंक नहीं करता है तो वह वन नेशन वन राशन कार्ड योजन से वंचित हो सकता है। साथ ही सरकारी योजना का लाभ भी नहीं मिलेगा।
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