अगले साल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने को हैं। जिनमें से चार राज्यों में मौजूदा समय में भाजपा की सरकार है। आगामी विधानसभा चुनाव से पहले महंगाई भाजपा के लिए सिरदर्द बन गई है। इतना ही नहीं मोबाइल फोन का बढ़ता खर्च भी भाजपा की टेंशन को बढ़ा सकता है।
द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार उत्तरप्रदेश से आने वाले एक भाजपा सांसद ने बढ़ती महंगाई को लेकर कहा कि लोग खाद्य पदार्थों और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के साथ मोबाइल टॉप-अप के महंगे होने की भी शिकायत कर रहे हैं। सांसद ने कहा कि मतदाता शिकायत करते हैं कि उनका मोबाइल खर्च भी मासिक तौर पर करीब 300 रुपये हो गया है जो पहले 200 रुपए से भी कम हुआ करता था।
सांसद ने मोबाइल टॉप- अप के महंगे होने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि गरीब भी स्मार्टफोन का उपयोग करते हैं। क्योंकि स्मार्टफोन भी उनके जीवन का अनिवार्य अंग बन गया है। मोबाइल टॉप-अप का महंगा होना भाजपा के लिए सिरदर्द साबित हो सकता है कि क्योंकि बीजेपी का अधिकांश चुनाव प्रचार सोशल मीडिया या डिजिटल माध्यमों के सहारे हो होता है।
इसके अलावा एलएपजी गैस के बढ़ते दाम को लेकर भी भाजपा नेताओं को महिलाओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वहीं नौकरी नहीं मिलने की वजह से युवा वर्ग के लिए महंगा पेट्रोल भी बोझ साबित हो रहा है। कई भाजपा नेता भी यह मानते हैं कि सरसों तेल और दाल जैसे खाद्य पदार्थों के बढ़ते दाम भी लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। बढ़ती महंगाई की वजह से होने वाली समस्याओं की शिकायतें भी अक्सर भाजपा नेताओं को जनता के द्वारा मिलती रहती है।
बता दें कि भारत में थोक महंगाई 12 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। ईंधन और बिजली की कीमतों में तेज़ी के कारण थोक महंगाई में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। एक सर्वे के अनुसार करीब 60 फीसदी शहरों में महंगाई काफी चरम है। लोग जरूरी सामानों और रोजमर्रा के काम आने वाली वस्तुओं के दाम में हो रही बढ़ोतरी से परेशान हैं।
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