महाराष्ट्र में मचे सियासी बवाल के बीच शिवसेना ने असम के गुवाहाटी में एक होटल में ठहरे 16 बागी विधायकों को लीगल नोटिस भेजा है। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने रविवार को जानकारी दी कि बागियों के खिलाफ पार्टी ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और संबंधित विधायकों को नोटिस दिया है। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के डीजीपी को पत्र लिखकर शिंदे गुट के विधायकों और उनके परिवारों को तत्काल रूप से सुरक्षा प्रदान करने की बात कही है।
बता दें कि महाराष्ट्र में सियासी हलचल के बीच रविवार को शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है, कई विधायक दलबदल कर असम चले गए हैं। हमने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और अब तक 16 विधायकों को नोटिस भेजा गया है।
शिवसेना के वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने कहा, “शिवसेना द्वारा 16 विधायकों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की गई है, संविधान में प्रावधान के तहत यदि कोई व्यक्ति किसी पार्टी की सदस्यता छोड़ देता है तो वह अयोग्य होता है।” उन्होंने कहा कि शिवसेना द्वारा अलग-अलग समय पर कई बैठकें बुलाई गईं। इन बैठकों में इन 16 विधायकों में से किसी ने भी भाग नहीं लिया। इनके द्वारा भाजपा शासित राज्यों का दौरा करना, भाजपा नेताओं से मिलना और सरकार गिराने का प्रयास करना उल्लंघन की श्रेमी में आता है।
गौरतलब है कि कामत ने कहा कि बागियों के लिए अयोग्यता से बचने का मर्जर ही एक ही रास्ता बचा है। बिना मर्ज किए ये लोग अयोग्यता से बच नहीं सकते। जब तक बागी विधायक किसी दूसरी पार्टी में विलय नहीं करते, उनपर अयोग्यता लागू होती है।
राज्यपाल ने गृह सचिव से मांगे केंद्रीय सुरक्षा बल: मालूम हो कि महाराष्ट्र में बागी विधायकों को लेकर शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पहले राज्य के पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखकर शिंदे खेमे के विधायकों और उनके परिजनों को तत्काल सुरक्षा देने को कहा है।
वहीं अब राज्यपाल केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में केंद्रीय बलों को तैयार रखने की बात कही है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बागी विधायकों द्वारा हिंसा के आरोप लगाए जाने के बाद यह बात सामने आई है, जो वर्तमान में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं।
द इंडियन एक्सप्रेस ने पत्र के हवाले से लिखा है कि राज्यपाल ने यह पत्र 25 जून को भेजा था। जिस वक्त वे अस्पताल में थे। पत्र में उन्होंने भल्ला को सूचित किया कि उन्होंने पुलिस से विधायकों को पर्याप्त सुरक्षा देने के लिए कहा था, लेकिन इसके बाद भी पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।
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