Thursday, June 30, 2022

उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्‍या: मौलाना यासूब बोले- कत्ल करना मोहम्मद साहब वाला इस्‍लाम नहीं, ये तालिबानी इस्‍लाम है

उदयपुर घटना ने पूरे देश में तहलका मचा दिया है। लोग इस घटना को लेकर काफी आक्रोश में हैं। आम जनता से लेकर राजनेताओं तक सभी इसकी निंदा कर रहे हैं। इस बीच, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसी की हत्या करना मोहम्मद साहब वाला इस्लाम नहीं हो सकता बल्कि, यह तालिबानी इस्लाम है।

उन्होंने उदयपुर घटना के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा की है और कहा कि उदयपुर में जिस तरह इस्लाम और मजहब का नाम लेकर इंसानियत का कत्ल किया गया, उसकी इस्लाम कतई इजाजत नहीं देता।

उन्होंने कहा, “इस्लाम तो कहता है कि जिसने एक इंसान को कत्ल किया उसने पूरी इंसानियत का कत्ल किया और जिसने एक इंसान की जान बचाई, तो उसने पूरी इंसानियत बचा ली। अफसोस की बात है कि लबैक या रसूल अल्लाह के नारे भी लगा रहे हैं, चेहरे पर दाढ़ी भी रखी हुई है और इस्लाम को बदनाम भी कर रहे हैं। ये उसी तालिबानी सोच के लोग हैं, जिन्होंने चेहरे पर दाढ़ी तो रख ली है, माथे पर नमाज का निशान भी है लिबास से भी इस्लामी लग रहे हैं, लेकिन इनका दूर-दूर तक इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं।”

मौलाना ने कहा, “ये कत्ल करते हैं तो अल्लाह हू अकबर कहते हैं। ये कत्ल करते हैं तो लबैक या रसूल अल्लाह कहते हैं। इसका मतलब ये है कि ये उसी नस्ल से हैं जिन्होंने करबला में हजरत इमाम अली सलाम को आज से 1400 साल से पहले शहीद करके अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए थे।”

उन्होंने कहा कि हिंदू और मुसलमान भाईयों से अपील है कि प्यार-मोहब्बत और मेल-मिलाप से रहें, जिससे हमारे देश की अखंडता बनी रहे। हम उन हाथों को तोड़ दें, जो हमारे देश की एकता को तोड़ने की कोशिश करते हैं।



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RBI गर्वनर बोले, क्रिप्टोकरेंसी खतरनाक, रिकवरी की राह पर इकोनॉमी; लाभ की ओर लौट रहे बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गर्वनर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने क्रिप्‍टोकरेंसी (Crypto Currency) को लेकर बड़ी बात कही है। उन्‍होंने क्रिप्टोकरेंसी को एक स्‍पष्‍ट खतरा बताया है और इससे सावधान रहने की सलाह दी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि बिना किसी अंतर्निहित के विश्वास के आधार पर मूल्य प्राप्त करने वाली किसी भी चीज़ को जोड़ना केवल अटकलें हैं। उन्‍होंने आरबीआई की रिपोर्ट को लेकर कहा कि इकोनॉमी रिकवरी की राह पर है तो वहीं भारतीय बैंक लाभ की ओर लौट रहे हैं।

आरबीआई की 25वीं वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) में कहा गया है कि क्रिप्टो -परिसंपत्ति पारिस्थितिकी तंत्र का बढ़ता खतरा है। केंद्रीय बैंक ने आगे कहा कि क्रिप्टोकरेंसी ने परिसंपत्ति बाजारों से जुड़ी कई कमजोरियों को उजागर किया गया है। आरबीआई ने क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर कई बार चिंता जाहिर कर चुका है, जिसे अत्यधिक सट्टा संपत्ति के रूप में देखा जाता है।

शुन्‍य तक हो सकती है क्रिप्‍टो की कीमत
आरबीआई ने कहा कि क्रिप्टो जोखिमों और डेटा गैप जैसी चुनौतियों का सामना करता है। वहीं महंगाई दर के बढ़ते दबाव के कारण वैश्विक तरलता का प्रभाव भी क्रिप्‍टो पर पड़ा है। इसक कारण इसकी कीमत शुन्‍य तक हो सकती है।

लाभ की ओर लौट रहे बैंक
FSR की रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग क्षेत्र में भारतीय बैंक लाभ की ओर लौट रहे हैं। आरबीआई ने कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) के जोखिम भारित संपत्ति अनुपात (सीआरएआर) की पूंजी 16.7% की नई ऊंचाई पर पहुंच गई है, जबकि मार्च 2022 में बैंकों का ग्रॉस नॉन-परफार्मिंग एसेस्‍ट अनुपात गिरकर छह साल के निचले स्तर 5.9 प्रतिशत पर आ गया।

रिकवरी की राह पर इकोनॉमी
केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था रिकवरी की राह पर है। लेकिन मुद्रास्फीति के दबाव और भू-राजनीतिक जोखिमों से सावधानीपूर्वक निपटने और स्थिति की बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता है। रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों के साथ-साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के पास संकट झेलने के लिए पर्याप्त पूंजी है।



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उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्‍या: मौलाना यासूब बोले- कत्ल करना मोहम्मद साहब वाला इस्‍लाम नहीं, ये तालिबानी इस्‍लाम है

उदयपुर घटना ने पूरे देश में तहलका मचा दिया है। लोग इस घटना को लेकर काफी आक्रोश में हैं। आम जनता से लेकर राजनेताओं तक सभी इसकी निंदा कर रहे हैं। इस बीच, ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी मौलाना यासूब अब्बास ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि किसी की हत्या करना मोहम्मद साहब वाला इस्लाम नहीं हो सकता बल्कि, यह तालिबानी इस्लाम है।

उन्होंने उदयपुर घटना के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की है। उन्होंने इस घटना की कड़ी निंदा की है और कहा कि उदयपुर में जिस तरह इस्लाम और मजहब का नाम लेकर इंसानियत का कत्ल किया गया, उसकी इस्लाम कतई इजाजत नहीं देता।

उन्होंने कहा, “इस्लाम तो कहता है कि जिसने एक इंसान को कत्ल किया उसने पूरी इंसानियत का कत्ल किया और जिसने एक इंसान की जान बचाई, तो उसने पूरी इंसानियत बचा ली। अफसोस की बात है कि लबैक या रसूल अल्लाह के नारे भी लगा रहे हैं, चेहरे पर दाढ़ी भी रखी हुई है और इस्लाम को बदनाम भी कर रहे हैं। ये उसी तालिबानी सोच के लोग हैं, जिन्होंने चेहरे पर दाढ़ी तो रख ली है, माथे पर नमाज का निशान भी है लिबास से भी इस्लामी लग रहे हैं, लेकिन इनका दूर-दूर तक इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं।”

मौलाना ने कहा, “ये कत्ल करते हैं तो अल्लाह हू अकबर कहते हैं। ये कत्ल करते हैं तो लबैक या रसूल अल्लाह कहते हैं। इसका मतलब ये है कि ये उसी नस्ल से हैं जिन्होंने करबला में हजरत इमाम अली सलाम को आज से 1400 साल से पहले शहीद करके अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए थे।”

उन्होंने कहा कि हिंदू और मुसलमान भाईयों से अपील है कि प्यार-मोहब्बत और मेल-मिलाप से रहें, जिससे हमारे देश की अखंडता बनी रहे। हम उन हाथों को तोड़ दें, जो हमारे देश की एकता को तोड़ने की कोशिश करते हैं।



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RBI गर्वनर बोले, क्रिप्टोकरेंसी खतरनाक, रिकवरी की राह पर इकोनॉमी; लाभ की ओर लौट रहे बैंक

भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) के गर्वनर शक्तिकांत दास (Shaktikant Das) ने क्रिप्‍टोकरेंसी (Crypto Currency) को लेकर बड़ी बात कही है। उन्‍होंने क्रिप्टोकरेंसी को एक स्‍पष्‍ट खतरा बताया है और इससे सावधान रहने की सलाह दी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि बिना किसी अंतर्निहित के विश्वास के आधार पर मूल्य प्राप्त करने वाली किसी भी चीज़ को जोड़ना केवल अटकलें हैं। उन्‍होंने आरबीआई की रिपोर्ट को लेकर कहा कि इकोनॉमी रिकवरी की राह पर है तो वहीं भारतीय बैंक लाभ की ओर लौट रहे हैं।

आरबीआई की 25वीं वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (FSR) में कहा गया है कि क्रिप्टो -परिसंपत्ति पारिस्थितिकी तंत्र का बढ़ता खतरा है। केंद्रीय बैंक ने आगे कहा कि क्रिप्टोकरेंसी ने परिसंपत्ति बाजारों से जुड़ी कई कमजोरियों को उजागर किया गया है। आरबीआई ने क्रिप्‍टोकरेंसी को लेकर कई बार चिंता जाहिर कर चुका है, जिसे अत्यधिक सट्टा संपत्ति के रूप में देखा जाता है।

शुन्‍य तक हो सकती है क्रिप्‍टो की कीमत
आरबीआई ने कहा कि क्रिप्टो जोखिमों और डेटा गैप जैसी चुनौतियों का सामना करता है। वहीं महंगाई दर के बढ़ते दबाव के कारण वैश्विक तरलता का प्रभाव भी क्रिप्‍टो पर पड़ा है। इसक कारण इसकी कीमत शुन्‍य तक हो सकती है।

लाभ की ओर लौट रहे बैंक
FSR की रिपोर्ट के अनुसार, बैंकिंग क्षेत्र में भारतीय बैंक लाभ की ओर लौट रहे हैं। आरबीआई ने कहा कि अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (एससीबी) के जोखिम भारित संपत्ति अनुपात (सीआरएआर) की पूंजी 16.7% की नई ऊंचाई पर पहुंच गई है, जबकि मार्च 2022 में बैंकों का ग्रॉस नॉन-परफार्मिंग एसेस्‍ट अनुपात गिरकर छह साल के निचले स्तर 5.9 प्रतिशत पर आ गया।

रिकवरी की राह पर इकोनॉमी
केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था रिकवरी की राह पर है। लेकिन मुद्रास्फीति के दबाव और भू-राजनीतिक जोखिमों से सावधानीपूर्वक निपटने और स्थिति की बारीकी से निगरानी करने की आवश्यकता है। रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों के साथ-साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों के पास संकट झेलने के लिए पर्याप्त पूंजी है।



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निरहुआ के बड़े भाई का एक्सीडेंट, लखनऊ जाते वक्त हुआ हादसा, कार के उड़े चिथड़े

आजमगढ़ से नवनिर्वाचित भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ के बड़े भाई विजय लाल यादव का भीषण एक्सीडेंट हो गया है। एक ट्वीट में दिनेश लाल यादव ने बताया कि मेरे बड़े भाई के लखनऊ जाने के क्रम में, रास्ते में ही उनकी कार का एक्सीडेंट हो गया। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बता दें कि विजय लाल यादव की फॉर्च्यूनर कार का एक्सीडेंट बाराबंकी के पास हुआ है।

दिनेश लाल यादव ने अपने ट्वीट में लिखा, “बड़े भैया विजय लाल यादव जी की कार लखनऊ जाने के क्रम में दुर्घटना ग्रस्त हो गयी। हमारे प्रतिनिधि ने भैया से बात कराया, उन्हें वेदन्ता हॉस्पिटल ले जाया जा रहा है। प्रवेश लाल और कवि जी वहां पहुंच रहे हैं। हम लोग भी जल्द भैया के पास पहुंच जाएंगे। बाबा विश्वनाथ जल्द स्वास्थ्य लाभ दें।”

बता दें कि दिनेश लाल ने यह ट्वीट 30 जून की दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर किया था। बारांबकी के पास हुए इस हादसे को लेकर जानकारी है कि फॉर्च्यूनर की स्पीड काफी तेज थी और चालक का संतुलन बिगड़ गया। जिससे गाड़ी डिवाइडर से टकराकर पलट गई। एक्सीडेंट इतना भीषण था कि गाड़ी के चिथड़े उड़ गए।

विजय लाल यादव: गौरतलब है कि विजय लाल यादव सपा सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। हाल ही में हुए आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में वो सपा की तरफ से प्रचार करते भी नजर आए थे। फिलहाल नतीजों में भाजपा प्रत्याशी और उनके छोटे भाई दिनेश लाल यादव ने सपा उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव को 8 हजार से अधिक वोटों से मात दी है।

मालूम हो कि राजनीति में आने को लेकर दिनेश लाल विजय लाल यादव को अपनी प्रेरणा मानते हैं। विजय लाल काफी समय से लोक गायकी से जुड़े रहे। बिरहा गायकी में उनका जाना माना नाम हैं। उन्हें यूपी के पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव से भी सम्मान मिल चुका है। उनका सपा से काफी पुराना जुड़ाव रहा है।

2019 के लोकसभा चुनाव में जब आजमगढ़ सीट से अखिलेश चुनाव लड़ रहे थे तो उनके सामने भाजपा ने दिनेश लाल यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था। उस दौरान विजय लाल सपा का प्रचार कर रहे थे। उन्होंने कहा था कि मेरा आशीर्वाद निरहुआ के साथ है, लेकिन मैं सपा का सच्चा सिपाही हूं और पार्टी के लिए काम करता रहूंगा।



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राज्‍यसभा में एक एमपी की औसत संपत्ति 79.54 करोड़, 31 प्रतिशत सांसदों पर क्रिमिनल केस, पढ़ें ADR की रिपोर्ट

राज्यसभा के वर्तमान सदस्यों में से 31 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि एक एमपी की औसत संपत्ति 79.54 करोड़ रुपए है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) संस्था की एक ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई। एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच (National Election Watch) ने वर्तमान 233 राज्यसभा सदस्यों में से 226 के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामलों और उनकी वित्तीय और अन्य जानकारियों की समीक्षा के बाद यह रिपोर्ट तैयार की है।

31 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले: रिपोर्ट के मुताबिक राज्यसभा के 226 सदस्यों में 197 यानि 87 प्रतिशत करोड़पति हैं, जबकि राज्यसभा सदस्यों की औसत संपत्ति 79.54 करोड़ रुपए है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 226 सदस्यों में 71 यानि 31 प्रतिशत ने अपने हलफनामों में खुद के खिलाफ आपराधिक मामले होने की घोषणा की है।

वहीं 37 सदस्यों यानि 16 प्रतिशत ने गंभीर आपराधिक मामले होने की पुष्टि की है। ADR रिपोर्ट के मुताबिक राज्यसभा के दो सदस्यों ने IPC की धारा 302 के तहत हत्या के मामले दर्ज होने की घोषणा की है जबकि चार सदस्य ऐसे हैं जिनके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है।

महिलाओं से जुड़े आपराधिक मामले: रिपोर्ट में कहा गया कि चार सांसदों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले घोषित किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार भाजपा के 85 में से 2, कांग्रेस के 31 में से 12, तृणमूल कांग्रेस के 13 में से तीन, राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के छह में से पांच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के पांच में से चार, आम आदमी पार्टी (आप) के 10 में से तीन सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।

वहीं, वाईएसआर कांग्रेस के नौ में से तीन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चार में दो सांसदों ने अपने हलफनामों में आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा के 85 में से 11, कांग्रेस के 31 में 8, तृणमूल कांग्रेस के 13 में से 1, आरजेडी के 6 में से 3 , माकपा के 5 से 2, आप के 10 में से 1, वाईएसआर कांग्रेस के 9 में से 3 और एनसीपी के चार में 1 सदस्यों ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने का उल्लेख किया है।

केरल में सबसे ज्यादा दागी: रिपोर्ट में दिए गए राज्यवार आंकड़ों के मुताबिक राज्यसभा में उत्तर प्रदेश के 31 में से 7 यानि 23 प्रतिशत, महाराष्ट्र के 19 में से 12 यानि 63 प्रतिशत, तमिलनाडु के 18 में से 6 यानि 33 प्रतिशत, पश्चिम बंगाल के 16 में से तीन यानि 19 प्रतिशत, केरल के नौ में से छह यानि 67 प्रतिशत और बिहार के 16 में से 10 यानि 63 प्रतिशत सदस्यों ने अपने-अपने हलफनामों में खुद के खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।



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Indian Railways IRCTC ने कैंसिल कर दी 181 ट्रेनें, सफर से पहले देख लें यह लिस्‍ट

भारतीय रेलवे ने जून के इस माह के आखिरी दिन यानी कि 30 जून को कई कारणों से 181 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है। अगर आप रेलवे से सफर करने की तैयारी कर रहे हैं तो एक बार अपने ट्रेन का स्‍टेटस जरूर चेक कर लें। लेकिन उससे पहले इन कैंसिल ट्रेनों की लिस्‍ट एक बार जरूर चेक कर लें। भारतीय रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, 181 ट्रेनों को मेंटीनेंश और ऑपरेशनल कारणों से रद्द किया गया है।

इसके साथ ही 25 ट्रेनों के सोर्स स्‍टेशन में परिवर्तन किया गया है तो वहीं 24 को शॉर्ट टर्मिनेट किया गया है। कैंसिल होने वाली ट्रेनों में दक्षिण मध्‍य रेलवे की 18 ट्रेनें भी शामिल हैं, जो छत्तीसगढ़ से होकर गुजरती हैं और इन्‍हें 2 जुलाई तक कैंसिल किया गया है। रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए पूरी और आंशिक रूप से रद्द की गई ट्रेनों की सूची अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है।

राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने यात्रियों से अपनी यात्रा की योजना बनाने से पहले enquiry.indianrail.gov.in/mntes या NTES ऐप पर जाकर ट्रेन की जानकारी ले सकते हैं। आज रेलवे की ओर से यूपी, बिहार, दिल्‍ली, पुणे, हरियाणा, कोलकात्ता, मध्‍य प्रदेश और राजस्‍थान जाने वाली ट्रेनों को कैंसिल किया गया है।

यहां 30 जून को रद्द की गई ट्रेनों की लिस्‍ट है।

  • ट्रेन संख्या 00101 संगोला (SGLA) – आदर्श नगर दिल्ली (ANDI)
  • ट्रेन नंबर 00103 भुसावल जं (BSL) – आदर्श नगर दिल्ली (ANDI)
  • ट्रेन नंबर 00107 देवलाली (DVL) – मुजफ्फरपुर जं (MFP)
  • ट्रेन नंबर 00108 मुजफ्फरपुर जं (MFP) – मनमाड जं (MMR)
  • ट्रेन 00112 दौंड जं (डीडी) – पुणे जं (पुणे)
  • ट्रेन संख्‍या 00123 सांगोला (एसजीएलए) – संकरेल गुड्स टर्मी (एसजीटीवाई)
  • ट्रेन संख्‍या 00124 संकरेल गुड्स टर्मी (SGTY) – दौंड जं (DD)
  • ट्रेन संख्‍या 00159 रावेर (RV) – आदर्श नगर दिल्ली (ANDI)
  • ट्रेन संख्‍या 00804 कोल्लम जं (QLN) – संकरल (SEL)
  • ट्रेन नंबर 01051 लोकमान्यतिलक (LTT) – मऊ जं (मऊ)
  • ट्रेन नंबर 01535 पुणे जं (पुणे) – फल्टन (PLLD)
  • ट्रेन 01536 फलटन (पीएलएलडी) – पुणे जं (पुणे)
  • ट्रेन 01537 लोनंद (एलएनएन) – फल्टन (पीएलएलडी)
  • ट्रेन संख्‍या 01538 फल्टन (पीएलएलडी) – लोनंद (एलएनएन)
  • ट्रेन नंबर 01539 पुणे जं (पुणे) – सतारा (एसटीआर)
  • ट्रेन संख्‍या 01540 सतारा (एसटीआर) – पुणे जं (पुणे)
  • ट्रेन नंबर 01665 रानी कमलापति (आरकेएमपी) – अगरतला (एजीटीएल)
  • ट्रेन संख्‍या 03085 अजीमगंज जं (AZ) – नलहाटी जं (NHT)
  • 03086 नलहाटी जं (NHT) – अजीमगंज जं (AZ)
  • 03087 अजीमगंज जं (AZ) – रामपुर हाट (RPH)
  • ट्रेन संख्‍या 03094 रामपुर हाट (RPH) – अजीमगंज जं (AZ)
  • ट्रेन संख्‍या 03316 समस्तीपुर जं (SPJ) – कटिहार जं (KIR)
  • ट्रेन संख्‍या 03341 बरका काना (बीआरकेए) – डेहरी ऑन सोन (डॉस)
  • ट्रेन नंबर 03342 डेहरी ऑन सोन (डॉस) – बरका काना (बीआरकेए)
  • ट्रेन संख्‍या 03359 बरका काना (बीआरकेए) – वाराणसी (बीएसबी)
  • ट्रेन संख्‍या 03360 वाराणसी (BSB) – बरका काना (BRKA)
  • ट्रेन संख्‍या 03379 बरौनी जं (BJU) – पटना जं (PNBE)
  • ट्रेन संख्‍या 03591 बोकारो स्टील सिटी (बीकेएससी) – आसनसोल मेन (एएसएन)
  • ट्रेन संख्‍या 04871 मेड़ता सिटी (एमईसी) – मेड़ता रोड जं (एमटीडी)
  • ट्रेन संख्‍या 04872 मेड़ता रोड जं (MTD) – मेड़ता सिटी (MEC)
  • ट्रेन नंबर 05095 नरकटियागंज जं (NKE) – गोरखपुर (GKP)
  • ट्रेन नंबर 05096 गोरखपुर (GKP) – नरकटियागंज जं (NKE)
  • ट्रेन नंबर 05221 सहरसा जं (SHC) – समस्तीपुर जं (SPJ)
  • ट्रेन नंबर 05239 पूर्णिया जं (PRNA) – सहरसा जं (SHC)
  • ट्रेन नंबर 05240 सहरसा जं (SHC) – पूर्णिया जं (PRNA)

बता दें कि यहां कुछ प्रमुख ट्रेनों के कैंसिल होने के बारे में जानकारी दी गई है। अगर आप अन्‍य ट्रेनों के बारे में जानना चाहते हैं तो आपको नीचे बताए गए प्रोसेस को फॉलों करना होगा।

  • सबसे पहले आप enquiry.indianrail.gov.in/mntes/ की वेबसाइट पर जाएं।
  • स्क्रीन के शीर्ष पैनल पर असाधारण ट्रेनों का चयन करें और रद्द की गई ट्रेनों पर क्लिक करें
  • समय, रूट और अन्य विवरणों के साथ ट्रेनों की सूची देखने के लिए कैंसिल ट्रेनों को विकल्‍प चुन सकते हैं।
  • इसी तरह शॉर्ट टर्मिनेटेड और सोर्स स्‍ट्रेशनों वाले ट्रेनों का विकल्‍प चुन सकते हैं।
  • इसके बाद आपके सामने पूरी लिस्‍ट ओपेन हो जाएगी।


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Wednesday, June 29, 2022

हम खरीद फरोख्त नहीं करते, कोई समर्थन दे तो क्या बुराई, बीजेपी नेता की बात पर पैनलिस्ट ने संविधान संशोधन का मशविरा दे कही ये बात

महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार पर मंडरा रहे संकट के बीच बीजेपी भी काफी एक्टिव हो गई है। इसे लेकर एक टीवी डिबेट में जब एंकर ने सवाल किया तो बीजेपी प्रवक्ता के के शर्मा बोले कि हम खरीद फरोख्त नहीं करते, लेकिन अगर खुद कोई समर्थन दे तो उसमें क्या बुराई है।

उन्होंने कहा कि अगर महाराष्ट्र में ऐसी कोई स्थिति है और हम सबसे बड़े विपक्षी दल हैं, तो हमारा ये दायित्व बनता है। उन्होंने कहा, “वहां की जनता ने हमें जनमत दिया है, तो हम क्या पीछे भाग जाएं। जनता के समर्थन का सम्मान नहीं करेंगे? अगर हमें सेवा करने का मौका मिलता है तो 100 प्रतिशत करेंगे।”

वहीं, 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 13 दिन बाद ही केंद्र में सत्ता छोड़ने और 1999 में दोबारा चुनाव कराने की बात याद कराते हुए एंकर ने कहा कि 25-30 सालों में बीजेपी के चालचरित्र चहेरे में काफी बदलाव आया है। इस पर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि दोनों घटनाओं और इस घटना में अंतर है। उन्होंने कहा कि माननीय अटल बिहारी वाजपेयी ने भरे सदन में कहा था कि अगर 1 वोट से मेरी सरकार जाती हो तो जाए, लेकिन हम खरीद फरोख्त नहीं करेंगे, आज भी हम कहते हैं कि खरीद फरोख्त नहीं करेंगे, लेकिन अगर हमें समर्थन मिलेगा तो लेंगे।

वहीं, वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष ने विभिन्न राज्यों में पिछले कुछ सालों में हुए तख्तापलट को लेकर बीजेपी पर हमला बोला और एक मशविरा भी दिया। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि संविधान के अंदर दो-तिहाई बहुमत से ये अमेंडमेंट पास कर देना चाहिए कि इस देश के अंदर जो सत्ता पक्ष है उसकी सरकारें ही सारे राज्यों में रहेंगी और वो सबको मान लेना चाहिए।”

उन्होंने कहा, “कर्नाटक में सरकार बनती है आप गिरा देते हैं, मध्य प्रदेश में सरकार बनती है आप गिरा देते हैं, राजस्थान में सरकार बनती है तो उसको गिराने की कोशिश करते हो, झारखंड की सरकार को गिराने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। महाराष्ट्र सरकार तकरीबन गिर गई है। उत्तराखंड में सरकार थी वो गिराई गई सुप्रीम कोर्ट ने उसको पलटा। अरूणाचल प्रदेश में सरकार थी वो भी गिराई गई। अब ये जो विधायक अचानक इधर-उधर जा रहे हैं क्या सबकी अंतरआत्मा अचानक से जाग जाती है। लोकतंत्र का सबसे बड़ा सवाल यही है।”



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महाराष्ट्रः गहरे संकट में फंसे उद्धव ठाकरे, सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक से किया इन्कार

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस परदीवाला की बेंच सभी पक्षों की दलीलों को 3 घंटे से ज्यादा वक्त तक सुना। उसके बाद फैसले को रात 9 बजे तक टाल दिया। फिर से बेंच बैठी तो सपाट फैसले में कहा कि फ्लोर टेस्ट पर वो रोक नहीं लगा रहे हैं। राज्यपाल ने जो आदेश दिया था उस पर अमल किया जाए। राज्यपाल ने गुरुवार सुबह 11 बजे फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था।

शिवसेना नेता सुनील प्रभु की तरफ से पैरवी कर रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि मंगलवार शाम को देवेंद्र फडणवीस गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मिलते हैं और बुधवार सुबह फ्लोर टेस्ट का आदेश जारी हो जाता है। उनका कहना था कि राकांपा के दो विधायक कोविड संक्रमित हैं और कांग्रेस के एक विधायक फिलहाल देश के बाहर हैं। उनका कहना था कि सुपरसॉनिक स्पीड से फ्लोर टेस्ट का आदेश जारी किया गया है। जबकि इसके जरिए ही पता लगाया जा सकता है कि कौन सी सरकार लोगों की इच्छा से बनी है।

सिंघवी का कहना था कि 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग पर अभी स्पीकर का फैसला आना बाकी है। अगर ये विधायक अयोग्य घोषित कर दिए जाते हैं तो असेंबली का गणित ही बदल जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि अयोग्यता का मसला उनके पास लंबित है। हमें फैसला करना है कि स्पीकर का नोटिस वैध है भी या नहीं। लेकिन उस मामले की वजह से फ्लोर टेस्ट पर क्या असर पड़ने जा रहा है।

शिवसेना के वकील का कहना था कि एक तरफ कोर्ट ने अयोग्यता वाले मसले को लंबित रख दिया वहीं दूसरी तरफ फ्लोर टेस्ट कराया जा रहा है। ये दोनों ही बातें एक दूसरे की विरोधाभाषी हैं। उनका कहना था कि सारे मसलों पर कोर्ट ने 11 जुलाई तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। ऐसे में कल अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो इससे गलत संदेश जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से पूछा कि क्या आप इस बात को नहीं मानते की शिवसेना के 34 विधायकों ने उद्धव ठाकरे से अलग होने की चिट्ठी दस्तखत करके भेजी है। सिंघवी का कहना था कि इसकी पुष्टि कैसे की जा सकती है। गवर्नर से एक सप्ताह तक चिट्ठी को अपने पास रखा और फिर जब नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस उनसे मिले तो वो हरकत में आ गए। उनका कहना था कि गवर्नर का हर फैसला अब कानूनी बहस का विषय है।

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सिंघवी का कहना था कि बागी विधायक पहले सूरत गए और फिर गुवाहाटी। वहां से वो ईमेल के जरिए अपनी बात कह रहे हैं। उन्हें स्पीकर पर भी भरोसा नहीं। दूसरी तरफ गवर्नर खुद कोविड संक्रमित रहे थे। लेकिन बीजेपी नेता से मिलते ही वो फौरन हरकत में आ गए। जबकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। उनका कहना था कि जो विधायक दल बदल कर रहे हैं वो कैसे लोगों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। कल अगर फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा।

एडवोकेट नीरज किशन कौल ने शिंदे गुट की पैरवी करते हुए कहा कि पहला सवाल ये है कि स्पीकर को हटाया जाए या नहीं। जब आपकी वैधता ही सवालों के दायरे में हो तो आप ऐसे मामलों का फैसला कैसे कर सकते हैं। उन्होंने संवैधानिक बेंच के फैसका हवाला देकर कहा कि स्पीकर को अथॉरिटी नहीं है। इस मामले में गवर्नर को सारे अधिकार हैं। जब तक कि उन्हें गलत नीयत का दोषी न ठहरा दिया जाए। उनका कहना था कि सारे फ्लोर टेस्ट से खुश हैं केवल सरकार को छोड़कर।

गवर्नर की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि डिप्टी स्पीकर ने बागी विधायकों को दो दिन का नोटिस दिया था। अब ये लोग ही सवाल उठा रहे हैं कि गवर्नर ने फ्लोर टेस्ट के लिए केवल 24 घंटे का नोटिस दिया है। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा कि बागी गुट को जान से मारने की धमकी मिल रही हैं। इस पर कोर्ट ने कहा- इमोशनल बयान।



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भिंड-मुरैना के लोग बागी विधायकों को समझ रहे डाकू, राकांपा नेता एंकर से बोले- इन्हें असंतुष्ट कहें, इज्जत तो बची रहे

महाराष्ट्र सरकार में चल रहे सियासी संकट के बीच एनसीपी नेता बृज मोहन श्रीवास्तव ने बगावती रुख अख्तियार कर गुवाहाटी पहुंचे शिवसेना के विधायकों के लिए बागी शब्द का इस्तेमाल ना करने को कहा है।

महाराष्ट्र संकट को लेकर हो रही एक डिबेट में एनसीपी नेता ने इन विधायकों पर तंज कसते हुए कहा कि इन्हें असंतुष्ट विधायक कहें क्योंकि बागी शब्द डाकुओं के लिए इस्तेमाल होता है, इससे उनकी थोड़ी बहुत जो इज्जत बची है वो रह जाएगी।

उन्होंने कहा, “उन 40 विधायकों के लिए बागी शब्द का इस्तेमाल ना करें क्योंकि मेरे पास भिंड और मुरैना से फोन आ रहा था कि वहां, डाकुओं को बागी बोला जाता है। तो आप बागी बोल रहे हो ये डाकू लोग हैं क्या? मैं ये चाहता हूं कि असंतुष्ट विधायक शब्द इस्तेमाल करें इससे जो थोड़ी बहुत इज्जत बची है वो तो रह जाए।”

उन्होंने बीजेपी को घेरते हुए कहा, “बागी विधायकों के आने-जाने, खाने और रहने पर जो खर्च हो रहा है, मैं सोचता हूं कि जो जिम्मेदार लोग हैं चालचरित्र चेहरे की बात करने वाली पार्टी है, जो कहती थी हम भ्रष्टाचार को समाप्त करेंगे। आज उनके सामने भी मौका आ गया कि ये जो खर्चा हुआ है ये देश के सामने लेकर आएं।”

वहीं, महाविकास अघाड़ी सरकार पर संकट गहराता जा रहा है। इस पर एनसीपी नेता ने कहा कि सरकार जाने वाली है या रुकने वाली है ये शायद इस रेस से बाहर है मामला। उन्होंने कहा, “अभी तो तय होना है कि माननीय उच्च न्यायालय इस पर क्या फैसला देगी। ये बात भी सच है कि पूरे हिंदुस्तान की नजर इस पर टिकी है क्योंकि महाराष्ट्र भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है। हमारी संवैधानिक संस्थाएं भी दांव पर हैं, उनकी प्रतिषठा भी दांव पर और उनकी जो भूमिका है वो भी प्रश्नचिन्ह लेकर खड़ी है।”

बृज मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला होगा उसके अनुसार ही विधानसभा में कार्रवाई होगी, अगर वो कहते हैं कि शक्तिपरीक्षण होना है तो करना होगा, लेकिन ये सच है कि 7-8 दिन की इस पूरी प्रक्रिया ने चर्चा का नया केंद्र खड़ा कर दिया है।



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महाराष्ट्रः गहरे संकट में फंसे उद्धव ठाकरे, सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट पर रोक से किया इन्कार

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इन्कार कर दिया है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस परदीवाला की बैंच सभी पक्षों की दलीलों को 3 घंटे से ज्यादा वक्त तक सुना। उसके बाद फैसले को रात 9 बजे तक टाल दिया। फिर से बेंच बैठी तो सपाट फैसले में कहा कि फ्लोर टेस्ट पर वो रोक नहीं लगा रहे हैं। राज्यपाल ने जो आदेश दिया था उस पर अमल किया जाए। राज्यपाल ने गुरुवार सुबह 11 बजे फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया ता।

शिवसेना नेता सुनील प्रभु की तरफ से पैरवी कर रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि मंगलवार शाम को देवेंद्र फडणवीस गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी से मिलते हैं और बुधवार सुबह फ्लोर टेस्ट का आदेश जारी हो जाता है। उनका कहना था कि राकांपा के दो विधायक कोविड संक्रमित हैं और कांग्रेस के एक विधायक फिलहाल देश के बाहर हैं। उनका कहना था कि सुपरसॉनिक स्पीड से फ्लोर टेस्ट का आदेश जारी किया गया है। जबकि इसके जरिए ही पता लगाया जा सकता है कि कौन सी सरकार लोगों की इच्छा से बनी है।

सिंघवी का कहना था कि 16 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग पर अभी स्पीकर का फैसला आना बाकी है। अगर ये विधायक अयोग्य घोषित कर दिए जाते हैं तो असेंबली का गणित ही बदल जाएगा। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि अयोग्यता का मसला उनके पास लंबित है। हमें फैसला करना है कि स्पीकर का नोटिस वैध है भी या नहीं। लेकिन उस मामले की वजह से फ्लोर टेस्ट पर क्या असर पड़ने जा रहा है।

उनका कहना था कि एक तरफ कोर्ट ने अयोग्यता वाले मसले को लंबित रख दिया वहीं दूसरी तरफ फ्लोर टेस्ट कराया जा रहा है। ये दोनों ही बातें एक दूसरे की विरोधाभाषी हैं। उनका कहना था कि सारे मसलों पर कोर्ट ने 11 जुलाई तक यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था। ऐसे में कल अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो इससे गलत संदेश जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से पूछा कि क्या आप इस बात को नहीं मानते की शिवसेना के 34 विधायकों ने उद्धव ठाकरे से अलग होने की चिट्ठी दस्तखत करके भेजी है। सिंघवी का कहना था कि इसकी पुष्टि कैसे की जा सकती है। गवर्नर से एक सप्ताह तक चिट्ठी को अपने पास रखा और फिर जब नेता विपक्ष देवेंद्र फडणवीस उनसे मिले तो वो हरकत में आ गए। उनका कहना था कि गवर्नर का हर फैसला अब कानूनी बहस का विषय है।

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सिंघवी का कहना था कि बागी विधायक पहले सूरत गए और फिर गुवाहाटी। वहां से वो ईमेल के जरिए अपनी बात कह रहे हैं। उन्हें स्पीकर पर भी भरोसा नहीं। दूसरी तरफ गवर्नर खुद कोविड संक्रमित रहे थे। लेकिन बीजेपी नेता से मिलते ही वो फौरन हरकत में आ गए। जबकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। उनका कहना था कि जो विधायक दल बदल कर रहे हैं वो कैसे लोगों का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। कल अगर फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा।

एडवोकेट नीरज किशन कौल ने शिंदे गुट की पैरवी करते हुए कहा कि पहला सवाल ये है कि स्पीकर को हटाया जाए या नहीं। जब आपकी वैधता ही सवालों के दायरे में हो तो आप ऐसे मामलों का फैसला कैसे कर सकते हैं। उन्होंने संवैधानिक बेंच के फैसका हवाला देकर कहा कि स्पीकर को अथॉरिटी नहीं है। इस मामले में गवर्नर को सारे अधिकार हैं। जब तक कि उन्हें गलत नीयत का दोषी न ठहरा दिया जाए। उनका कहना था कि सारे फ्लोर टेस्ट से खुश हैं केवल सरकार को छोड़कर।

गवर्नर की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि डिप्टी स्पीकर ने बागी विधायकों को दो दिन का नोटिस दिया था। अब ये लोग ही सवाल उठा रहे हैं कि गवर्नर ने फ्लोर टेस्ट के लिए केवल 24 घंटे का नोटिस दिया है। उन्होंने मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से कहा कि बागी गुट को जान से मारने की धमकी मिल रही हैं। इस पर कोर्ट ने कहा- इमोशनल बयान।



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भिंड-मुरैना के लोग बागी विधायकों को समझ रहे डाकू, राकांपा नेता एंकर से बोले- इन्हें असंतुष्ट कहें, इज्जत तो बची रहे

महाराष्ट्र सरकार में चल रहे सियासी संकट के बीच एनसीपी नेता बृज मोहन श्रीवास्तव ने बगावती रुख अख्तियार कर गुवाहाटी पहुंचे शिवसेना के विधायकों के लिए बागी शब्द का इस्तेमाल ना करने को कहा है।

महाराष्ट्र संकट को लेकर हो रही एक डिबेट में एनसीपी नेता ने इन विधायकों पर तंज कसते हुए कहा कि इन्हें असंतुष्ट विधायक कहें क्योंकि बागी शब्द डाकुओं के लिए इस्तेमाल होता है, इससे उनकी थोड़ी बहुत जो इज्जत बची है वो रह जाएगी।

उन्होंने कहा, “उन 40 विधायकों के लिए बागी शब्द का इस्तेमाल ना करें क्योंकि मेरे पास भिंड और मुरैना से फोन आ रहा था कि वहां, डाकुओं को बागी बोला जाता है। तो आप बागी बोल रहे हो ये डाकू लोग हैं क्या? मैं ये चाहता हूं कि असंतुष्ट विधायक शब्द इस्तेमाल करें इससे जो थोड़ी बहुत इज्जत बची है वो तो रह जाए।”

उन्होंने बीजेपी को घेरते हुए कहा, “बागी विधायकों के आने-जाने, खाने और रहने पर जो खर्च हो रहा है, मैं सोचता हूं कि जो जिम्मेदार लोग हैं चालचरित्र चेहरे की बात करने वाली पार्टी है, जो कहती थी हम भ्रष्टाचार को समाप्त करेंगे। आज उनके सामने भी मौका आ गया कि ये जो खर्चा हुआ है ये देश के सामने लेकर आएं।”

वहीं, महाविकास अघाड़ी सरकार पर संकट गहराता जा रहा है। इस पर एनसीपी नेता ने कहा कि सरकार जाने वाली है या रुकने वाली है ये शायद इस रेस से बाहर है मामला। उन्होंने कहा, “अभी तो तय होना है कि माननीय उच्च न्यायालय इस पर क्या फैसला देगी। ये बात भी सच है कि पूरे हिंदुस्तान की नजर इस पर टिकी है क्योंकि महाराष्ट्र भारत का एक महत्वपूर्ण राज्य है। हमारी संवैधानिक संस्थाएं भी दांव पर हैं, उनकी प्रतिषठा भी दांव पर और उनकी जो भूमिका है वो भी प्रश्नचिन्ह लेकर खड़ी है।”

बृज मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का क्या फैसला होगा उसके अनुसार ही विधानसभा में कार्रवाई होगी, अगर वो कहते हैं कि शक्तिपरीक्षण होना है तो करना होगा, लेकिन ये सच है कि 7-8 दिन की इस पूरी प्रक्रिया ने चर्चा का नया केंद्र खड़ा कर दिया है।



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पुलिस तो है पर वो विपक्षी नेताओं के पीछे, बोले राज्यवर्धन राठौड़, वारिस ने नूपुर को बताया सारे बखेड़े की जड़, कहा- उसे सजा दे कानून

उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की दिनदहाड़े निर्मम हत्या के बाद देशभर में गम का माहौल है और साथ ही इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश भी है। इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था को लेकर राजस्थान सरकार निशाने पर आ गई है। इस मुद्दे पर हो रही एक टीवी डिबेट में बीजेपी सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने गहलोत सरकार पर आरोप लगाया कि पुलिस की इंटेलीजेंस का लोगों की सुरक्षा के बजाय पॉलिटिकल गैदरिंग के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।

उन्होंने कहा, “ये राजस्थान की जनता की सुरक्षा का सवाल है। राजस्थान पूरे देश में महिलाओं और दलितों पर अत्याचार को लेकर नंबर वन है। ये पुलिस और प्रशासन की नाकामी की वजह से है। लगातार पिछले 6 महीने से कोई ना कोई दहशतगर्दी की हरकत हो रही है। अब सवाल ये उठता है कि जिम्मेदारी किसकी है। राज्य का लॉ एंड ऑर्डर स्टेट गवर्मेंट के पास होता है।”

उन्होंने करौली हिंसा के आरोपी, जोधपुर में दीपक की हत्या करने वाले और आरएसएस कार्यकर्ता रतन सोनी की हत्या करने वाले की अभी तक गिरफ्तारी ना होने का मुद्दा उठाते हुए गहलोत सरकार को घेरा और आरोप लगाया कि पुलिस की इंटेलीजेंस है, लेकिन वो इंटेलीजेंस पॉलिटिकल गैदरिंग के लिए इस्तेमाल हो रही है।

वहीं, डिबेट में मौजूद एआईएमआईएम प्रवक्ता वारिस पठान ने भी सुरक्षा को लेकर राजस्थान सरकार को घेरा। इसके साथ ही उन्होंने इस पूरी घटना के लिए नूपुर शर्मा को जिम्मेदार ठहराते हुए फिर से उनकी गिरफ्तारी की मांग की। वारिस पठान ने कहा, “अब देश में क्यों हो रहा है यह सब। एक बीजेपी नेता, जिसे भाजपा सरकार ने फ्रिंज एलीमेंट घोषित किया। हमारे हुजूर की शान में गुस्ताखी की। एआईएमआईएम यह कही रही है कि नूपुर शर्मा, जिसकी वजह से ये सारा बखेड़ा खड़ा हुआ है उसको कानून के तहत हिरासत में लिया जाए और रूल ऑफ लॉ का पालन करते हुए उसे कोर्ट में पेश करें और फिर कानून जो सजा तय करे वो उसको मिले।”

उन्होंने यह भी कहा, “उदयुपर की घटना, जिसमें हमारे हिंदू भाई कन्हैया साहब का कत्ल किया गया और जिन दरींदों ने यह हत्या की है उनके खिलाफ राजस्थान सरकार कड़ी कार्रवाई करे और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा हो। उन्होंने बहुत घिनौनी हरकत की और उसका वीडियो बनाकर वायरल किया, तो यह साफ दर्शाता है कि आंतकवादी माइंडसेट था उनका, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए और उन्हें सजा भी मिलनी चाहिए। रेडिक्लाइजेशन किस हद तक बढ़ गया हमारे देश में। इख्लाक हो या रकबर खान हो, जिसने भी कानून लेकर इन लोगों को मारा उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कानून के तहत सरकार करे तो ऐसी घटनाएं नहीं होंगे। पर ध्यान देने वाली बात यह भी है कि जब उनको धमकी दी जा रही थी तो राजस्थान सरकार उनको सुरक्षा देती तो हमारा हिंदू भाई बच जाता।”



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उदयपुर में निर्मम हत्‍या: केरल के गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान बोले- बच्‍चों को मदरसे में पढ़ाया जाता है ईशनिंदा की सजा सिर तन से जुदा है

उदयपुर (Udaipur) में दर्जी कन्हैयालाल (Kanhaiya Lal) की निर्मम हत्या को लेकर देशभर में गम और गुस्से का माहौल है। घटना की कड़ी निंदा कर रहे तमाम राजनीतिक दलों के बीच केरल के राज्यपाल (Kerala Governor) आरिफ मोहम्मद खान (Arif Mohammed Khan) ने भी बयान दिया है। उन्होंने कहा कि मदरसों में ऐसी चीजें सिखाई जाती हैं कि इस तरह के लोग तैयार हो जाएं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी मांग की कि वहां क्या पढ़ाया जाता है, उसकी जांच की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा, “मदरसों में बच्चों को यह पढ़ाया भी जाता है कि ईशनिंदा की सजा सिर तन से जुदा करना है। इसे खुदा के कानून के तौर पर पढ़ाया जाता है।” उन्होंने कहा कि चिंता होती है, जब लक्षण सामने आते हैं, लेकिन गहरी बीमारी को समझने से ही इनकार कर देते हैं।

राज्यपाल ने कहा, “सवाल यह है कि क्या हमारे बच्चों को ईश-निंदा करने वालों का सर कलम करना पढ़ाया जा रहा है? मुस्लिम कानून कुरान से नहीं आया है, वह किसी इंसान ने लिखा है जिसमें सर कलम करने का कानून है और यह कानून बच्चों को मदरसों में पढ़ाया जा रहा है।”

बता दें कि टेलर कन्हैया लाल का बुधवार (29 जून, 2022) को उनके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। बड़ी संख्या में लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। गौरतलब है कि पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी कर बीजेपी से निष्कासित हुईं नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने की वजह से उदयपुर में मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद नाम के दो आरोपियों ने कन्हैया लाल की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी।

इतना ही नहीं उन्होंने इस पूरी घटना का वीडियो बनाया और खुद अपना जुर्म कबूलने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर पोस्ट किया। इस घटना के बाद देशभर में लोग काफी आक्रोशित हैं और गुनहगारों को सख्त सजा की मांग कर रहे हैं। वहीं, कन्हैया लाल के परिवारवालों ने दोषियों को फांसी की सजा की मांग की है।



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Tuesday, June 28, 2022

UAE: हवाई अड्डे पर राष्ट्रपति शेख मोहम्मद के गले लगे प्रधानमंत्री मोदी तो सोशल मीडिया पर कुछ इस तरह से हुआ अब्बास का जिक्र

जी-7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद जब मंगलवार (28 जून, 2022) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अबू धाबी पहुंचे तो, संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। उन्होंने पीएम मोदी को गले लगाकर दोस्ती को और मजबूत किया।

बता दें कि प्रधानमंत्री यहां यूएई के पूर्व राष्ट्रपति शेख खलीफा बिन जयाद अल नाहयान के निधन पर व्यक्तिगत रूप से शोक व्यक्त करेंगे। उनका लंबी बीमारी के बाद पिछले महीने निधन हो गया था। यूएई के राष्ट्रपति ने पीएम मोदी से गले मिलकर उनका जोरदार स्वागत किया, तो इस पर लोगों की खूब प्रतिक्रिया देखने को मिली। इस पर कुछ लोगों ने अब्बास का जिक्र करते हुए रिएक्शन दिए हैं।

एक ट्विटर यूजर आमीर मलिक जनर्लिस्ट ने लिखा, “गले तो ऐसे मिल रहे हैं जैसे बचपन का दोस्त अब्बास मिल गया हो।” एक और यूजर कोमरेड सैफ अली ने कहा, “हबीबी ऐसे गले मिल रहा है जैसे अब्बास से बहुत सालो के बाद मिल रहा है।” वहीं, अजय मिश्रा नाम के एक यूजर ने कहा, “जुबेर के चेलों देख रहे हो ना?”

बता दें कि यूएई और भारत के रिश्ते हमेशा से ही काफी अच्छे रहे हैं। पीएम मोदी के इस दौरे को लेकर उम्मीद है कि भारत के साथ यूएई के रिश्तों में और मजबूती आएगी। आर्थिक रूप से यूएई भारत के लिए काफी अहम रहा है।

शेख खलीफा के निधन पर भारत में 14 मई को मनाया गया था शोक दिवस
यूएई के पूर्व राष्ट्रपति शेख खलीफा के निधन पर भारत ने 14 मई को राष्ट्रीय शोक दिवस की घोषणा की थी। इस दिन पूरे देश में सभी सरकारी भवनों पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झुका रहा था। शेख खलीफा यूएई के संस्थापक शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान के सबसे बड़े बेटे थे। उन्होंने 3 नवंबर, 2004 से अपने निधन तक यूएई के राष्ट्रपति और आबू धाबी के शासक के रूप में कार्य किया।



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उदयपुर में नुपुर शर्मा के समर्थक का गला काटा, पैंगबर पर बयान से उपजे व‍िवाद में कत्‍ल, दोनों आरोपी चढ़े हत्थे

राजस्थान के उदयपुर में बीजेपी की प्रवक्ता रहीं नुपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करने वाले युवक की आज नृशंष हत्या कर दी गई। मामला मालदास स्ट्रीट इलाके का है। एसपी उदयपुर मनोज कुमार का कहना है कि कुछ आरोपियों की पहचान हुई है। राजसमंद से दो को अरेस्ट भी किया गया है। इनकी पहचान गौस मोहम्मद और रियाज के रूप में हुई है। ये सूरजपोल के रहने वाले हैं। फिलहाल उदयपुर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। जांच के लिए NIA भी मौके पर पहुंची है।

कन्हैयालाल तेली (40) की धानमंडी स्थित भूतमहल के पास सुप्रीम टेलर्स नाम से दुकान है। मंगलवार दोपहर करीब ढाई बजे बाइक सवार 2 बदमाश आए। कपड़े का नाप देने का बहाना बनाकर दुकान में घुसे। उन पर तलवार से कई हमले किए। उसका गला भी काट दिया। बदमाशों ने इस पूरे हमले का वीडियो भी बनाया। इतना ही नहीं आरोपियों ने घटना के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर हत्या की जिम्मेदारी ली।

कन्हैयालाल गोर्वधन विलास इलाके का रहने वाला था। 10 दिन पहले उसने बीजेपी से हटाई गई नुपुर शर्मा के पक्ष में सोशल मीडिया पर पोस्ट की। इसके बाद से समुदाय विशेष के लोग उसे जान से मारने की धमकी दे रहे थे। धमकियों से परेशान होकर उसने अपनी दुकान भी नहीं खोली थी। उसने रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी। पुलिस ने उसे थोड़े दिन संभलकर रहने को कहा पर आरोपियों को अरेस्ट करने में गंभीरता नहीं दिखाई।

उधर, उदयपुर हत्याकांड के बाद लोगों ने सड़कों पर आकर अपना विरोध दर्ज़ कराया। घटना के बाद मालदास बाजार में दुकानें बंद कर दी गई हैं। सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि वो उदयपुर में युवक की जघन्य हत्या की भर्त्सना करते हैं। इस घटना में शामिल सभी अपराधियों कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने शान्ति बनाए रखने की अपील की है। सीएम ने कहा कि इस घटना का वीडियो शेयर कर कोई भी माहौल खराब करने का प्रयास ना करे। वीडियो शेयर करने से अपराधी का समाज में घृणा फैलाने का उद्देश्य सफल होगा।

राजस्थान विधानसभा नेता प्रतिपक्ष व बीजेपी नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि कार्रवाई तो कानून की पालना कराने वाले लोगों को करनी है। वो इसकी निंदा करते हैं। उनका कहना है कि उदयपुर में दोपहर को एक हृदय विदारक और शर्मनाक हत्या हुई है। वीडियो भी वायरल किया गया है। किसी गिरोह के बिना इस प्रकार की हत्या नहीं हो सकती।



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Mukesh Ambani Resigns: आकाश अंबानी बनाए गए Reliance Jio के चेयरमैन, मुकेश अंबानी ने दिया पद से इस्तीफा

Mukesh Ambani resigns from Reliance Jio: देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी रिलांयस जियो (Reliance Jio) के डायेक्‍टर पद से मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) ने इस्‍तीफा दे दिया है। वहीं उनके बेटे आकाश अंबानी को जियो का नया चेरमैन बनाया गया है। मार्केट रेगुलेटरी सेबी (SEBI) को दी गई जानकारी के अनुसार, रिलायंस जियो ने बताया कि 27 जून 2022 को बोर्ड की मीटिंग रखी गई थी। इसमें जियो के बोर्ड ने नए चेयरमैन के रूप में आकाश अंबानी के नाम की मंजूरी दे दी है।

सेबी के पास दी गई जानकारी में बताया गया है कि 27 जून को मुकेश अंबानी ने डारेक्‍टर पद से इस्‍तीफा दे दिया था। इसके बाद पंकज मोहन पवार 27 जून से कंपनी के प्रबंध निदेशक का पदभार संभाल रहे हैं। रिलायंस जियो के नए मैनेजिंग डायरेक्‍टर के रूप में पंकज मोहन पवार को नियुक्‍त किया गया है। यह अगले पांच साल तक इस पद को संभालेंगे। इसके अलावा अन्‍य नियुक्तियों में रमिंदर सिंह गुजराल और केवी चौधरी को स्वतंत्र निदेशक नियुक्त किया गया।

साल 2021 के एक बयान में मुकेश अंबानी ने कहा था कि उनके बच्चे लीडर के रूप में अधिक जिम्मेदारियां ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने बच्चों में देश के विकास में योगदान देने के लिए अपने पिता धीरूभाई अंबानी जैसी क्षमता देख सकते हैं।

आकाश अंबानी के बारे में कुछ खास बातें

शिक्षा: आकाश अंबानी ने ब्राउन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में ग्रजुएशन किया है। इसके बाद वे रिलायंस ग्रुप की डिजिटल सेवाओं और यजर्स रिटेल ऑफर्स जैसी सुविधा देने और तैयार करने में योगदान रहा है।

4G: आकाश अंबानी का जियो 4G प्रस्ताव में भी योगदान रहा है। वह 2017 में भारत-स्पेसिफिक फोकस वाले जियोफोन का आविष्कार करने और लॉन्च करने में इंजीनियरों की एक टीम के साथ शामिल रहे हैं।

इन चीजों में दिलचस्‍पी: इसके अलावा वे व्यक्तिगत रूप से पिछले कुछ वर्षों में डिजिटल स्पेस में Jio द्वारा किए गए प्रमुख कंपनियों के अधिग्रहणों का भी नेतृत्व किया है। आकाश AI-ML और ब्लॉकचेन सहित नई तकनीकों और क्षमताओं के विकास में भी गहरी दिलचस्पी रखते हैं। आकाश 2020 में टेक की बड़ी कंपनियों और निवेशकों की ओर से वैश्विक निवेश में शामिल थे, जिसने कई तरह से Jio को वैश्विक निवेशक मानचित्र पर पहुंचाया है।



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AltNews’ के मोहम्‍मद जुबैर के खिलाफ पिछले हफ्ते दर्ज की गई FIR, शिकायत दर्ज करने वाले अधिकारी ने कहा- मामला सेंसिटिव, नहीं करना था अपलोड

मोहम्मद जुबैर ऑल्ट न्यूज फैक्ट चेकिंग वेबसाइट के को-फाउंडर को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया। मंगलवार को दिल्ली पुलिस की साइबर टीम के अधिकारियों ने बताया कि AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ प्राथमिकी एक सप्ताह पहले ही दर्ज की गई थी। मामले में शिकायतकर्ता सब-इंस्पेक्टर अरुण कुमार हैं जो इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस सेल (IFSO) के साथ काम करते हैं। आपको बता दें कि ये स्पेशल सेल के तहत काम करता है और साइबर क्राइम और साइबर फोरेंसिक के मामलों को देखता है।

कुमार की शिकायत के बाद 20 जून को आईपीसी की धारा 153-ए जिसके मुताबिक विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना और धारा 295-ए इसके मुताबिक दुर्भावनापूर्ण कृत्य और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी। एफआईआर में कहा गया है कि कुमार सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल के आपातकालीन ड्यूटी अधिकारी के रूप में ड्यूटी पर थे और एक ट्विटर हैंडल हनुमान भक्त @balajikijaiiin के एक ट्वीट पर आए।

सब-इंस्पेक्टर अरुण कुमार ने खुद दर्ज करवाई थी शिकायत
कुमार ने बताया उन्होंने शिकायत में लिखा था। “आज, मैं दिल्ली पुलिस, द्वारका की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रेटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) इकाई में एक आपातकालीन अधिकारी के रूप में मौजूद था और सोशल मीडिया निगरानी के दौरान मुझे इस बात का पता चला कि हनुमान भक्त नाम के एक ट्विटर हैंडल एक अन्य ट्विटर हैंडल के खिलाफ एक ट्वीट साझा किया मोहम्मद जुबैर @zoo_bear जिसमें यह ट्वीट किया गया है मोहम्मद जुबैर ने ‘2014 से पहले हनीमून होटल, 2014 के बाद हनुमान होटल … और एक होटल के साइन बोर्ड की तस्वीर दिखाई है, हनीमून होटल को हनुमान होटल में बदल दिया गया है। बोर्ड का कथित स्क्रीनशॉट 1983 की हिंदी फिल्म का है।

मामला संवेदनशील था इस वजह से नहीं अपलोड किया गया
कुमार ने आगे कहा, भक्त @balajikijaiiin ने ट्वीट किया है कि हमारे भगवान हनुमान जी को हनीमून से जोड़ना हिंदुओं का सीधा अपमान है क्योंकि वह ब्रह्मचारी हैं। कृपया इस आदमी के खिलाफ कार्रवाई करें। कुमार ने यह भी कहा कि मामले की जांच उनके पास होनी चाहिए और प्राथमिकी उनकी वेबसाइट पर अपलोड नहीं की जानी चाहिए क्योंकि इस शिकायत का नेचर थोड़ा संवेदनशील है।

एक विशेष धर्म समुदाय के खिलाफ थे शब्द
अपनी शिकायत में उन्होंने यह भी कहा, “ये शब्द और तस्वीर मोहम्मद जुबैर @zoo_bear द्वारा एक विशेष धार्मिक समुदाय के खिलाफ इस्तेमाल की गई और लोगों के बीच नफरत की भावना को भड़काने के लिए अत्यधिक उत्तेजक और पर्याप्त से अधिक है जो रखरखाव के लिए हानिकारक हो सकता है। समाज में सार्वजनिक शांति। इस तरह के पोस्ट का प्रसारण और प्रकाशन जानबूझकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से किया गया है मोहम्मद जुबैर @zoo_bear शांति भंग को भड़काने के इरादे से एक विशेष समुदाय की धार्मिक भावनाओं का अपमान करने के लिए जो धारा 153-ए और 295 के तहत अपराध का है। ट्विटर हैंडल मोहम्मद जुबैर @zoo_bear से पोस्ट अपराध 153-ए और 295 बनाया गया है। कुमार ने जिस जुबैर के ट्वीट का जिक्र किया वह 2018 में पोस्ट किया गया था।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जुबैर के समर्थन में किया ट्वीट
ऑल्ट न्यूज के संपादक की गिरफ्तारी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा है, बीजेपी की नफरत, कट्टरता और झूठ को उजागर करने वाला हर शख्स उनके लिए खतरा है. सत्य की एक आवाज को गिरफ्तार करने से केवल एक हजार और पैदा होंगे। अत्याचार पर सत्य की हमेशा विजय होती है। #DaroMat

जुबैर को एक दिन की हिरासत में भेजा गया
पुलिस के अनुसार उसे एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है और मंगलवार के बाद जमानत पर सुनवाई के लिए उसे अदालत में पेश किया जाएगा। इस महीने की शुरुआत में जुबैर ने तत्कालीन बीजेपी प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद पर की गई टिप्पणियों पर प्रकाश डाला था। जिसकी खाड़ी देशों सहित कई देशों ने निंदा की थी। जिसकी वजह से बीजेपी को नूपुर शर्मा को निलंबित करना पड़ा और एक अन्य प्रवक्ता नवीन जिंदल को बर्खास्त करना पड़ा।

सोशल मीडिया पर एक धड़ा इस तस्वीर का मजाक उड़ाने में लगा था
IFSO डीसीपी केपीएस मल्होत्रा ​​ने सोमवार को बताया था, “दिल्ली पुलिस ने एक ट्विटर हैंडल से शिकायत मिलने के बाद एक मामला दर्ज किया है, जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि मोहम्मद जुबैर ने एक भगवान की तस्वीर को जानबूझकर अपमान करने के उद्देश्य से ट्वीट किया था। इस तरह के ट्वीट्स को रीट्वीट किया जा रहा था और ऐसा मालूम हो रहा था कि सोशल मीडिया संस्थाओं की एक ब्रिगेड है जो इस तस्वीर का अपमान करने में लिप्त हैं। जिससे सांप्रदायिक सद्भाव पर संभावित प्रभाव पड़ता है और यह सार्वजनिक शांति बनाए रखने के खिलाफ है। ”



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Teesta Setalvad पर BJP की प्रेस कॉन्‍फ्रेंस: गौरव भाटिया बोले- वो पीडि़तों के दर्द का भाव लगाते हैं ताकि रुपए कमाएं, वो फंसाने के लिए झूठे हलफनामे देते हैं

Teesta Setalvad Case पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का असली चेहरा सामने आया है। वो पीड़ितों के दर्द का भाव लगाते हैं, ताकि रुपए कमाएं, वो फंसाने के लिए झूठे हलफनामे देते हैं।

गौरव भाटिया ने कहा कि अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने एक एफआईआर दर्ज की और तीस्ता सीतलवाड़ नाम की महिला, जो खुद को चैंपियन ऑफ ह्यूमन राइट्स कहती है, उनका सच सामने आया। तीस्ता सीतलवाड़ केवल संप्रदायिक नफरत फैलाने की छोटी ब्रांच थीं, उसका हेडक्वार्टर कांग्रेस पार्टी में था।

भाटिया ने कहा, ‘तिस्ता सीतलवाड़ के साथ रहे उनके एक साथी के बयानों से स्पष्ट हुआ है कि ये लोग पीड़ित परिवारों के न्याय की लड़ाई नहीं लड़ रहे। इनका निशाना तो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक पारी को खत्म करना था।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एक ऐतिहासिक फैसला 24 जून, 2022 को दिया गया, जिसमें जाकिया जाफरी द्वारा प्रस्तुत याचिका को खारिज किया गया। इस फैसले के बाद कुछ टिप्पणियां की गई, जिनसे मानवाधिकार की रक्षा करने का ठेका लेकर बैठे कुछ लोगों का असली चरित्र सामने आया। उन्होंने कहा कि विगत दो दशकों से एक राजनीतिक षडयंत्र और प्रयास विश्व के सबसे सम्मानित नेता नरेंद्र मोदी के खिलाफ चलाया जा रहा था। इसका संज्ञान लेकर सर्वोच्च अदालत ने लेकर ये टिप्पणी की।

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस की सुप्रीम कोर्ट में आस्था भी सुविधा के अनुसार होती है। जब ये फैसला आया तो जयराम रमेश के एक ट्वीट को कांग्रेस ने रि-ट्विट किया कि “जाकिया जाफरी केस में सुप्रीम कोर्ट का निर्णय अत्यंत निराशाजनक है”।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (24 जून, 2022) को अपने आदेश में 2002 के गोधरा दंगों के मामले में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी और अन्य को विशेष जांच टीम (SIT) द्वारा दी गई क्लीन चिट को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। सीतलवाड़ के गैर सरकारी संगठन (NGO) ने जकिया जाफरी का समर्थन किया था, जिन्होंने अपनी कानूनी लड़ाई के दौरान दंगों के पीछे एक बड़ी साजिश का आरोप लगाते हुए याचिका दायर की थी। जकिया के पति और कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी दंगों के दौरान मारे गए थे।

कौन हैं तीस्ता सीतलवाड़?
सीतलवाड़ का जन्म 9 फरवरी 1962 को मुंबई में हुआ था। वो एक गुजराती परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता अतुल सीतलवाड़, एक वकील हैं और उनकी मां का नाम सीता सीतलवाड़ है। उनके दादा एम. सी. सीतलवाड़, भारत के पहले महान्यायवादी थे। सीतलवाड़ ने पत्रकार से अल्पसंख्यक अधिकार कार्यकर्ता बने जावेद आनंद से शादी की है।



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ONGC Helicopter: सात यात्रियों और दो पायलटों को लेकर जा रहे हेलीकॉप्टर ने अरब सागर में की इमर्जेंसी लैंडिंग, चार की मौत

Oil and Natural Gas Corporation ONGC Helicopter Emergency Landing News: मुंबई हाई में तेल और प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड (ओएनजीसी) रिग सागर किरण के पास मंगलवार को सात यात्रियों और दो पायलटों को लेकर जा रहे एक हेलीकॉप्टर ने मंगलवार को अरब सागर में आपातकालीन लैंडिंग की। हेलिकॉप्टर की आपात लैंडिंग की घटना में चार लोगों की मौत हो गई है। ओएनजीसी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इस दौरान ओएनजीसी का बचाव दस्ता तुरंत राहत कार्य में जुट गया। ओएनजीसी ने कहा, “अन्य को बचाने के प्रयास किए जा रहे हैं।” आधिकारिक सूत्रों के अनुसार भारतीय तटरक्षक बल भी बचाव अभियान में शामिल हो गया है।

सूत्रों ने कहना है कि तटरक्षक बल ने बचाव अभियान के लिए दो जहाजों को घटनास्थल की ओर मोड़ दिया है। दमन से उड़ान भरने वाले एक डोर्नियर वायुयान ने क्षेत्र में एक जीवन रक्षक बेड़ा भी गिराया है। दुर्घटना स्थल मुंबई से अरब सागर के अंदर 7 समुद्री मील की दूरी पर स्थित है।

हेलीकॉप्टर में छह ओएनजीसी कर्मी सवार थे, और एक कंपनी के लिए काम करने वाले ठेकेदार से संबंधित था। हेलीकॉप्टर को उससे जुड़े फ्लोटर्स का उपयोग करके उतरने के लिए मजबूर होना पड़ा, जो कर्मियों और सामग्री को किनारे से तटीय क्षेत्र तक ले जाते हैं। हेलीकॉप्टर को किस वजह से इमर्जेंसी लैंडिंग करनी पड़ी, यह पता नहीं चल सका है।

ओएनजीसी के अरब सागर में कई रिग और प्रतिष्ठान हैं जिनका उपयोग समुद्र तल के नीचे स्थित जलाशयों से तेल और गैस का उत्पादन करने के लिए किया जाता है।



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Monday, June 27, 2022

राष्ट्रपति चुनावः संयुक्त विपक्ष का समर्थन करेगी AIMIM, यशवंत सिन्हा ने खुद फोन कर ओवैसी को मनाया

एआईएमआईएम के सभी विधायक राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करेंगे। पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने खुद ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हमारे सभी विधायकों का वोट यशवंत सिन्हा को जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि यशवंत सिन्हा ने उन्हें फोन किया था। वहीं, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी विपक्षी दलों से बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने की अपील की।

खड़गे ने कहा, “17 से अधिक पार्टियां हमारा समर्थन कर रही हैं। भारत के लोकतंत्र को बचाने और अपने संविधान की रक्षा के लिए हम सभी को बीजेपी के खिलाफ अपनी लड़ाई में एकजुट होना चाहिए। हम सभी यशवंत सिन्हा के पक्ष में हैं।”

बता दें कि यशवंत सिन्हा ने सोमवार (27 जून, 2022) को अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला समेत कई विपक्षी नेता मौजूद थे।

शुक्रवार को एक पत्र में सिन्हा ने सर्वसम्मति से उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने के लिए सभी विपक्षी दलों को धन्यवाद दिया और उन्हें आश्वासन दिया। उन्होंने अपने पत्र में कहा, “मैं आपके विश्वास के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं आपको और भारत के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि, अगर मैं निर्वाचित होता हूं, तो मैं बिना किसी डर या पक्षपात के, भारतीय संविधान के मूल मूल्यों और मार्गदर्शक आदर्शों को ईमानदारी से बनाए रखूंगा।”

वहीं, दूसरी तरफ आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को एनडीए ने राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने अपना नामांकन 24 जून को दाखिल किया था। मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं और ओडिशा सरकार में मंत्री रहने के अलावा 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं। भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है और मतों की गिनती 21 जुलाई को की जाएगी।



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ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबेर को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की IFSO (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस) यूनिट ने सोमवार को AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार कर लिया है। एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। जिसने सोशल मीडिया पर दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए आरोप लगाया था कि जुबैर ने उसे चोट पहुंचाई है। उसके खिलाफ धार्मिक भावनाओं और कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस महीने की शुरुआत में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295-ए (दुर्भावनापूर्ण कृत्य, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

डीसीपी (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा ने कहा, “आज स्पेशल सेल पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले की जांच के दौरान, मोहम्मद जुबैर जांच में शामिल हुए और रिकॉर्ड पर पर्याप्त सबूत होने के बाद, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मामले की जांच के उद्देश्य से उसे और पुलिस हिरासत रिमांड पर लेने के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि विचाराधीन ट्वीट 2020 में पोस्ट किया गया था।

ज़ुबैर की गिरफ्तारी के तुरंत बाद, ऑल्ट-न्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने एक ट्वीट पोस्ट किया, “जुबैर को आज विशेष सेल, दिल्ली द्वारा 2020 के एक मामले की जांच के लिए बुलाया गया था, जिसके लिए उसे पहले से ही उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी से सुरक्षा प्राप्त थी। हालाँकि, आज शाम लगभग 6.45 बजे हमें बताया गया कि उसे किसी अन्य प्राथमिकी में गिरफ्तार किया गया है, जिसके लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया था, जो कि जिन धाराओं के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया है, उनके लिए कानून के तहत अनिवार्य है। न ही बार-बार अनुरोध के बावजूद हमें एफआईआर की कॉपी नहीं दी जा रही है।

एक अन्य ट्वीट में सिन्हा ने लिखा, ‘मेडिकल जांच के बाद जुबैर को किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया जा रहा है। न तो जुबैर के वकीलों को बताया जा रहा है और न ही मुझे बताया जा रहा है। हम उसके साथ पुलिस वैन में हैं। कोई भी पुलिस वाला कोई नाम का टैग नहीं लगा रहा है।”

मोहम्मद जुबैर ऑल्ट न्यूज नाम से फैक्ट चेकिंग वेबसाइट चलाते हैं। उन पर कथित फैक्ट चेकिंग के नाम पर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है।



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दोस्तों को दौलतवीर और युवकों को… मोदी सरकार पर बरसे राहुल गांधी, उधर विजयन ने गुजरात की अरेस्ट पर कांग्रेस से पूछा ये तीखा सवाल

अग्निपथ स्कीम (Agnipath Scheme) को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने सोमवार (27 जून 2022) को ट्वीट कर कहा कि देश के प्रधानमंत्री अपने मित्रों को तो देश के एयरपोर्ट देकर दौलतवीर बना रहे हैं लेकिन युवाओं को ठेके पर रखकर अग्निवीर बनाना चाहते हैं।

राहुल गांधी ने ट्विटर पर लिखा, “प्रधानमंत्री अपने मित्रों’ को 50 साल के लिए देश के एयरपोर्ट देकर ‘दौलतवीर’ और युवाओं को सिर्फ़ 4 साल के ठेके पर ‘अग्निवीर’ बना रहे हैं। आज देश भर में कांग्रेस पार्टी ‘अग्निपथ’ के ख़िलाफ़ सत्याग्रह कर रही है और जब तक युवाओं को इंसाफ़ नहीं मिलता, ये सत्याग्रह नहीं रुकेगा।”

कांग्रेस का सत्याग्रह: अग्निपथ योजना को लेकर कांग्रेस ने सोमवार को देश के सभी विधानसभा क्षेत्रों में सत्याग्रह किया और योजना को लागू करने के ‘तुगलकी’ फैसले को वापस लेने की मांग की। पश्चिम बंगाल में पवन खेड़ा, लखनऊ में अजय माकन, मुंबई में सुप्रिया श्रीनेत और चेन्नई में गौरव गोगोई सहित कांग्रेस के 20 वरिष्ठ नेताओं और प्रवक्ताओं ने कई शहरों में संवाददाता सम्मेलनों को संबोधित किया। इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे और युवाओं के बीच असंतोष का हवाला देते हुए इस योजना को वापस लेने की मांग की गयी।

पिनराई विजयन ने कांग्रेस से पूछा सवाल: वहीं, दूसरी ओर केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर सोमवार को कांग्रेस पर हमला किया। सीएम विजयन ने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस गुजरात दंगों को भूलना चाहती है? क्या कांग्रेस ने कभी जकिया जाफरी की कानूनी लड़ाई का समर्थन किया? उन्होंने आरोप लगाया कि न तो कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और न ही उस पार्टी के किसी वरिष्ठ नेता ने जकिया जाफरी की कानूनी लड़ाई का समर्थन की घोषणा करने के लिए उनसे मुलाकात की। जकिया के पति और पूर्व कांग्रेस सांसद ईशान जाफरी गुजरात दंगों के दौरान मारे गए थे।

बीजेपी के डर से कांग्रेस खामोश: सीएम ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गुजरात पुलिस द्वारा सेवानिवृत्त डीजीपी आरबी श्रीकुमार और सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ की गिरफ्तारी पर कांग्रेस की चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस कम से कम नाममात्र का विरोध कर सकती थी। बड़े पैमाने पर विरोध की जरूरत नहीं है। वे ऐसा क्यों नहीं सोच सकते थे?”

पिनराई विजयन ने कहा कि श्रीकुमार और सीतलवाड़ को उस दिन गिरफ्तार किया गया था जिस दिन 1975 में आपातकाल घोषित किया गया था। संघ परिवार की धमकी के आगे कांग्रेस चुप्पी साधे हुए है। बीजेपी के डर से कांग्रेस घुटनों के बल रेंग रही है। कांग्रेस के साथ खड़ी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग समेत सभी पार्टियों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए।



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राष्ट्रपति चुनावः संयुक्त विपक्ष का समर्थन करेगी AIMIM, यशवंत सिन्हा ने खुद फोन कर ओवैसी को मनाया

एआईएमआईएम के सभी विधायक राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करेंगे। पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने खुद ट्वीट करके इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि हमारे सभी विधायकों का वोट यशवंत सिन्हा को जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि यशवंत सिन्हा ने उन्हें फोन किया था। वहीं, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभी विपक्षी दलों से बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होने की अपील की।

खड़गे ने कहा, “17 से अधिक पार्टियां हमारा समर्थन कर रही हैं। भारत के लोकतंत्र को बचाने और अपने संविधान की रक्षा के लिए हम सभी को बीजेपी के खिलाफ अपनी लड़ाई में एकजुट होना चाहिए। हम सभी यशवंत सिन्हा के पक्ष में हैं।”

बता दें कि यशवंत सिन्हा ने सोमवार (27 जून, 2022) को अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला समेत कई विपक्षी नेता मौजूद थे।

शुक्रवार को एक पत्र में सिन्हा ने सर्वसम्मति से उन्हें राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार चुनने के लिए सभी विपक्षी दलों को धन्यवाद दिया और उन्हें आश्वासन दिया। उन्होंने अपने पत्र में कहा, “मैं आपके विश्वास के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं आपको और भारत के लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि, अगर मैं निर्वाचित होता हूं, तो मैं बिना किसी डर या पक्षपात के, भारतीय संविधान के मूल मूल्यों और मार्गदर्शक आदर्शों को ईमानदारी से बनाए रखूंगा।”

वहीं, दूसरी तरफ आदिवासी महिला द्रौपदी मुर्मू को एनडीए ने राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने अपना नामांकन 24 जून को दाखिल किया था। मुर्मू एक आदिवासी महिला हैं और ओडिशा सरकार में मंत्री रहने के अलावा 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं। भारत के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव 18 जुलाई को होना है और मतों की गिनती 21 जुलाई को की जाएगी।



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ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबेर को दिल्ली पुलिस ने किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की IFSO (इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस) यूनिट ने सोमवार को AltNews के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर को गिरफ्तार कर लिया है। एक व्यक्ति की शिकायत के आधार पर दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। जिसने सोशल मीडिया पर दिल्ली पुलिस को टैग करते हुए आरोप लगाया था कि जुबैर ने उसे चोट पहुंचाई है। उसके खिलाफ धार्मिक भावनाओं और कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। इस महीने की शुरुआत में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295-ए (दुर्भावनापूर्ण कृत्य, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

डीसीपी (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा ने कहा, “आज स्पेशल सेल पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले की जांच के दौरान, मोहम्मद जुबैर जांच में शामिल हुए और रिकॉर्ड पर पर्याप्त सबूत होने के बाद, उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। मामले की जांच के उद्देश्य से उसे और पुलिस हिरासत रिमांड पर लेने के लिए मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जा रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि विचाराधीन ट्वीट 2020 में पोस्ट किया गया था।

ज़ुबैर की गिरफ्तारी के तुरंत बाद, ऑल्ट-न्यूज़ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा ने एक ट्वीट पोस्ट किया, “जुबैर को आज विशेष सेल, दिल्ली द्वारा 2020 के एक मामले की जांच के लिए बुलाया गया था, जिसके लिए उसे पहले से ही उच्च न्यायालय से गिरफ्तारी से सुरक्षा प्राप्त थी। हालाँकि, आज शाम लगभग 6.45 बजे हमें बताया गया कि उसे किसी अन्य प्राथमिकी में गिरफ्तार किया गया है, जिसके लिए कोई नोटिस नहीं दिया गया था, जो कि जिन धाराओं के तहत उन्हें गिरफ्तार किया गया है, उनके लिए कानून के तहत अनिवार्य है। न ही बार-बार अनुरोध के बावजूद हमें एफआईआर की कॉपी नहीं दी जा रही है।

एक अन्य ट्वीट में सिन्हा ने लिखा, ‘मेडिकल जांच के बाद जुबैर को किसी अज्ञात स्थान पर ले जाया जा रहा है। न तो जुबैर के वकीलों को बताया जा रहा है और न ही मुझे बताया जा रहा है। हम उसके साथ पुलिस वैन में हैं। कोई भी पुलिस वाला कोई नाम का टैग नहीं लगा रहा है।”

मोहम्मद जुबैर ऑल्ट न्यूज नाम से फैक्ट चेकिंग वेबसाइट चलाते हैं। उन पर कथित फैक्ट चेकिंग के नाम पर लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है।



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राष्ट्रपति चुनावः आजमगढ़-रामपुर में जीत से बीजेपी को फायदा, दो सांसद बढ़ने से मिलेंगे 1400 वोट

उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट और रामपुर सीट पर हुए उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है। रामपुर से बीजेपी उम्मीदवार घनश्याम लोधी चुनाव जीते हैं, तो वहीं आजमगढ़ से निरहुआ ने जीत हासिल की है। उपचुनाव के परिणामों का असर राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) पर भी पड़ेगा। इसके कारण यूपी में बीजेपी को बड़ा फायदा हो सकता है क्योंकि उत्तर प्रदेश में अब भाजपा के 66 सांसद हो गए हैं।

24 जुलाई 2022 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल खत्म हो रहा है। ऐसे में कार्यकाल खत्म होने से पहले राष्ट्रपति का चुनाव होना निश्चित है। राष्ट्रपति चुनाव के लिहाज से बीजेपी के लिए यूपी काफी महत्वपूर्ण है। पूरे देश का मिलाकर राष्ट्रपति चुनाव के लिए कुल 10,98,882 वोट हैं। यूपी में राज्य के एक विधायक की वोट का वेटेज 208 है, जबकि राज्य में कुल 403 विधानसभा सीटें हैं।

ऐसे में उत्तर प्रदेश विधानसभा के कुल वोट का वेटेज 83,824 होता है, जो कि किसी भी दूसरे राज्य की तुलना में काफी ज्यादा है। वहीं सांसद के वोट का कुल वेटेज 56,640 होता है। यानि यूपी में राष्ट्रपति चुनाव के लिए विधानसभा और सांसदों का कुल वोट का वेटेज 1,40,464 होता है।

लोकसभा का गणित: उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा और 31 राज्यसभा सांसद हैं। एक सांसद के वोट का वेटेज 700 है। यहां भारतीय जनता पार्टी के अब 66 सांसद हैं जबकि एनडीए गठबंधन की पार्टी अपना दल के दो सांसद हैं। ऐसे में एनडीए के लोकसभा सांसदों के वोट का वेटेज 44,800 से 1400 वेटेज बढ़कर 46,200 हो जाता है। इसके अलावा बसपा के दस सांसद हैं, जिनके वोट का वेटेज 7000 है। वहीं उपचुनाव के बाद सपा के अब केवल 3 सांसद हैं, जिससे उनके वोट का वेटेज 2100 होता है। वहीं कांग्रेस के एक मात्र सांसद के वोट का वेटेज 700 होता है।

राज्यसभा का गणित: वहीं, दूसरी ओर राज्यसभा में यूपी के 31 सांसद हैं। यहां बीजेपी के 22, सपा के 5 और बसपा के 3 सांसद हैं, जबकि एक सपा सर्मथक निर्दलीय सांसद कपिल सिब्बल हैं। यूपी में राज्यसभा के बीजेपी सांसदों के वोट का वेटेज 15400, सपा सांसदों के वोट का वेटेज 3500 और बसपा सांसदों के वोट का वेटेज 2100 होता है। वहीं कपिल सिब्बल के वोट के कारण सपा के वोट का वेटेज 700 बढ़ जाता है।

एनडीए गठबंधन का हिसाब: राज्य में एक विधायक के वोट का वेटेज 208 है। यूपी में 403 में से बीजेपी गठबंधन (एनडीए) के 273 विधायक हैं। इसमें बीजेपी के 255 विधायकों का वेटेज 53,040, अपना दल (सोनेलाल) के 12 विधायक का वोट वेटेज 3,060 होता है। गठबंधन के एक अन्य दल निषाद पार्टी के 6 विधायकों का कुल वेटेज 1,248 है। ऐसे में एनडीए गठबंधन के विधायकों का वोट वेटेज 57,348 हो जाता है।

राष्ट्रपति चुनाव की तारीख: राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन 29 जून, चुनाव 18 जुलाई 2022 और परिणाम 21 जुलाई को घोषित किया जाएगा। राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा विपक्ष के साझा उम्मीदवार हैं जिनका मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू से है।



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टैक्‍स छूट का झूठा दावा करने वाला मामला: इलेक्शन कमीशन के रडार पर 2100 राजनीतिक दल, 111 के खिलाफ लिया कड़ा एक्शन

चुनाव आयोग ने फर्जी राजनीतिक पार्टियों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने ऐसी 111 राजनीतिक पार्टियों पर एक्शन लिया है, जो पंजीकृत तो है लेकिन उनके दल को चुनावी मान्यता नहीं है। इसके साथ ही 2100 से ज्यादा पार्टियां आयोग के रडार पर है। चुनाव आयोग इन 2100 पार्टियों को लेकर कहा कि इन राजनीतिक पार्टियों ने कई अनिवार्य नियमों की अवहेलना की है जिसमें चंदे से जुड़ी रिपोर्ट नहीं सौंपने, नाम, मुख्यालय पदाधिकारियों और पते के बदलाव के बारे में जानकारी नहीं शामिल हैं।

पार्टियों को हटाने का आदेश: चुनाव आयोग की तरफ से बताया गया कि शुरुआत में 111 पंजीकृत और गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों को हटाने का आदेश दिया गया है। इससे पहले 25 मई को चुनाव आयोग ने 87 पंजीकृत लेकिन गैर मान्यता प्राप्त पार्टियों को हटा दिया था। चुनाव आयोग का कहना है कि नियमों का उल्लंघन करने के लिए देश भर की 2100 से ज्यादा पार्टियों को चिन्हित किया गया है। इनमें उत्तर प्रदेश, दिल्ली, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात से लेकर मध्य प्रदेश तक के राजनीतिक दल शामिल हैं।

जानकारी के मुताबिक, चुनाव आयोग की यह पूरी कार्यवाही नए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के देखरेख में की जा रही है। चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पंजीकृत लेकिन गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक पार्टियां केवल इनकम टैक्स की धारा 13 ए का लाभ उठाने के लिए बनाई जाती हैं। जांच में पाया गया है कि इनमें से अधिकांश दल अवैध गतिविधियों में भी शामिल रहे हैं।

राजनीतिक पार्टियों को टैक्स में छूट: इनकम टैक्स की धारा 13 ए के तहत देश में सभी राजनीतिक दलों को आयकर में छूट मिलती है। इसके साथ-साथ चंदा देने वालों को भी इनकम टैक्स की धारा 80GGB और 80GGC के प्रदान की गई राशि पर आयकर में छूट मिलती है।

आज तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जिन दलों को चुनाव आयोग के द्वारा हटाया गया है उनमें से अधिकांश राजनीतिक दलों ने सालाना ऑडिट खातों में निर्धारित प्रक्रिया का पालन नहीं किया था। इसके साथ ही कई जरूरी चीजें जैसे खर्चों की जानकारी और कैश फ्लो स्टेटमेंट आदि की डिटेल नहीं थी और दान देने वालों की भी पूरी जानकारी स्पष्ट रूप से भरी नहीं गई थी।



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सुप्रीम कोर्ट से शिंदे गुट को राहत, डिस्क्‍वालिफिकेशन नोटिस का जवाब देने की समयसीमा बढ़ाई, डिप्‍टी स्‍पीकर को भेजा समन, पढ़ें दोनों पक्षों के बीच की दलीलें

21 जून से शुरू हुआ महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा अब सूरत, गुवाहाटी होते हुए सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा है। सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों को ध्यान से सुना। इस सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर सहित सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किया। इसके मुताबिक 5 दिन के भीतर सभी को हलफनामा दाखिल करना होगा। 11 जुलाई को इस मामले में अगली सुनवाई की जाएगी तब तक के लिए स्थिति यथावत बहाल रहेगी।

सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही शुरू होते ही एकनाथ शिंदे के वकील से पूछा पहले आप लोग हाईकोर्ट क्यों नहीं गए? इसके जवाब में शिंदे के वकील ने कहा कि मुंबई में 40 विधायकों को मारने की धमकी दी गई। मुंबई में इन विधायकों के प्रति माहौल अनुकूल नहीं है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बागी मंत्रियों के विभागों को दूसरे मंत्रियों को दे दिया है।

ईडी के समन पर बोले संजय राउत
ईडी का समन मिलने के बाद संजय राउत ने ट्वीट कर कहा है, “मुझे अभी पता चला है कि ईडी ने मुझे तलब किया है। अच्छा है! महाराष्ट्र में बड़े राजनीतिक घटनाक्रम हैं। हम बालासाहेब के शिवसैनिक एक बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। यह मुझे रोकने की साजिश है। भले ही आप मुझे मार दें, लेकिन मैं गुवाहाटी मार्ग नहीं अपनाऊंगा। मुझे गिरफ्तार करो।”

एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे ने संजय राउत पर साधा निशाना
शिवसेना सांसद और एकनाथ शिंदे के बेटे ने ठाणे में कहा, “यह बगावत नहीं बल्कि महाराष्ट्र की जनता क्या चाहती है। ‘गुवाहाटी से शव लाने’ से उनका (संजय राउत) क्या मतलब है? यह महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है। उन्हें दूसरे लोगों को धमकाना चाहिए लेकिन हमें नहीं। सभी को आत्ममंथन करने की जरूरत है कि इतने विधायक एकनाथ शिंदे के साथ क्यों गए।”

शिंदे के समर्थक उनके आवास के बाहर जमा हुए
शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे के समर्थक ठाणे में उनके आवास के बाहर जमा हो गए हैं। सुप्रीम कोर्ट आज महाराष्ट्र के बागी विधायकों के खिलाफ डिप्टी स्पीकर द्वारा जारी अयोग्यता नोटिस के खिलाफ एकनाथ शिंदे की याचिका पर सुनवाई हुई।

शिवसेना विधायक दल के नए नेता पहुंचे विधान भवन
शिवसेना के नवनियुक्त विधायक दल के नेता अजय चौधरी विधान भवन पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट में एकनाथ शिंदे की जगह अजय चौधरी को शिवसेना का विधायक दल का नेता नियुक्त करने के खिलाफ दायर याचिका पर आज सुनवाई हुई।

शिंदे गुट ने महा विकास आघाड़ी से समर्थन वापस लिया
एकनाथ शिंदे गुट ने महा विकास आघाडी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया। एकनाथ शिंदे ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर जानकारी दी। अर्जी में कहा गया है, “महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन ने सदन में बहुमत खो दिया है क्योंकि शिवसेना विधायक दल के 38 सदस्यों ने अपना समर्थन वापस ले लिया है और इस तरह सदन में सरकार के बहुमत का आंकड़ा नीचे आ गया है।”

एकनाथ शिंदे ने वीडियो में बाला साहेब को लेकर कही ये बात
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने अपने समर्थक विधायक का वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने छगन भुजबल पर निशाना साधा है। बागी विधायक सुभाष सबने ने वीडियो में कहा है, “शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे को गिरफ्तार करने वाले छगन भुजबल के साथ कैबिनेट में बैठने के दौरान क्या आपको कोई दर्द नहीं होता?”

दीपक केसरकर का संजय राउत पर गंभीर आरोप
शिवसेना के बागी विधायक दीपक केसरकर ने शिवसेना सांसद संजय राउत पर बड़ा आरोप लगाया है। केसरकर ने कहा एनसीपी शिवसेना के नेताओं के कंधे पर बंदूक रखकर चला रही है संजय राउत एनसीपी नेताओं के लिए कंधा बन रहे हैं। संजय राउत शिवसेना को खत्म करने पर उतारू हैं।

सु्प्रीम कोर्ट में उठा बागी MLAs की सिक्योरिटी का मामला
सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों की सुरक्षा के मामले पर भी बातचीत हुई। इस मुद्दे पर सर्वोच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार के वकील का बयान दर्ज किया, उन्होंने बताया कि बागी विधायकों की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त कदम उठाए जा चुके हैं और राज्य सरकार ये सुनिश्चित करे कि बागी विधायकों की जान, उनकी स्वतंत्रता या फिर उनकी संपत्ति को किसी भी तरह का नुकसान ना हो।



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Sunday, June 26, 2022

राजस्थानः ACB की रिवीजन पटीशन पर केंद्रीय मंत्री शेखावत को कोर्ट का नोटिस, जानें क्या बोले गहलोत

महाराष्ट्र के सियासी बवाल के बीच राजस्थान के सियासी संकट का मामला चर्चा में है। दरअसल राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को कोर्ट का नोटिस भेजा है। जोकि 2020 में अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश के आरोपों से संबंधित खरीद-फरोख्त के कथित मामले से जुड़ा है।

मालूम हो कि एसीबी द्वारा गजेंद्र सिंह शेखावत के वॉयस सैंपल की मांग को लेकर एक याचिका दायर करने के बाद जयपुर की एक अदालत ने यह नोटिस जारी किया। केंद्रीय मंत्री से 14 जुलाई तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है। नोटिस जारी होने के बाद राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर निशाना साधा है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केंद्रीय मंत्री पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया कि उन्होंने दो साल पहले कांग्रेस नेता सचिन पायलट के साथ मिलकर राजस्थान सरकार गिराने की कोशिश की थी। गहलोत ने यह टिप्पणी शेखावत के जयपुर के चोमू शहर में दिए बयान पर की है। जिसमें शेखावत ने एक बैठक में कहा था कि अगर सचिन पायलट राजस्थान में सरकार बदलने का मौका नहीं चूकते तो पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के माध्यम से पानी आता।

गहलोत ने शेखावत पर आरोप लगाते हुए कहा “आप सरकार गिराने में मुख्य किरदार थे। आपने खुद ने सरकार गिराने का षड्यंत्र किया, अब आप जो सचिन पायलट जी का नाम ले रहे हो कि उन्होंने चूक कर दी, इससे तो और साफ हो गया। आपने खुद ही ठप्पा लगा दिया कि आप उनके साथ मिले हुए थे।”

गहलोत ने कहा कि शेखावत अपने आप को बचाते रहे लेकिन आखिरकार उन्हें अदालत का नोटिस मिला। उन्होंने सवाल किया कि आखिर उन्हें अपनी आवाज का सैंपल देने में क्या समस्या है?

बता दें कि 2020 में तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट द्वारा हुए विद्रोह के दौरान तीन ऑडियो क्लिप सामने आए थे। जिसमें कथित तौर पर कांग्रेस के कुछ बागी नेता अशोक गहलोत सरकार को गिराने के लिए रिश्वत लेने पर चर्चा करते हुए एक भाजपा नेता के साथ बातचीत कर रहे थे। कांग्रेस ने दावा किया था कि ऑडियो क्लिप में गजेंद्र सिंह, कांग्रेस के बागी विधायक भंवर लाल शर्मा और विश्वेंद्र सिंह की आवाजें थीं।

इस संबंध में कांग्रेस नेता महेश जोशी ने ऑडियो क्लिप के आधार पर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो और विशेष अभियान समूह (एसओजी) में प्राथमिकी दर्ज कराई थी।



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महाराष्ट्र संकटः शिवसेना ने 16 बागी विधायकों को भेजे लीगल नोटिस, उधर गवर्नर कोश्यारी ने गृह सचिव से मांगे केंद्रीय सुरक्षा बल

महाराष्ट्र में मचे सियासी बवाल के बीच शिवसेना ने असम के गुवाहाटी में एक होटल में ठहरे 16 बागी विधायकों को लीगल नोटिस भेजा है। शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने रविवार को जानकारी दी कि बागियों के खिलाफ पार्टी ने कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और संबंधित विधायकों को नोटिस दिया है। वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राज्य के डीजीपी को पत्र लिखकर शिंदे गुट के विधायकों और उनके परिवारों को तत्काल रूप से सुरक्षा प्रदान करने की बात कही है।

बता दें कि महाराष्ट्र में सियासी हलचल के बीच रविवार को शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल चल रही है, कई विधायक दलबदल कर असम चले गए हैं। हमने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है और अब तक 16 विधायकों को नोटिस भेजा गया है।

शिवसेना के वरिष्ठ वकील देवदत्त कामत ने कहा, “शिवसेना द्वारा 16 विधायकों के खिलाफ कार्यवाही शुरू की गई है, संविधान में प्रावधान के तहत यदि कोई व्यक्ति किसी पार्टी की सदस्यता छोड़ देता है तो वह अयोग्य होता है।” उन्होंने कहा कि शिवसेना द्वारा अलग-अलग समय पर कई बैठकें बुलाई गईं। इन बैठकों में इन 16 विधायकों में से किसी ने भी भाग नहीं लिया। इनके द्वारा भाजपा शासित राज्यों का दौरा करना, भाजपा नेताओं से मिलना और सरकार गिराने का प्रयास करना उल्लंघन की श्रेमी में आता है।

गौरतलब है कि कामत ने कहा कि बागियों के लिए अयोग्यता से बचने का मर्जर ही एक ही रास्ता बचा है। बिना मर्ज किए ये लोग अयोग्यता से बच नहीं सकते। जब तक बागी विधायक किसी दूसरी पार्टी में विलय नहीं करते, उनपर अयोग्यता लागू होती है।

राज्यपाल ने गृह सचिव से मांगे केंद्रीय सुरक्षा बल: मालूम हो कि महाराष्ट्र में बागी विधायकों को लेकर शिवसेना कार्यकर्ताओं द्वारा तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आई हैं। ऐसे में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पहले राज्य के पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखकर शिंदे खेमे के विधायकों और उनके परिजनों को तत्काल सुरक्षा देने को कहा है।

वहीं अब राज्यपाल केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखकर राज्य में कानून-व्यवस्था बिगड़ने की स्थिति में केंद्रीय बलों को तैयार रखने की बात कही है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के बागी विधायकों द्वारा हिंसा के आरोप लगाए जाने के बाद यह बात सामने आई है, जो वर्तमान में गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं।

द इंडियन एक्सप्रेस ने पत्र के हवाले से लिखा है कि राज्यपाल ने यह पत्र 25 जून को भेजा था। जिस वक्त वे अस्पताल में थे। पत्र में उन्होंने भल्ला को सूचित किया कि उन्होंने पुलिस से विधायकों को पर्याप्त सुरक्षा देने के लिए कहा था, लेकिन इसके बाद भी पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है।



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Monkeypox In India: केरल में मिला मंकीपॉक्स का दूसरा केस, दुबई से पिछले हफ्ते लौटा था शख्स

monkeypox second case confirmed in kerala केरल में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला सामने आया है। सूबे के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि दुबई से प...