Friday, December 31, 2021

ओमिक्रॉन शरीर के किस अंग पर असर करता है, लक्षण क्या हैं और अटैक करे तो कैसे बचें- AIIMS चीफ गुलेरिया ने बताया

भारत में पिछले कुछ दिनों में ओमिक्रॉन के मामले में इजाफा हुआ है। 24 घंटे पहले की ही बात करें तो 16,764 नए मामलों के साथ कुल सक्रिय केस 91,361 हुए हैं। द इंडियन एक्सप्रेस को जानकारी में एम्स के प्रमुख रणदीप गुलेरिया ने जानकारी दी है कि ओमिक्रॉन कैसे और किस लोगों के किस अंक पर अटैक करता है और इसके लक्षण क्‍या है साथ ही यह भी जानकारी दी है कि अगर ओमिक्रॉन वायरस अटैक करे तो कैसे इससे बचाव‍ किया जा सकता है।

शरीर के किस हिस्‍से में करता है अटैक
ओमिक्रॉन देश में तेजी से लोगों के बीच फैल रहा है। इसलिए यह जानना भी जरुरी है कि ओमिक्रॉन आखिर शरीर के किस हिस्‍से को प्रभावित कर रहा है। AIIMS चीफ गुलेरिया ने बताया कि अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रॉन संस्करण मुख्य रूप से शरीर के ऊपरी श्वसन पथ और वायुमार्ग को प्रभावित करता है। यह फेफड़ों को प्रभावित नहीं करता है। जिस कारण से यह एक से दूसरे तक श्वसन के माध्‍यम से तेजी से पहुंचता है।

क्‍या है लक्षण
गुलेरिया ने जानकारी देते हुए कहा कि चूकि यह फेफड़ों के बजाय ऊपरी श्‍वसन और वायु नली को प्रभावित कर रहा है। इस कारण इसमें डेटा वेरियंट जैसे गंभीर समस्‍याएं नहीं आ रही हैं। इससे संक्रमित रोगियों में ऑक्‍सीजन की अधिक कमी नहीं हो रही है। इसके जो लक्षण सामने आए हैं वह बुखार, नाक बहना, गले में खराश और शरीर में बहुत दर्द और सिरदर्द होना है। उन्‍होंने कहा कि अगर किसी में यह लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उन्‍हें तुरंत जांच करवा लेना चाहिए।

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अटैक करे तो क्‍या करें
गुलेरिया ने कहा कि अगर आपको ओमिक्रॉन वायरस से संक्रमित होने की जानकारी मिलती है तो घबराने की आवश्‍यकता नहीं है। यह समझना महत्वपूर्ण है कि पिछली बार के विपरीत यह नया संस्करण ऑक्सीजन संतृप्ति में इतनी गिरावट का कारण नहीं बनता है। इसलिए जो नॉर्मल वायरस से संक्रमित हैं वे होम आइसोलेशन पर रह सकते हैं। गुलेरिया ने जोर देकर कहा कि अस्पताल के बिस्तर उन लोगों के लिए मुफ्त छोड़े जाने चाहिए जो गंभीर बीमारी की चपेट में हैं। कहा कि डेटा यह भी बताता है कि रिकवरी बहुत तेजी से हो रही है, इस कारण घबराहट की स्थिति में न आएं।

अभी रहें सतर्क
गुलेरिया ने यह भी कहा कि देश नए साल की शुरुआत में काफी बेहतर स्थिति में है। क्योंकि टीकाकरण की दूसरी खुराक 60 प्रतिशत के पार पहुंच गई है। लेकिन इससे सतर्क होने की आवश्‍यता है, क्‍योंकि महामारी खत्म नहीं हुई है। हम नए मामलों में उछाल देख रहे हैं। इसलिए, यह और अधिक सतर्क रहने का समय है।

कोरोना वायरस के खिलाफ तैयारी
गुलेरिया ने कहा कि सुविधाओं के मामले में भी बेहतर तरीके से तैयार हैं। चाहे वह मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट हों, आईसीयू बेड हों, वेंटिलेटर हों। इसलिए तैयारी और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के मामले में हम बेहतर स्थिति में हैं। गुलेरिया के अनुसार, नए संस्करण से लड़ने के लिए कोविड-उपयुक्त व्यवहार सबसे शक्तिशाली उपकरण होगा। इस कारण से जब भी बाहर जा रहे हों तो मास्क ठीक से पहनना, शारीरिक दूरी बनाए रखना और हाथ धोना जारी रखें। भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।

गंभीर बीमारियों से बचाता है टीका
गुलेरिया ने क‍हा कि जो डेटा हमारे पास है व बताता है कि टीकाकरण गंभीर बीमारी और मृत्यु दर से रक्षा कर रहा है। इसलिए उन लोगों के लिए जो टीका हिचकिचाहट के कारण टीका नहीं लगाया गया है, टीका लगवाना बहुत जरूरी है। साथ ही उनमें से कुछ जो अपने दूसरे शॉट से चूक गए हैं, यह महसूस करते हुए कि महामारी खत्म हो गई है, उन्हें आगे आना चाहिए और दूसरी खुराक लेनी चाहिए। क्योंकि आप पूरी तरह से तभी सुरक्षित रहेंगे जब आप दोनों खुराक ले लेंगे।

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