योग गुरु बाबा रामदेव अपने पेट्रोल और ब्लैकमनी के बयानों को लेकर अक्सर लोगों के निशाने पर रह रहे हैं। जैसे ही रामदेव किसी मुद्दे पर बयान देते हैं, यूजर्स उन्हें पेट्रोल पर दिए गए उनके बयान को याद दिला देते हैं। इसी तरह का मामला उनके गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने वाली मांग पर भी देखी जा रही है।
दरअसल पतंजलि योग पीठ के संस्थापक बाबा रामदेव ने रविवार को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की अपनी मांग फिर से दोहराई। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम द्वारा आयोजित दो दिवसीय गो महासम्मेलन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए रामदेव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने वाला कानून लाना चाहिए। रामदेव ने कहा कि पतंजलि पीठ हमेशा ‘गो संरक्षण’ अभियान में सबसे आगे रहा है।
योग गुरु की इसी मांग को लेकर यूजर्स एक बार फिर से उन्हें पेट्रोल और ब्लैक मनी को लेकर ट्विटर पर घेरने लगे। एक यूजर रविकांत (@shakellir) ने कहा- यह बहुत बड़ा मुद्दा और बड़ी खबर है कृपया इस मांग पर अपना पूरा ध्यान दें… बाबा में ईंधन की कीमतों को कम करने के लिए कहने की हिम्मत नहीं है लेकिन गाय को राष्ट्रीय पशु के रूप में चाहते हैं।
एक अन्य यूजर नेहा (@solankineha) ने बाबा रामदेव पर निशाना साधते हुए कहा- आपने यह भी कहा था कि वे काला धन वापस लाएंगे और पेट्रोल के दाम कम करेंगे…
मोहम्मद अकबर (@muhammad15akbar) ने लिखा- घोषित कर दें सर, कोई समस्या नहीं है…लेकिन आपने पेट्रोल वाला ट्वीट डिलीट कर दिया।
बता दें कि कांग्रेस सरकार के वक्त बाबा रामदेव ने कहा था कि अगर कालाधन वापस आ जाएगा तो पेट्रोल 30 रुपये प्रति लीटर मिलेगा। इन दिनों जब तेल के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है, तब योग गुरु को लोग उनके इस बयान को याद दिलाने लगे। इसके बाद रामदेव ने अपने बयान से यू-टर्न लेते हुए आर्थिक चुनौतियों के नाम पर सरकार का बचाव करने लगे। इतना ही नहीं कुछ दिन पहले ही बाबा रामदेव ने पेट्रोल और ब्लैक मनी वाला ट्वीट भी डिलीट कर दिया है।
चीनी कंपनी शाओमी भारत में एक जबदस्त कैमरा फोन लॉन्च करने वाली है। 108 एमपी कैमरा व दमदार बैटरी के साथ यह फोन नवंबर के अंत में लॉन्च कर दिया जाएगा। जिसकी कीमत भी आपके बजट के अनुसार ही होगी। अगर आप नवंबर के अंत में एक नया स्मार्टफोन 5G वेरियंट में लेना चाहते हैं तो आपको इस फोन के बारे में जरुर जानना चाहिए। इसमें केवल अच्छा कैमरा ही नहीं बल्कि हाई प्रोसेसर भी दिया जाता है। इसकी डिस्प्ले भी बड़ा और एचडी में दिया जाएगा। साथ ही इसमें कई नए फीचर्स जोड़े गए हैं।
शाओमी कंपनी का रेडमी नोट सीरीज में REDMI Note 11 Pro Max 5G फोन 29 नवंबर को लॉन्च करने की बात कही जा रही है। इसे चीनी कंपनी के साइट पर लिस्ट किया गया है और इसके खासियत और कीमत के बारे में भी जानकारी दी गई है। इन फोन में प्रकाश जैसे कुछ नए सेंसर भी जोड़े गए हैं।
खास स्पेसिफिकेशन यह फोन पहले 6GB RAM व 128 GB स्टोरेज के साथ लाया जाएगा। इसमें प्रोसेसर क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 778जी दिया जाएगा। इसके मेन कैमरे की बात करें तो यह 108 एमपी + 8 एमपी + 5 एमपी + 2 एमपी के साथ आता है जबकि सेल्फी कैमरा 32 एमपी दिया जाता है। इसकी बैटरी पावर 5200 एमएएच के साथ संचालित होगा। इसके साथ एक फास्ट चार्जिंग भी दिया जाता है। इसमें आपको 6.67 इंच का बड़ा डिस्प्ले दिया जाता है, जिसमें स्क्रीन रिजल्यूशन 1080 x 2400 पिक्सल हो सकता है। यह फोन एंडरॉयड वी11 द्वारा संचालित किया जाता है। डिसप्ले टाइप सुपर अमोल्ड दिया जाएगा।
कितनी हो सकती है कीमत REDMI Note 11 Pro Max 5G नोट सीरीज का अपडेट वर्जन है। इस फोन की कीमत भारत के मार्केट के हिसाब से ही रखा जाएगा। चीनी कंपनी के साइट पर दी गई जानकारी के अनुसार इस फोन की कीमत 19,999 रुपये होगी। इस फोन में कुछ और खास फीचर्स प्रकाश सेंसर, प्रोक्सिमिटी सेंसर, एक्सेलेरोमीटर, कॉम्पास, जायरोस्कोप जोड़ा गया है, जो लोगों को एक नया एक्सप्रीएंस दे सकता है।
महाराष्ट्र की उद्धव सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने ड्रग्स केस में समीर वानखेड़े के बाद अब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनकी पत्नी अमृता को निशाने पर लिया है। सोमवार को मलिक ने दो फोटो शेयर की जिसमें देवेंद्र फडणवीस और अमृता एक ड्रग्स पैडलर के साथ दिखाई दे रहे हैं। इस फोटो के साथ कैप्शन में नवाब मलिक ने लिखा, “चलो आज BJP और ड्रग्स पेडलर के रिश्तों पे चर्चा करते है।”
देवेंद्र फडणवीस पर गंभीर आरोप: बता दें कि फोटो में दिख रहे ड्रग पैडलर का नाम जयदीप चंदूलाल राणा है। जून 2021 में इसे नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने गिरफ्तार किया था। सोमवार एक प्रेस कांफ्रेंस में नवाब मलिक ने देवेंद्र फडणवीस और ड्रग पैडलर के बीच संबंध होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में ड्रग का पूरा खेल कहीं न कहीं देवेंद्र जी के आशीर्वाद से चल रहा है। इसकी जांच होनी चाहिए।”
मलिक ने कहा कि जयदीप राणा ने देवेंद्र फडणवीस की पत्नी के गाने को फाइनेंस किया। उसकी गिरफ्तारी ड्रग ट्रैफिकिंग में हुई थी। उन्होंने कहा कि एक गाने में जयदीप राणा, देवेन्द्र फडणवीस और उनकी पत्नी तीनों शामिल हैं। नवाब मलिक ने निशाना साधते हुए कहा कि लोगों को फंसाने के लिए ही देवेंद्र फडणवीस समीर वानखेड़े लोगों को लेकर आए।
— Nawab Malik نواب ملک नवाब मलिक (@nawabmalikncp) November 1, 2021
एससी कमीशन के उपाध्यक्ष पर उठाए सवाल: मलिक ने अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष अरुण हलदर पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “अरुण हलदर एक वैधानिक पद पर बैठकर उस व्यक्ति(समीर वानखेड़े) के घर जाते हैं जिस पर शक की सुई है। उनके घर पर जाकर कागजात उलट-पलट कर देखते हैं और क्लीन चिट दे देते हैं कि दस्तावेज सही हैं।”
उन्होंने कहा, “अरुण हलदर का व्यवहार कहीं न कहीं संदेह के घेरे में है, सीधे ये कह देना कि समीर दाऊद वानखेड़े ने कोई धर्म परिवर्तन नहीं किया और उनके घर चले जाना। ये बहुत सारे सवाल खड़े कर रहा है। हम देश के राष्ट्रपति और सामाजिक न्याय मंत्री से इसकी शिकायत करेंगे।”
दरअसल बीते रविवार को अरुण हलदर समीर वानखेड़े के घर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने जाति से संबंधित प्रमाण पत्र की जांच की। इसको लेकर उन्होंने कहा कि समीर ने जो कागजात दिखाए, उससे लगता है कि वो अनुसूचित जाति के महार समाज से संबंध रखते हैं। अरुण हलदर की इस कार्रवाई को लेकर नवाब मलिक ने सवाल उठाए हैं।
UPSC: पेशे के साथ-साथ शौक बरकरार रखना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है। वो भी तब, जब कंधों पर प्रशासनिक कार्यों का बोझ हो। ऐसी ही कहानी है यूपी कैडर के आईएएस डॉ.हरिओम की, लेकिन जिन्होंने यूपीएससी जैसी कड़ी परीक्षा पास कर ली थी, उनके सामने ये चुनौती छोटी ही साबित हुई।
1997 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ हरिओम के कई एलबम भी आ चुके हैं। डॉ. हरिओम के बारे में कहा जाता है कि वो सिंगर बनने का सपना देखते-देखते आईएएस बन गए। उनके गाने का एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो कश्मीर का है, जहां डल झील के पास अपने साथियों के साथ हरिओम गाना गा रहे हैं।
यहां से शुरू हुआ सफर- डॉ. हरिओम का जन्म यूपी के अमेठी जिले के एक छोटे से गांव कटारी में हुआ था, जहां प्रशासनिक कार्यों को लेकर उतनी जागरूकता नहीं थी। शुरुआती पढ़ाई के बाद ग्रेजुएशन के लिए वो इलाहाबाद आ गए। उनका बचपन गजल, गाने, भजन कीर्तिन के बीच भी खूब गुजरा। ग्रामीण परिवेश में ही संगीत उनकी रगों में बस गया था।
सिविल सेवा का सपना- द ऑप्टिमिस्ट न्यूज को दिए गए एक इंटरव्यू में वो बताते हैं कि उनके पिता, उन्हें आईएएस और पीसीएस की तैयारी के लिए प्रेरित करते रहते थे। लेकिन हरिओम केवल एक अच्छा छात्र बनने की कोशिश करते रहे। उनके शिक्षक भी कहते थे कि वो एक होनहार छात्र हैं और उनमें सिविल सेवा परीक्षाओं को पास करने की क्षमता है।
इलाहाबाद- जेएनयू से खुला रास्ता- जब हरिओम इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ने गए तो वहां के माहौल का उन पर बड़ा प्रभाव पड़ा। उनके ज्यादातर साथी आईएएस और पीसीएस के बारे में बात करते थे। यहां से उन्होंने तय किया कि वो सिविल सेवा की तैयारी करेंगे। ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद 1992 में हरिओम जेएनयू आ गए। वो बताते हैं- “यहां छात्र आईएएस के बारे में अधिक गंभीर थे। दिल्ली में होने के कारण परीक्षा के लिए आवश्यक सभी तरह का गाइडेंस यहां प्राप्त हो सकता था। यही वह समय था जब डॉ हरिओम ने सिविल सेवा परीक्षा के लिए दृढ़ निश्चय कर लिया। जिसके बाद 1997 में उन्होंने यूपीएससी क्लियर कर लिया और आईएएस के लिए चुन लिए गए।
इसके बाद हरिओम, यूपी के कई जिलों में डीएम के रूप में काम किए। इन्होंने ही गोरखपुर में अपनी सेवा के दौरान तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया था। तब योगी को 11 दिन जेल में रहना पड़ा था।
नौकरी के साथ-साथ संगीत- आईएएस में सिलेक्शन होने के बाद भी हरिओम की संगीत और लेखनी में रूचि कम नहीं हुई। द हिन्दू के अनुसार जब से उन्हें याद है, तब से संगीत के प्रति उनका जुनून रहा है। हिंदी साहित्य में डॉक्टरेट करते हुए उन्हें गजलों में रुचि हुई। वो बताते हैं “अपनी पढ़ाई के हिस्से के रूप में, मैंने हिंदी कविताएं और शायरी पढ़ना शुरू किया। आखिरकार मैंने मेंहदी हसन, गुलाम अली, हुसैन ब्रदर्स, जगजीत सिंह जैसे गजल गायकों को सुनना शुरू कर दिया”।
हरिओम अक्सर गजलें गाते हैं। उन्होंने गजल लिखी और रची है। उन्होंने कई पुस्तकें भी लिखी है, जिनमें से एक कहानियों का संग्रह है। 2016 में उन्होंने एक कलाकार के रूप में अपना पहला सार्वजनिक एल्बम किया था। जो बड़ी हिट हुई थी। ये एल्बम उन्हीं की कविता पर आधारित है। इसके बाद जो ये सिलसिला शुरू हुआ वो आजतक जारी है।
आधार कार्ड की ही तरह पैन कार्ड भी एक जरूरी दस्तावेज है। इसका उपयोग वित्तीय लेनदेन के लिए किया जाता है। यह 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक नंबर होता है, जो इसकी पहचान होता है। अगर यह नंबर गलत होता है तो पैन कार्ड मान्य नहीं किया जा सकता। अगर पैन कार्ड खो जाता है तो उसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
हाल ही में केंद्र सरकार ने भी भारतीय नागरिकों के लिए आधार कार्ड को पैन कार्ड से लिंक करना अनिवार्य कर दिया था। ऐसे में अगर आपके पास कोई और दस्तावेज नहीं है तो आप केवल आधार की मदद से पैन कार्ड बिना किसी शुल्क दिए ही प्राप्त कर सकते हैं। आधार-आधारित ईकेवाईसी का उपयोग करते हुए, पैन कार्ड तुरंत जारी किए जाएंगे।
पैन कार्ड के लिए आवेदन करने का तरीका
नए इनकम टैक्स पोर्टल पर जाएं और फिर इंस्टेंट पैन वाले ऑप्शन में जाएं।
इंस्टेंट पैन सुविधा आधार पर ई-पैन प्रदान करती है और यह पीडीएफ प्रारूप में आती है।
इसके बाद Get new E-PAN वाले ऑप्शन पर क्लिक करें।
इससे उपयोगकर्ता को एक पीडीएफ प्रारूप में वास्तविक समय के आधार पर एक ई-पैन दिया जाता है।
अब अपना आधार नंबर दर्ज करें और आगे दिए गए बॉक्स पर ट्रिक करें।
मुझे कभी भी पैन आवंटित नहीं किया गया है।
मेरा सक्रिय मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा है।
मेरे जन्म का पूरा विवरण आधार पर उपलब्ध है।
स्थायी खाता संख्या के आवेदन की तिथि के अनुसार मैं अवयस्क नहीं हूं।
-अब, आपको अपने पंजीकृत नंबर पर एक ओटीपी प्राप्त होगा।
-इसके बाद 15 अंकों का एकनॉलेजमेंट नंबर जेनरेट होगा।
-अब, आपके नए बनाए गए पैन कार्ड की एक प्रति आपके आधार कार्ड से जुड़ी आपकी ईमेल आईडी पर भेजी जाएगी।
पैन आवेदन की स्थिति की जांच अपने पैन अनुरोध की स्थिति को जानने के लिए एक पावती संख्या का उपयोग करना होगा। ‘आधार के माध्यम से तत्काल पैन’ लिंक पर क्लिक करें और ‘पैन की स्थिति जांचें’ वाले ऑप्शन पर क्लिक करें। उसके बाद आधार नंबर दर्ज करें और आधार रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी को सबमिट करें। इसके बाद आप अपने पैन आवेदन की स्थिति की जांच कर सकते हैं।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में महिलाएं अब शादी के बाद मतदाता सूची (Voters List) में अपना पता आसानी से बदलवा सकती हैं। अगर वे अपने पति के घर में रहना चाहती हैं, तब उनके पास अपना नया पता दर्ज करने का विकल्प होगा। ऐसी महिलाओं के लिए मतदान प्रक्रिया आसान बनाने के लिए लखनऊ के जिला मजिस्ट्रेट (जिला चुनाव अधिकारी भी) ने शनिवार को यह घोषणा की।
नियम के मुताबिक, विवाहित महिलाओं को अब वोट डालने के लिए अपने पिता के घर जाने की जरूरत नहीं होगी। उन्हें एक विकल्प दिया गया है, जिसके तहत अगर पति कहता है कि फॉर्म में लिखा नाम उसकी पत्नी का है और वह संशोधन चाहता है, तब नया पता दर्ज किया जाएगा।
एक हिंदी दैनिक अखबार ने जिलाधिकारी के हवाले से आगे बताया कि संशोधित मतदाता सूची पांच जनवरी, 2022 को प्रकाशित की जाएगी। राजधानी में कुल 1526 मतदान केंद्र और 4018 मतदान केंद्र हैं। मौजूदा समय में लखनऊ में 37,31,000 पंजीकृत मतदाता हैं, जिनमें 19,94, 487 पुरुष, 17,36,507 महिलाएं हैं। कम से कम 23,400 मतदाता 18 से 19 वर्ष के आयु वर्ग के हैं।
एड्रेस रिवीजन प्रोग्राम (पता पुनरीक्षण कार्यक्रम) के लिए चार दिनों तक विशेष अभियान भी चलाए जाएंगे। पहला विशेष अभियान सात नवंबर को होगा, उसके बाद 13, 21 और 28 नवंबर को दूसरा विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस दौरान लोग नाम मतदाता सूची में दर्ज करा सकते हैं।
मतदाता सूची में नाम देखने की क्या है व्यवस्था?: एक नवंबर से 30 नवंबर, 2021 के बीच सभी मतदान केंद्रों पर वोटर लिस्ट्स का दस्तावेज देखने के लिए रहेगा। इसके अलावा ceouttarpradesh.nic.in पर ‘सर्च योर नेम इलेक्टोरल रोल’ बटन पर क्लिक कर मतदाताओं द्वारा खुद से जुड़े डिटेल्स चेक किए जा सकते हैं। यही नहीं, आप electoralsearch.nic.in पर भी नाम चेक कर सकते हैं।
वोटर लिस्ट में इस तरह जुड़ सकता है नामः नाम जुड़वाने या फिर संशोधन के लिए भारत निर्वाचन आयोग के बनाए ऑनलाइन वेब पोर्टल voterportal.eci.gov.in या फिर nvsp.in पर मोबाइल नंबर/ई-मेल आईडी/वोटर आईडी नंबर या फेसबुक/जी-मेल/ट्विटर/लिंक्डइन के जरिए लॉगइन कर हासिल कर सकते हैं।
रजिस्ट्रेशन को मथुरा में एक माह तक चलेगा खास मेलाः यूपी सरकार नए मतदाताओं के रजिस्ट्रेशन और उन्हें बाकी सुविधाएं मुहैया कराने और युवाओं व महिलाओं में मतदान के प्रति जागरुकता लाने के लिए नवंबर भर विशेष मतदाता वोटर्स मेले का आयोजन करने जा रही है। यह मेला एक नवंबर से चालू होकर 30 नवंबर तक चलेगा। डीएम और निर्वाचन अधिकारी नवनीत सिंह चहल ने बताया, ‘नए वोटरों को वोटर्स लिस्ट में नाम दर्ज कराने की सुविधा के लिए बूथ स्तर के अधिकारी पंजीकरण फार्म के साथ मेले में मौजूद रहेंगे।’
टी-20 विश्वकप में 24 अक्टूबर को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए मुकाबले में पाकिस्तान को 10 विकेट से जीत मिली थी। इसको लेकर भारत में मनाए गए कथित जश्न पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रवैया अपनाया है। बता दें कि इस मामले में कई लोगों के खिलाफ यूपी सरकार ने देशद्रोह का मामला दर्ज किया है और कुछ की गिरफ्तारी भी हुई है।
इसको लेकर एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर भारत में रहकर कोई पाकिस्तान से प्रेम दिखाता है तो उसका वहीं हाल होगा जो सेना करती है। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की धरती से इस तरह की अराजकता को स्वीकार नहीं करेंगे। अगर कोई खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है तो उसको प्रोत्साहित कीजिए लेकिन दुश्मन देश का गुणगान बर्दाशत नहीं किया जाएगा।
सीएम योगी ने कहा, “कानून को हाथ में लेने की छूट किसी को नहीं देंगे। अगर हिंदुस्तान में रहेंगे तो उन्हें इस देश के प्रति नतमस्तक होना पड़ेगा। हर हाल में भारत के प्रति सम्मान व्यक्त करना होगा।” सीएम योगी ने कहा, “मैच में हार-जीत होती, लेकिन अगर दुश्मन देश के प्रति समर्थन व्यक्त करोगे तो उसी कठोरता के साथ कुचल दिए जाओगे, जिसके हकदार बनोगे। हम अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं देंगे।”
अखिलेश यादव ने बताया जिन्ना को आजादी का नायक: एक तरफ पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाने वाले लोगों को सीएम योगी सख्त संदेश देते नजर आ रहे हैं तो दूसरी तरफ सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने यूपी के हरदोई जिले में मोहम्मद अली जिन्ना को आजादी का नायक बताया। उन्होंने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि जिन्ना ने आजादी के लिए संघर्ष किया था।
अखिलेश यादव ने जिन्ना की तुलना महात्मा गांधी और पटेल से करते हुए कहा, “सरदार पटेल, महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था से पढ़कर निकले और बैरिस्टर बने और देश को आजादी दिलाई। अगर उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा तो वह पीछे नहीं हटे।”
अखिलेश यादव मानते हैं कि जिन्ना ने देश को आजादी दिलाई। जबकि सच ये है कि जिन्ना ने देश तोड़कर पाकिस्तान बनाया। क्या अखिलेश देश के टुकड़े करने वाले के साथ हैं?
सरदार पटेल की जयंती पर जिन्ना से प्रेम क्यों पूछ रहा उत्तर प्रदेश।
अखिलेश यादव द्वारा जिन्ना को लेकर दिए गए बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने पलटवार किया है। उत्तर प्रदेश भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट में कहा गया है, “अखिलेश यादव मानते हैं कि जिन्ना ने देश को आजादी दिलाई। जबकि सच ये है कि जिन्ना ने देश तोड़कर पाकिस्तान बनाया। क्या अखिलेश देश के टुकड़े करने वाले के साथ हैं? सरदार पटेल की जयंती पर जिन्ना से प्रेम क्यों? अखिलेश यादव माफी मांगें।”
बता दें कि उत्तर प्रदेश में 2022 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में पाकिस्तान की जीत पर कथित जश्न और अखिलेश यादव द्वारा जिन्ना पर दिया गया बयान, चुनावी मुद्दों में शामिल हो सकता है।
बिहार में एससी/एसटी फंड को डायवर्ट कर सड़क, तटबंध, मेडिकल कॉलेज और सरकारी बिल्डिंग बनाने का मामला सामने आया है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार 2018-2019 में नीतीश सरकार ने इन पैसे का उपयोग सरकारी कामों के लिए किया और छात्रों को फंड की कमी का हवाला देते हुए स्कॉलरशिप नहीं दी गई।
बिहार सरकार ने 2018-19 में एससी/एसटी छात्रवृत्ति फंड में से 8,800 करोड़ रुपये से अधिक का फंड डायवर्ट किया गया था। कैग की रिपोर्ट से इस डायवर्जन का पता चला है। इससे पहले इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई थी, वेबसाइट में गड़बड़ी का हवाला देकर कई सालों तक स्कॉलरशिप का आवेदन ही नहीं भरा गया था। वास्तव में, बिहार के अधिकांश अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के छात्रों को छह साल के लिए इस छात्रवृत्ति से वंचित कर दिया गया था।
कहां-कहां डायवर्ट हुआ फंड
इस फंड में से राज्य सरकार ने बिजली विभाग को 2,076.99 करोड़ रुपये डायवर्ट किए। इसके साथ ही उसे 460.84 करोड़ रुपये का कर्ज भी दिया गया।
इसमें से प्रमुख सड़क परियोजनाओं के लिए 3,081.34 करोड़ रुपये को निकाला गया।
1,202.23 करोड़ रुपये तटबंध और बाढ़ नियंत्रण परियोजनाओं के निर्माण में खर्च किए गए।
मेडिकल कॉलेजों के लिए 1,222.94 करोड़ रुपए खर्च किए गए।
776.06 करोड़ रुपये का उपयोग कृषि विभाग के कार्यालय व अन्य भवनों के निर्माण में किया।
2018-19 की सीएजी रिपोर्ट के अनुसार, जिसे सरकार भी स्वीकार कर चुकी है। सीएजी ने कहा है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के विकास के लिए निर्धारित फंड को अन्य उद्देश्यों के लिए उपयोग किया गया है। समिति इस मामले को गंभीरता से लेती है और सिफारिश करती है कि नीति आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से संबंधित विकास योजनाओं के लिए निर्धारित फंड किसी भी परिस्थिति में अन्य उद्देश्यों के लिए प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
हालांकि सीएजी को अपने जवाब में बिहार राज्य के वित्त विभाग ने इस बात को स्वीकार किया है कि इसके फंड को किसी भी अन्य विभाग के कार्यों में प्रयोग नहीं किया जा सकता है। बिहार शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा कि वित्त विभाग ही इस मामले पर प्रतिक्रिया दे सकता है। इस मामले में जब इंडियन एक्सप्रेस ने वित्त विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर जवाब मांगा तो उन्होंने प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा कि विभाग पहले ही कैग को जवाब दे चुका है।
काफी सालों तक छात्रवृति रोकने और फंड डायवर्जन के विवाद के बाद राज्य सरकार ने फिर से स्कॉलरशिप के लिए आवेदन मंगवाना शुरू कर दिया है। इस मुद्दे पर पटना उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका के जवाब में नीतीश सरकार ने कहा कि छात्रवृत्ति को रोके जाने के पीछे के कारणों में से एक कारण धन की कमी भी थी।
हाईकोर्ट ने अब राज्य सरकार से याचिकाकर्ता के वकील द्वारा जवाबी हलफनामे का जवाब देने को कहा है। जिसमें पूछा गया है कि राज्य ने फंड की कमी का हवाला देते हुए फंड को कैसे डायवर्ट किया? इस मामले में याचिकाकर्ता राजीव कुमार की वकील अलका वर्मा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि कैग की 2018-19 की रिपोर्ट में जो कहा गया है, उसके बाद यह कहने की जरूरत नहीं है कि इसके फंड को कैसे डायवर्ट किया गया।
Directed by Jeymes Samuel, The Harder They Fall is a Western action flick starring Jonathan Majors, Idris Elba, Regina King, Zazie Beetz, Lakeith Stanfield, and Delroy Lindo. The film sees Majors plays Nat Love, an outlaw whose sworn enemy Rufus Buck (Elba) has just been broken out of jail. Vowing revenge, Love and his gang plan to hunt Rufus across the Wild West.
Jay-Z serves as a producer alongside James Lassiter, Lawrence Bender and Samuel.
Meenakshi Sundareshwar - 5 November
Meenakshi Sundareshwar, starring Sanya Malhotra and Abhimanyu Dassani, is produced by Dharmatic Entertainment, the digital wing of Karan Johar's Dharma Productions.
"The film encapsulates the various interlinked aspects of relationships, joint families, the awkwardness in a new marriage, and everything in between. When the challenge of a long-distance relationship is bestowed upon this young couple, the question arises — will distance really make their hearts grow fonder?": reads the synopsis provided by Netflix.
Passing - 10 November
Based on Nella Larsen's 1929 novel of the same name, Tessa Thompson plays a woman reunited with a friend who has been living her life as a white person. The movie also stars Ruth Negga and Alexander Skarsgard and is the directorial debut of Rebecca Hall.
Red Notice - 12 November
Red Notice, starring Dwayne Johnson, Gal Gadot, and Ryan Reynolds, is an action heist thriller written and directed by Rawson Marshall Thurber. The movie is about Interpol issuing a red notice alert to hunt and capture the world’s most wanted. Johnson will be essaying the role as the FBI’s top profiler while Gadot and Reynolds will be seen as the two rival criminals who are brought together for an adventurous heist.
Tiger King 2 - 17 November
A synopsis for Tiger King 2reads: “With Joe Exotic behind bars and Carole Baskin closing in on ownership of his disreputable zoo, the Emmy-nominated saga continues its twisted course with Tiger King 2 as newfound revelations emerge on the motivations, backstories, and secrets of America’s most notorious big cat owners. Old enemies and frenemies, including Jeff Lowe, Tim Stark, Allen Glover, and James Garretson return for another season of murder, mayhem, and madness."
Dhamaka - 19 November
Dhamaka, follows the story of an ambitious ex-news anchor Arjun Pathak, played by Kartik Aaryan, who is given another chance to go live on prime-time television when a terrorist calls him with a bomb threat. Little does he know that this call will change his life and throw him into a fast-paced game of betrayal.
Directed by Ram Madhvani, Dhamaka also includes Amruta Subhash, Vikas Kumar, and Vishwajeet Pradhan, along with a special appearance by Mrunal Thakur.
Tick, Tick...Boom! - 19 November
Tick, Tick...Boom! featuring Andrew Garfield an adaptation of playwright Jonathan Larson's autobiographical off-Broadway show of the same name. Garfield, 36, will play Jon, an aspiring theatre composer who waits tables in New York City while writing Superbia, which he hopes will be the great American musical that will finally give him his big career break.
Cowboy Bebop - 19 November
Cowboy Bebop is Netflix's live-action remake of the cult Japanese anime TV series of the same name.
Netflix’s synopsis reads: “Cowboy Bebop is an action-packed space Western about three bounty hunters, aka ‘cowboys,’ all trying to outrun the past. As different as they are deadly, Spike Spiegel (John Cho), Jet Black (Mustafa Shakir), and Faye Valentine (Daniella Pineda) form a scrappy, snarky crew ready to hunt down the solar system’s most dangerous criminals — for the right price. But they can only kick and quip their way out of so many scuffles before their pasts finally catch up with them.”
Amazon Prime Video
The Electrical Life Of Louis Wain - 5 November
The film is based on the true story of eccentric British artist Louis Wain (Benedict Cumberbatch), whose playful, sometimes even psychedelic pictures helped to transform the public’s perception of cats forever. Moving from the late 1800s through to the 1930s, we follow the adventures of Wain, as he seeks to unlock the “electrical” mysteries of the world and, in so doing, to better understand his own life and the profound love he shared with his wife Emily Richardson (Claire Foy).
A Man Named Scott - 5 November
Directed by Robert Alexander, A Man Named Scott explores musician Scott Mescudi aka Kid Cudi's journey over a decade of creative choices, struggles and breakthroughs, making music that continues to move and empower his millions of fans around the world.
The Wheel Of Time -19 November
The Wheel of Time is a series adaptation of the best-selling fantasy novels by Robert Jordan. Rosamund Pike stars as Moraine, a member of magical society who leads five young villagers on a journey to discover if one of them is the reincarnated Dragon, who has been prophesised to save humanity.
Disney+Hotstar
Special Ops 1.5 - 12 November
Starring Kay Kay Menon in the lead role, this season of the show examines the origin story of Menon’s Himmat Singh and how he came up in the intelligence agency R&AW.
Home Sweet Home Alone - 12 November
Home Sweet Home Alone stars Ellie Kemper, Rob Delaney, Archie Yates, Aisling Bea, Kenan Thompson, Tim Simons, Pete Holmes, Devin Ratray, Ally Maki, and Chris Parnell. The film is directed by Dan Mazer from a screenplay by Mikey Day & Streeter Seidell, story by Mikey Day & Streeter Seidell and John Hughes based on a screenplay by John Hughes.
The film centres around Max Mercer, who is left home alone when his family travels to Japan for the holidays. Just as he’s getting used to living alone, a married couple tries to steal an heirloom from the Mercer home. So Max — just like Kevin McCallister (from the original Home Alone) before him — has to protect his home.
Dopesick
Dopesick, starring Michael Keaton, Peter Sarsgaard, Kaitlyn Dever, Rosario Dawson among others, is based on Beth Macey's non-fiction book Dopesick: Dealers, Doctors and the Drug Company that Addicted America.
It explores how Purdue Pharma aggressively pushed OxyContin, a highly addictive prescription painkiller blamed for the country's opioid crisis that has caused half a million US overdose deaths since 1999.
Hawkeye - 24 November
Hawkeye will see Jeremy Renner reprise his role as the arrow-slinging superhero. He will be introduced to new character Kate Bishop (Hailee Steinfeld), who is described as "equally as annoying as she is charismatic".
The official synopsis reads as, "Former Avenger Clint Barton has a seemingly simple mission: get back to his family for Christmas. Possible? Maybe with the help of Kate Bishop, a 22-year-old archer with dreams of becoming a superhero. The two are forced to work together when a presence from Barton's past threatens to derail far more than the festive spirit."
Hawkeye will release on Disney+ Hotstar in English, Hindi, Tamil, Telugu, and Malayalam.
The Beatles: Get Back - 25 November
The Disney+ original docuseries, directed by Peter Jackson, The Beatles: Get Back takes audiences back in time to the band’s January 1969 recording sessions, which became a pivotal moment in music history. The docuseries showcases The Beatles’ creative process as they attempt to write 14 new songs in preparation for their first live concert in over two years. Faced with a nearly impossible deadline, the strong bonds of friendship shared by John Lennon, Paul McCartney, George Harrison, and Ringo Starr are put to the test.
Apple TV+
Dr Brain - 4 November
A brain scientist is obsessed with discovering new ways to access memories and consciousness. When his family dies in an accident, he accesses memories from his wife’s brain to figure out what really happened. It is written and directed by Kim Jee-Woon, starring Lee Sun-Kyun.
Finch - 5 November
Tom Hanks stars as Finch a robotics engineer who survives an apocalyptic event in his underground bunker with his dog, Goodyear. After a decade creating a world of his own in his bunker, he makes a robot to take care of his dog when he’s no longer around.
Finch is directed by Emmy winner Miguel Sapochnik, who helmed several pivotal episodes of HBO’s Game of Thrones, including the fan-favourite “Battle of the Bastards.” It’s written by Craig Luck and Ivor Powell.
The Shrink Next Door- 12 November
The Shrink Next Door, starring Will Ferrell and Paul Rudd, is a dark comedy miniseries based on the podcast of the same title by Joe Nocera. The story revolves around a charming psychiatrist and a longtime patient and how their seemingly normal dynamic morphs into an exploitative relationship filled with manipulation, power grabs, and dysfunction.
MUBI India
Annette - 26 November
Starring Adam Driver as a provocative stand-up comedian and Marion Cotillard as an opera singer who live glamorous lives in contemporary Los Angeles. However, when they welcome their daughter Annette into the world, her mysterious gifts will change their lives forever.
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आए दिन पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के चलते लोगों की जेब ढीली हो रही है। वहीं दिवाली से पहले महंगाई का एक और बड़ा झटका लगा है। दरअसल पेट्रोल-डीजल के दामों में हो रही बढ़ोत्तरी के बीच एलपीजी गैस सिलेंडर 266 रुपये महंगा हो गया है। हालांकि इसमें राहत की बात यह है कि यह बढ़ोत्तरी कमर्शियल सिलेंडर के दामों में हुई है। फिलहाल घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
कमर्शियल सिलेंडर के बढ़े दामों पर गौर करें तो अब दिल्ली में यह 2000 रुपये के पार पहुंच गया है। इसके पहले यह 1734 रुपये था। वहीं मुंबई में 19 किलोग्राम वाला सिलेंडर, जो पहले 1683 रुपये में मिलता था वहीं अब 1950 रुपये में मिलेगा। इसके अलावा कोलकाता में इंडेन गैस सिलेंडर 2073.50 रुपये और चेन्नई में 2133 रुपये का हो गया है।
हालांकि राहत की बात यह है कि घरेलू गैस सिलेंडर के दामों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। दिल्ली में 14.2 किलोग्राम वाला बिना सब्सिडी का रसोई गैस सिलेंडर 899.50 रुपए में मिल रहा है।
ऐसे चेक करें रसोई गैस सिलेंडर की कीमत:सरकारी तेल कंपनी की वेबसाइट पर जाकर रसोई गैस सिलेंडर के दाम चेक कर सकते हैं। इस साट्स पर कंपनियां हर महीने नए रेट्स जारी करती हैं। इसके लिए आपको https://iocl.com/Products/IndaneGas.aspx लिंक पर जाना होगा और वहां आप अपने शहर के गैस सिलिंडर के दाम पता कर सकते हैं।
तेल के दामों में भी बढ़ोत्तरी: पेट्रोल और डीजल के दामों में भी सोमवार को 35-35 पैसे की बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसे में दिल्ली में पेट्रोल 109.69 रुपये प्रति लीटर और डीजल के दाम 98.42 रुपये प्रति लीटर हो गए हैं। मुंबई में पेट्रोल 115.50 रुपये तो डीजल 106.62 रुपये हो चुका है।
वहीं कोलकाता में पेट्रोल 110.15 रुपये और डीजल 101.56 रुपये है। इसके अलावा चेन्नई में पेट्रोल का दाम 106.35 रुपये है तो डीजल 102.59 रुपये मिल रहा है। बता दें कि तेल के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है। ऐसे में महंगाई से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
लोह पुरूष कहे जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर प्रियंका गांधी और राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए तो इस पर फिल्ममेकर अशोक पंडित ने भी रिएक्ट किया।
कांग्रेस लीडर प्रियंका गांधी ने कहा- ‘लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने बारदोली सत्याग्रह में किसानों के हक, स्वाभिमान और सम्मान की आवाज बुलंद की। उनका संघर्ष हमें किसानों को कुचले जाने के खिलाफ एवं किसानों के हक के लिए न्याय की लड़ाई में चट्टान की तरह डटे रहने की प्रेरणा देता है। सादर नमन।’
प्रियंका गांधी के इस पोस्ट को देख कर अशोक पंडित ने जवाब में कहा- ‘मैडम आज पूरा देश हर्ष और उल्लास के साथ #Vallabhbhaipatel जी की जन्मदिन की बरसी मना रहा है ! आपके परिवार ने तो पटेल और शास्त्री जैसे कई नेताओं का नामों निशान मिटा दिया था! सिर्फ़ नेहरू और गांधी परिवार चालीसा पड़ते रहे! पीएम मोदी आपका बहुत बहुत शुक्रिया इनको याद दिलाने के लिए!’
वहीं राहुल गांधी ने भी एक पोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा- ‘आज जब हमारे लोकतंत्र के सभी स्तंभ कमज़ोर किए जा रहे हैं, हमें सरदार वल्लभभाई पटेल के योगदान को याद करना होगा। इन स्तंभों का निर्माण करने वाले कांग्रेस नेताओं में से एक महत्वपूर्ण आवाज़ उनकी भी थी। लोकतंत्र की रक्षा करना ही सरदार पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि है। सादर नमन।’
राहुल गांधी के इस ट्वीट पर बिफरते हुए अशोक पंडित ने कहा-‘इमरजेंसी लगाने वाले बेशर्मी से लोकतंत्र के स्तंभों पर प्रवचन दे रहे हैं! ७० सालों तक सिर्फ़ अपने नेहरू गांधी परिवार का राग अलापने वालों को मोदी जी ने #Vallabhbhaipatel जी के बारे में कुछ कहने के लिए मजबूर कर दिया है! दिल पर पत्थर रखा हुआ है!’
मैडम आज पूरा देश हर्शो उल्हास से #Vallabhbhaipatel जी की जन्मदिन की बरसी मना रहा है !
आपके परिवार ने तो पटेल और शास्त्री जैसे कई नेताओं का नामों निशान मिटा दिया था !
सिर्फ़ नेहरू और गांधी परिवार चालीसा पड़ते रहें ! @narendramodi आपका बहुत बहुत शुक्रिया इनको याद दिलाने के लिए ! https://t.co/u04BHwjJeU
इन पोस्ट को देख ढेरों लोगों के रिएक्शन सामने आने लगे। राजेश नाम के एक यूजर ने कहा- ‘ट्रोल पंडित जी कांग्रेस ने तो हमेशा याद रखा। अपने रखा शास्त्री और सरदार को याद? पर आपको तो मजबूरी में याद करना ही पड़ता है, कांग्रेस के गांधी शास्त्री और सरदार को।’ एक बिहारी नाम नाम के अकाउंट से कमेंट सामने आया- ‘बढ़िया याद दिला रहे हो पंडित जी, पटेल स्टेडियम अब मोदी स्टेडियम हो गया है।’
इमर्जन्सी लगाने वाले बेशर्मी से लोकतंत्र के स्तम्भों पर प्रवचन दे रहे है !
७० सालों तक सिर्फ़ अपने नेहरू गांधी परिवार का राग अलापने वालों को @narendramodi जी ने #Vallabhbhaipatel जी के बारे में कुछ कहने के लिए मजबूर कर दिया है !
दिल पर पत्थर रखा हुआ है ! https://t.co/fJE7LIOSp7
पुष्कर नाम के शख्स ने लिखा- ‘फांसी पर झूलते रहे देश भक्त, चमचे फिर भी मौन थे, हमें पढ़ाया गया नेहरू महान तो सरदार पटेल कौन थे?’ हम सब एक है नाम के एक अकाउंट से कमेंट सामने आया- ‘ये कौन-सी किताब में लिखा है, जरा किताब का नाम बताओगे!’
इटली में पोप फ्रांसिस के साथ पीएम मोदी की मुलाकात पर उनके अपने ही सांसद अब सवाल उठा रहे हैं। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर पूछा है कि क्या भारत में ईसाइयों की हत्या में वृद्धि हो रही है।
दरअसल जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली पहुंचे पीएम मोदी ने शनिवार को वेटिकन सिटी में पोप से मुलाकात की थी। दोनों के बीच ये मीटिंग तय समय से भी अधिक चली। इस दौरान पीएम मोदी ने पोप फ्रांसिस को भारत आने का न्यौता भी दिया, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। अब इसी को लेकर स्वामी ने ट्वीट कर सवाल उठाया है।
स्वामी ने एक आर्टिकल शेयर करते हुए कहा- पोप ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत किया- वेटिकन न्यूज: …क्या बीजेपी हिंदू राष्ट्रवादी है? क्या भारत में ईसाइयों की हत्या बढ़ रही है?
स्वामी ने वेटिकन न्यूज का आर्टिकल शेयर किया है, जिसमें पीएम मोदी और पोप फ्रांसिस की मुलाकात के साथ-साथ भारत में ईसाई धर्म की वर्तमान स्थिति को भी प्रमुखता से जगह दी गई है। आर्टिल के अनुसार भारत में बढ़ती ईसाई विरोधी हिंसा के संदर्भ में, कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया ने हमेशा देश की भलाई के लिए सरकार से बातचीत की मांग की है।
जनवरी में, कार्डिनल्स ओसवाल्ड ग्रेसियस, बॉम्बे के आर्कबिशप, जॉर्ज एलेनचेरी, सिरो-मालाबार चर्च के मेजर आर्कबिशप, और सिरो-मलंकारा चर्च के मेजर आर्कबिशप, बेसलियोस क्लेमिस ने चर्च द्वारा किए गए कार्यों को स्पष्ट करने के लिए पीएम मोदी के साथ बैठक की थी। इस दौरान भारत में शैक्षिक, स्वास्थ्य और सामाजिक क्षेत्रों में किए गए कामों को पीएम मोदी के सामने रखा गया था।
उस बैठक के दौरान जिन अन्य मुद्दों को उठाया गया, उनमें से एक था- अल्पसंख्यक ईसाईयों की स्थिति। साथ ही इस दौरान फादर स्टेन स्वामी का भी मुद्दा उठाया गया था, जिनकी मौत जेल में ही हो गई थी। स्वामी के ट्वीट से लगता है कि उनका निशाना इन्हीं सब बातों को लेकर है।
बता दें कि पीएम मोदी के न्योते को पोप फ्रांसिस ने भी स्वीकार कर लिया है। अगर पोप फ्रांसिस भारत आते हैं तो यह तीसरे पोप होंगे जो भारत आएंगे। स्वामी इन दिनों केंद्र सरकार और उसकी नीतियों को लेकर लगातार आलोचना करते दिख जाते हैं। इससे पहले भी स्वामी वित्त और विदेश नीति को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं।
मशहूर ड्रेस डिजाइनर सब्यसाची अपने मंगलसूत्र वाले विज्ञापन के चलते मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के निशाने पर आ गए हैं। मिश्रा ने विज्ञापन पर आपत्ति दर्ज कराते हुए सब्यसाची से माफी मांगने के लिए कहा है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने डिजाइनर सब्यसाची का मंगलसूत्र वाला विज्ञापन देखा जोकि बेहद आपत्तिजनक है। उन्होंने कहा कि धार्मिक दृष्टि से देखा जाए तो आभूषणों में मंगलसूत्र का सबसे ज्यादा महत्व है और जिस तरीके से हिंदू धर्म व उसके प्रतीकों के साथ छेड़छाड़ की जा रही है। उसको देखते हुए मैं सब्यसाची को अल्टीमेटम दे रहा हूं कि 24 घंटे के अंदर विज्ञापन हटाएं वरना केस दर्ज होगा साथ ही वैधनिक कार्रवाई के लिए अगल से फोर्स भेजी जाएगी।
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अगले साल होने हैं, ऐसे में राजनीतिक दलों के बीच तमाम नए समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी से अलग होकर अपनी नई पार्टी बनाने वाले शिवपाल यादव ने फिर से सपा में जाने के संकेत दिए हैं। बता दें कि 31 अक्टूबर रविवार को गाजियाबाद में सपा के साथ गठबंधन करने को लेकर उनका दर्द एकबार फिर छलका है।
गौरतलब है कि शिवपाल यादव ने सपा से अलग होकर 2018 में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई थी। ऐसे में अब यूपी 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर शिवपाल यादव सपा से गठबंधन करने को लेकर कई बार अपनी बात सामने रख चुके हैं। रविवार को उन्होंने कहा कि अगर 25 फीसदी सीटें मिलीं तो समाजवादी पार्टी के साथ आ सकता हूं।
शिवपाल यादव ने कहा कि, सपा को खड़ा करने में हमारी मेहनत लगी है। अगर सपा के साथ गठबंधन नहीं हुआ तो किसी राष्ट्रीय दल के साथ गठबंधन कर सकते हैं। उन्होंने कहा, “हमने नेताजी(मुलायम सिंह यादव) के साथ 40-45 साल काम किया है। सपा को बुलंदियों तक पहुंचाया है।”
शिवपाल ने कहा, “सपा को आगे बढ़ाने में अगर नेताजी का 75 फीसदी योगदान है तो 25 फीसदी मेरा भी है। अखिलेश यादव अब बड़े आदमी हैं, वो मेरा 25 प्रतिशत हक वापस करते हैं तो हम समाजवादी पार्टी में भी आने को तैयार हैं।”
शिवपाल ने सपा के साथ गठबंधन की उम्मीदों को बरकार रखते हुए कहा कि हमारी पार्टी समान विचारधारा वाली सेक्युलर पार्टियों से गठबंधन करेगी और साथ ही किसी बड़े दल के साथ भी गठबंधन करेगी और सत्ता में आएगी। बता दें कि शिवपाल यादव सपा से गठबंधन को लेकर कई बार बयान दे चुके हैं लेकिन अभी तक अखिलेश यादव की तरफ से कोई ठोस संकेत नहीं मिले हैं।
इसके अलावा शिवपाल यादव ने रविवार को गाजियाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए डीजल, पेट्रोल, गैस और बिजली के लगातार बढ़ रहे दामों और बेरोजगारी पर सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि किसानों की बात सुनने के बजाय लाठीचार्ज और वाहनों से कुचला जा रहा है।
कोविड-19 के संकट को दुनिया ने सेहत के मोर्चे पर एक बड़े संकट के तौर पर तो बीते दो साल में देखा-भुगता ही, इसने तकनीक और मनुष्य के संबंध को भी नए सिरे से परिभाषित किया। वैश्विक तौर पर डिजिटल माध्यमों को अपनाने की दर में 2020 के सिर्फ दो महीनों में पांच साल के बराबर का उछाल आया। भारत ने 2025 तक एक खरब अमेरिकी डालर की डिजिटल अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है। 2017-18 के 20 करोड़ अमेरिकी डालर के स्तर के मुकाबले यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य एक विशाल बढ़त होगी। कोविड-19 के प्रभावों के कारण टेली-हेल्थ कंसल्टेशंस में 500 फीसद की बढ़ोतरी हुई। आनलाइन खरीदारी की ओर लोगों के बढ़ते रुझान से बड़ा ढांचागत बदलाव सामने आया। इसी का नतीजा है कि ई-रिटेल अब भारत के 95 फीसद जिÞलों तक पहुंच गया है। इतना ही नही, आज डिजिटल भुगतान का आकार प्रतिदिन 10 करोड़ दैनिक लेनदेन के स्तर के पार चला गया है।
अलबत्ता बढ़त के इन आंकड़ों से जुड़ा एक चिंताजनक पहलू भी है। यह पहलू लैंगिक सरोकारों से जुड़ा है। इंटरनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन के इस साल के एक अध्ययन के मुताबिक भारतीय पुरुषों के मुकाबले भारतीय महिलाओं के पास मोबाइल फोन होने की संभावना 15 फीसद कम है। जबकि पुरुषों के मुकाबले 33 फीसद कम महिलाओं द्वारा मोबाइल इंटरनेट सेवाओं के इस्तेमाल किए जाने की संभावना है। 2020 में कुल वयस्क महिला आबादी में से 25 फीसद के पास स्मार्टफोन थे जबकि पुरुषों में यह आंकड़ा 41 फीसद था।
भारत की तुलना बांग्लादेश से करें तो वहां मोबाइल पर मालिकाना हक के मामले में महिलाओं और पुरुषों के बीच का लैंगिक अंतर 24 फीसद और मोबाइल के इस्तेमाल के मामले में 41 फीसद है। पाकिस्तान में यह लैंगिक अंतर और भी ऊंचा था। वहां मोबाइल फोन पर मालिकाना हक में लैंगिक तौर पर 34 फीसद और मोबाइल इस्तेमाल में 43 फीसद का अंतर था। अगर समूचे दक्षिण एशिया की बात करें तो मोबाइल फोन पर स्वामित्व के मामले में लैंगिक अंतर 26 फीसद से घटकर 19 फीसद हो गया। दूसरी ओर मोबाइल इंटरनेट के इस्तेमाल के मामले में महिलाओं और पुरुषों के बीच का 67 फीसद से 36 फीसद रह गया। यह तथ्य ‘मोबाइल जेंडर गैप रिपोर्ट-2021’ में सामने आया है।
अलबत्ता इन सकारात्मक बदलावों के बावजूद 2017 से 2020 के बीच के आंकड़े ये बताते हैं कि दक्षिण एशिया में मोबाइल फोन के मामले में लैंगिक असमानता दुनिया में सबसे ज्यादा है। हाल के सालों में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में इंटरनेट के इस्तेमाल को लेकर भारत का लैंगिक अंतर सबसे ज्यादा था। एक ओर 25 फीसद पुरुषों तक मोबाइल इंटरनेट की पहुंच थी तो वहीं सिर्फ 15 फीसद महिलाओं को ही इंटरनेट की सुविधा हासिल थी।
इस तरह मोबाइल इंटरनेट तक पहुंच के मामले में लैंगिक विषमता 40.4 फीसद के स्तर पर थी। एशिया के दूसरे देशों के साथ तुलना करने पर हम पाते हैं कि पाकिस्तान में लैंगिक अंतर 39.4 फीसद, इंडोनेशिया में 11.1 फीसद और चीन में 2.3 फीसद थी। इंटरनेट की नई दुनिया ज्यादा संपन्न होने जा रही है। ऐसे में डिजिटल दुनिया में लैंगिक गैरबराबरी का फर्क अगर नहीं सिमटा तो आगे वह बड़े सामाजिक संकट को जन्म देगा। दुर्भाग्य से यह सब हो रहा है आधुनिकता के उत्तर चरण में और तकनीक के प्रतापी जोर के बावजूद। ल्ल
यह समझना जरूरी है कि फेसबुक के नए एलान के बाद क्या-क्या बदला है और क्या नहीं बदला है। दरअसल, कंपनी की सिर्फ ब्रांडिंग बदली है यानी फेसबुक कंपनी को अब ‘मेटा’ के नाम से जाना जाएगा। न तो फेसबुक ऐप का नाम बदला है और न ही इंस्टाग्राम, वाट्सऐप और फेसबुक मैसेंजर का। कंपनी के विभिन्न पदों में भी कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। वैसे एक दिसंबर से कंपनी के स्टाक का स्टिकर ‘एमवीआरएस’ के नाम से होगा। कंपनी के मुख्यालय से अंगूठा वाला (लाइक) लोगो अब हट गया है और उसकी जगह नए लोगो ने जगह ले ली है, जो ‘इनफिनिटी’ जैसा है।
जुकरबर्ग ने मेटावर्स को एक आभासी वातावरण (वर्चुअल एनवायरमेंट) कहा है। उनके मुताबिक आप महज स्क्रीन पर देखकर एक अलग दुनिया में जा सकते हैं, जहां आप लोगों से वर्चुअल रियलिटी हेडसेट,आग्युमेंट रियलिटी चश्में, स्मार्टफोन ऐप आदि के जरिए जुड़ सकेंगे। गेम खेल सकेंगे, खरीदारी कर सकेंगे और सोशल मीडिया इस्तेमाल कर सकेंगे। मेटावर्स में आप आभासी रूप से वे सारे काम कर सकेंगे जो आमतौर पर करते हैंं।
जुकरबर्ग ने यह भी कहा कि मेटावर्स तकनीक के जरिए लाखों लोगों को नौकरी मिलेगी। दिलचस्प यह भी है कि मेटावर्स में क्रिप्टो मुद्रा का इस्तेमाल होता है। सीधे शब्दों में कहें तो मेटावर्स इंटरनेट की एक ऐसी दुनिया है, जहां लोग उपस्थित न होते हुए भी मौजूद रहेंगे। तकनीक और इंसानी मौजूदगी का यह साझा नई संभावनाओं का विस्फोट है। कहना मुश्किल है कि तकनीक का यह पराक्रम इंसान और समाज की मौलिक रचना के धरातल पर परिवर्तन की कितनी लंबी और गाढ़ी लकीरें खिंचेगा।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी योगी के गढ़ गोरखपुर पहुंची तो अपने चिरपरिचित अंदाज में मोदी व योगी की सरकार पर हमला बोला। इसके साथ ही उन्होंने वायदा किया कि कांग्रेस सरकार सूबे में बनती है तो किसानों के ऋण माफ किए जाएंगे। उनकी गुगली से बीजेपी सकते में आ गई। सासंद एवं अभिनेता रवि किशन ने कहा कि प्रियंका का लॉलीपॉप उत्तर प्रदेश में काम नहीं करेगा क्योंकि राज्य के लोग सब कुछ जानते हैं।
प्रियंका गांधी ने रविवार को कहा कि कांग्रेस की सरकार आने पर मछली पालन को कृषि का दर्जा दिया जाएगा। मछली पालन व बालू खनन में निषादों को उनका अधिकार वापस दिया जाएगा। प्रियंका ने महिलाओं को सरकारी बस में मुफ्त यात्रा और आंगनबाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं को कम से कम दस हजार रुपये का मानदेय देने की भी घोषणा की।
रविवार को मुख्यमंत्री योगी के गढ़ गोरखपुर में कांग्रेस की प्रतिज्ञा रैली में भोजपुरी में बोलते हुए प्रियंका ने भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि धर्म और जाति के नाम पर आपकी भावनाओं और आपकी आस्था के साथ खिलवाड़ किया गया है। उन्होंने कहा कि इस सच्चाई को पहचानिये कि एक नेता का सबसे बड़ा धर्म सेवा होता है। आज सरदार पटेल का जन्मदिन और इंदिरा गांधी जी का शहादत दिवस है। उन्होंने दिखाया कि देश से बड़ा कोई नहीं। जो आस्था आपने उनमें रखी उसी आस्था के लिए उन्होंने अपना जीवन दे दिया।
उन्होंने कहा कि जब हम स्कूल जाते थे तो दादी से मिलकर जाते थे। आज ही के दिन उन्होंने मेरे भाई से कहा कि अगर मुझे कुछ हो जाएगा तो रोना मत। वह जानती थीं कि उनकी हत्या हो जाएगी लेकिन वह कभी पीछे नहीं हटीं, क्योंकि उनके लिए देश और आपकी आस्था से बढ़कर कुछ नहीं था। अगर आज मैं आपके सामने खड़ी हूं तो यह उन्हीं की सीख है, मैं कभी आपकी आस्था नहीं तोड़ सकती। प्रियंका ने सरकार बनने पर हर साल तीन सिलेंडर मुफ्त देने का भी वायदा किया। बीमारी में दस लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज का भी वचन दिया।
रविकिशन ने कहा कि प्रियंका को यह समझना चाहिए कि यह उत्तर प्रदेश में काम नहीं करेगा। विकास के उनके वायदे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सांसद ने कहा कि गोरखपुर की भूमि बाबा गोरक्षनाथ की है। पीठ अपनी सेवा, सत्य और न्याय के लिए जानी जाती है। गोरखपुर की पवित्र भूमि में झूठ नहीं चलेगा। सांसद ने कहा कि वह झूठे वादे कर रही हैं और अपने लिए राजनीतिक मैदान तैयार करने की कोशिश कर रही हैं।
धनतेरस और दीवाली के मौके पर अगर आप खरीदारी की योजना बना रहे हैं, लेकिन कम बजट में आपको अच्छा फोन नहीं मिल रहा है तो हम आपको इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। 15000 रुपये के अंदर रेडमी और सैमसंग के कई ऐसे फोन्स आते हैं, जिसे आप खरीद सकते हैं। यह स्मार्टफोन्स आपको दमदार बैटरी के साथ शानदार कैमरा देती हैं। साथ ही ये फेमस मोबाइल भी हैं, जिसकी खरीदारी लोगों द्वारा आज भी अधिक संख्या में की जा रही है। आइए जानते हैं इन स्मार्टफोन्स के बारे में।
Xiaomi Redmi Note 10T स्मार्टफोन निर्माता कंपनी Xiaomi ने भारत में अब तक का सबसे सस्ता 5G वेरियंट Redmi Note 10T लॉन्च किया है, जिसकी शुरुआती कीमत 13,999 रुपये है। Redmi Note 10T 5G एक डाइमेंशन 700 चिपसेट के साथ आता है। इसमें आपको 48MP कैमरा सेटअप दिया जाता है। इसमें आपको 6.5-इंच का डिस्प्ले दिया जाता है। इसकी बैटरी की बात करें तो इसमें आपको 5000 mAh की बैटरी सेटअप आता है।
ओप्पो A53s 5G 6GB रैम + 128GB स्टोरेज और 8GB रैम + 128GB स्टोरेज वाले Oppo A53s 5G की कीमत क्रमश: 14,990 रुपये और 16,990 रुपये है। यह क्रिस्टल ब्लू और इंक-ब्लैक रंग में आता है। स्मार्टफोन एआई ट्रिपल रियर कैमरा सेटअप देता है, जिसमें 13MP का मुख्य कैमरा, 2MP का पोर्ट्रेट कैमरा और 2MP का मैक्रो कैमरा शामिल है। इसमें 8MP का सेल्फी कैमरा है। यह तेज़ 5G नेटवर्क कनेक्शन को सपोर्ट करता है। Oppo A53s 5G में 5000mAh की बड़ी बैटरी दी जाती है।
सैमसंग गैलेक्सी M32 14,999 रुपये की कीमत पर, सैमसंग गैलेक्सी एम 32 आता है। इसमें एम सीरीज फोन्स के सभी फीचर्स मिलते हैं। इसमें आपको एक बेहतर कैमरा, एक अधिक शक्तिशाली प्रोसेसर और एक उच्च ताज़ा दर एफएचडी + AMOLED डिस्प्ले मिलता है। इस फोन में आपको 20MP के सेल्फी कैमरे दिया जाता है।
रियलमी नार्ज़ो 30 (4जी) 12,499 रुपये की कीमत वाला, Realme Narzo 30 एक नए डिज़ाइन के साथ, एक शक्तिशाली प्रोसेसर के साथ आता है और एक FHD + डिस्प्ले मिलता है। डिवाइस में पीछे की तरफ ट्रिपल-कैमरा सेट है जिसमें 48MP प्राइमरी कैमरा, 2MP मैक्रो कैमरा और 2MP, डेप्थ लेंस और LED फ्लैश शामिल हैं। यह फ्रंट में 16MP सिंगल सेल्फी-शूटिंग लेंस से लैस है। Realme Narzo 30 MediaTek Helio G95 चिपसेट के साथ आता है।
रियलमी 8 5जी Realme 8 5G 13,999 रुपये की कीमत में आता है। 5G सेगमेंट में 8.5 मिमी सुपर स्लिम बॉडी वाला सबसे पतला 5G स्मार्टफोन है और यह 6.5 इंच 90Hz अल्ट्रा स्मूथ डिस्प्ले के साथ आता है। रियर कैमरा सेटअप में ऑटोफोकस है। सेल्फी के लिए 16-मेगापिक्सल का कैमरा आता है।
पोको एम3 प्रो 5जी Poco M3 Pro 5G स्मार्टफोन डुअल 5G सपोर्ट के साथ MediaTek डाइमेंशन 700 चिपसेट, 48MP ट्रिपल कैमरा और 5000 mAh की बड़ी बैटरी के साथ आता है। Poco M3 Pro तीन कलर वेरियंट पावर ब्लैक, कूलब्लू और पोको येलो में उपलब्ध है। इस स्मार्टफोन के 4GB+64GB मॉडल की कीमत 13,999 रुपये और 6GB+128GB वेरिएंट की कीमत 15,999 रुपये है।
फैशन डिजाइनर सब्यासाची मुखर्जी के मंगलसूत्र के विज्ञापन को लोग अश्लील बता रहे हैं और इसका विरोध कर रहे हैं। भाजपा नेता और मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार में मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी इस विज्ञापन से ख़फा हैं। उन्होंने कहा है कि अगर यह विज्ञापन हटाया नहीं जाता तो वह सब्यासाची के खिलाफ केस दर्ज करवा देंगे।
मिश्रा ने कहा, ‘मैंने सब्यासाची का मंगलसूत्र का विज्ञापन देखा। बेहद आपत्तिजनक है। मन आहत भी हुआ है। आभूषण में सर्वाधिक महत्व का आभूषण मंगलसूत्र होता है। पीला हिस्सा मां पार्वती और काला हिस्सा शिवजी की कृपा से है। इससे महिला और उसके पति की रक्षा होती है। मैं पहले भी चेतावनी दे चुका हूं। मैं सब्यासाची मुखर्जी को 24 घंटे का अल्टिमेटम दे रहा हूं। अगर 24 घंटे में उन्होंने यह विज्ञापन नहीं हटाया तो केस रजिस्टर होगा, वैधानिक कार्रवाई होगी औऱ अलग से फोर्स भेजी जाएगी।’
सोशल मीडिया पर लोग इस विज्ञापन पर आपत्ति जाहिर कर रहे हैं। विज्ञापन में महिला ने मंगलसूत्र के साथ अंतःवस्त्र पहन रखे हैं औऱ साथ में एक मेल पार्टनर को भी दिखाया गया है। विज्ञापन की पूरी श्रृंखला है और इसमें कई साड़ी वाली मॉडल भी हैं। लेकिन लोगों ने आपत्ति इंटिमेशन वाले विज्ञापन पर ही जताई है। सोशल मीडिया ट्रेंड के बावजूद सब्यासाची ने विज्ञापन हटाया नहीं है।
शनिवार को उत्तरप्रदेश के अयोध्या में पंजाब नेशनल बैंक की एक महिला अधिकारी ने ख़ुदकुशी कर ली। महिला अधिकारी ने अपने सुसाइड नोट में एक आईपीएस सहित दो अन्य को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है। मृतका के परिजनों की शिकायत पर अयोध्या के पूर्व एसएसपी आशीष गुप्ता, उसके मंगेतर और एक अन्य पुलिसकर्मी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
यह मामला अयोध्या के अलीगढ़ थाना क्षेत्र के खवासपुरा का है। जहां पंजाब नेशनल बैंक के साहेबगंज शाखा की डिप्टी मैनेजर 32 वर्षीय श्रद्धा गुप्ता अकेले रहा करती थी। श्रद्धा गुप्ता मूल रूप से लखनऊ की रहने वाली थी। शनिवार को सुबह में जब दूधवाला उनके घर दूध देने आया तो उसने घर का दरवाजा खटखटाया। बार बार आवाज देने के बाद भी जब अंदर से गेट नहीं खुला तो उसने मकान मालिक को यह बात बताई। इसके बाद जब मकान मालिक ने खिड़की के अंदर से झांका तो श्रद्धा का पैर लटकता हुआ दिखाई दिया।
जिसके बाद इसकी जानकारी श्रद्धा के परिजनों और स्थानीय पुलिस थाने को दी गई। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में ले लिया। मृतका के शव के पास से एक सुसाइड नोट भी बरामद किया गया। जिसमें दो पुलिसकर्मियों और उसके मंगेतर को जिम्मेदार ठहराया गया। सुसाइड नोट में श्रद्धा ने लिखा कि पापा-मम्मी मेरे सुसाइड की वजह विवेक गुप्ता, आशीष तिवारी (एसएसएफ हेड लखनऊ) और अनिल रावत (पुलिस फैजाबाद) ये तीन हैं। आई एम सॉरी फॉर दिस।
मृतक महिला अधिकारी श्रद्धा गुप्ता के पिता की तहरीर पर अयोध्या पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। अयोध्या के एसएसपी शैलेश पांडे ने कहा कि परिजनों की शिकायत पर मुक़दमा पंजीकृत कर दिया गया है और शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों को सौंप दिया है। साथ ही इस घटना को लेकर कानूनी कार्रवाई की जा रही है और सुसाइड नोट में जो भी नाम सामने आए हैं उसकी जांच भी की जा रही है।
वहीं मृतका के परिजनों ने बताया कि श्रद्धा की शादी की बात बलरामपुर के विवेक गुप्ता से चल रही थी लेकिन शादी तय नहीं हो पाई थी। पिछले दिनों श्रद्धा ने विवेक के चरित्र को लेकर शिकायत की थी। इसके बाद दोनों के बीच का रिश्ता पूरी तरह से टूट चुका था। लेकिन विवेक उसे परेशान करता था। विवेक हमेशा अपने पुलिसकर्मी दोस्त का धौंस दिखाता था और उसके परिवार को भी परेशान करता था। मृतका के परिजनों ने तीनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी पंजाब नेशनल बैंक के महिला अधिकारी के सुसाइड मामले में कार्रवाई की मांग की है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि अयोध्या में एक आईपीएस अधिकारी के द्वारा लगातार प्रताड़ित किए जाने की वजह से एक युवती ने आत्महत्या कर ली। उसको पीड़ित किए जाने के स्तर की कल्पना करें जहां उसने महसूस किया कि जीने से बेहतर मरना है। आशा है कि उत्तरप्रदेश पुलिस इस मामले में पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करेगी। साथ ही उन्होंने ट्वीट में अमित शाह को टैग करते हुए लिखा कि आपको भी यह बता रही हूं।
आधार कार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है। पहचान के लिए इसका उपयोग कई सार्वजनिक और निजी विभागों द्वारा इस दस्तावेज़ को व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है क्योंकि इसमें न केवल व्यक्तिगत विवरण बल्कि व्यक्तियों की बायोमेट्रिक जानकारी भी होती है। इसलिए, जब भी आवश्यकता हो, आधार कार्ड पर नाम, पता, फोन नंबर और जन्म तिथि को अपडेट करना बहुत महत्वपूर्ण है। आधार कार्ड में बदलाव भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) द्वारा किया जाता है। यूआईडीएआई ने बताया है कि आधार कार्ड में अपडेशन की एक सीमा है। जिसमें नाम, जन्म तिथि और लिंग जैसे विवरणों को एक सीमा तक ही बदला जा सकता है।
आधार कार्डधारक में ऐसे कई बदलाव ऑनलाइन कर सकते हैं जबकि कुछ अपडेट को आधार सेंटर पर ही बदला जा सकता है। इसके लिए नजदीकी आधार नामांकन केंद्रों पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। यूआईडीएआई कार्डधारकों से दस्तावेज़ में बदलाव करने के लिए कुछ शुल्क भी लेता है।
आधार कार्ड में आप कितनी बार अपना नाम अपडेट कर सकते हैं? यूआईडीएआई ने अपनी आधिकारिक घोषणा में यह स्पष्ट किया है कि कार्डधारक आधार कार्ड पर अपना नाम अधिकतम दो बार बदल सकते हैं। नाम आप ऑनलाइन माध्यम से घर बैठे ही बदलाव कर सकते हैं।
आधार कार्ड पर आप अपनी जन्मतिथि कितनी बार अपडेट कर सकते हैं? जन्म तिथि बदलने के लिए कार्डधारक केवल तीन साल के अंतर को ही बदल सकते हैं। अगर आधार कार्ड में जन्मतिथि तीन साल आगे या तीन साल पीछे से अधिक है तो आप इसमें बदलाव नहीं कर सकते हैं। कार्डधारक आधार कार्ड पर पते को केवल एक बार अपडेट कर सकते हैं।
आधार कार्ड पर आप कितनी बार अपने लिंग को अपडेट कर सकते हैं? जन्म तिथि परिवर्तन से संबंधित नियमों की तरह, कार्डधारक आधार कार्ड पर सिर्फ एक बार लिंग बदल सकते हैं। यूआईडीएआई ने 2019 में प्रकाशित अधिसूचना में यह स्पष्ट किया था कि धारक केवल लिंग को एक बार ही अपडेट कर सकते हैं। इसके अलावा अगर आप आधार कोर्ड में अन्य चीजों जैसे मोबाइल नंबर में बदलाव करना चाहते हैं तो आपको आधार सेंटर जाना होगा। इन सभी बदलाव के लिए आपको आधार सेंटर पर कुछ शुल्क देना होता है।
1 अक्टूबर को भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती मनाई जाती है। उनके जन्म तिथि को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल को सरदार की उपाधि महिलाओं ने दी थी जब उन्होंने 1928 में हुए बारदोली सत्याग्रह का सफल नेतृत्व किया था। आइये जानते हैं बारदोली सत्याग्रह की कहानी जिसमें किसानों ने सरदार पटेल के नेतृत्व में अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे।
दरअसल तत्कालीन प्रांतीय सरकार ने किसानों द्वारा दिए जाने वाले कर में करीब 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। यह निर्णय एम एस जयकर नाम के एक अधिकारी की सिफारिश पर लिया गया था। जिसने कहा था कि ताप्ती नदी के किनारे रेलवे लाइन आने के बाद किसानों की आय में वृद्धि हुई और वहां के किसान समृद्ध हो रहे हैं। किसानों के पक्के मकान बन रहे हैं और उनकी बैलगाड़ियों में भी वृद्धि हो रही है।
जबकि हकीकत इससे काफी उलट थी। सरकार के इस निर्णय को प्रांत के दूसरे हिस्सों के किसानों ने मान लिया लेकिन बारदोली के किसानों ने कर देने से साफ़ मना कर दिया। इस दौरान वहां के किसानों ने आंदोलन और सरकार से इसको वापस लेने की मांग की। लेकिन सरकार ने इससे साफ़ मना कर दिया। अपनी मांग पर सुनवाई नहीं होने से नाराज किसानों ने सरदार पटेल के पास जाने का फैसला किया।
सरदार पटेल ने पहले भी खेड़ा और बोरसाद के आंदोलन का सफल नेतृत्व किया था। किसानों के साथ बैठक में सरदार पटेल ने किसानों को जमकर लड़ने के लिए कहा। इसके बाद बढाई गई क़िस्त देने की तारीख से एक दिन पहले उन्होंने किसानों के सम्मेलन में उनका नेतृत्व करना स्वीकार किया। इसके बाद सरदार पटेल ने राज्यपाल को कर वापस लेने को लेकर पत्र लिखा लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं आया।
इस दौरान किसानों ने अग्रेजों का किसी भी तरह का सहयोग करने का बहिष्कार कर दिया। बारदोली में चल रहे आंदोलन के दौरान जब अधिकारी ट्रेन से उतरते थे तो उन्हें अपने गंतव्य तक जाने के लिए कोई साधन नहीं मिलता था। लोग बैलगाड़ी तक देने से मना कर देते थे। सरकार के कानून के अनुसार कर नहीं देने वालों के संपत्ति को जब्त कर लिया जाता था और गिरफ्तार भी होती थी। लेकिन इसमें एक प्रावधान भी किया गया था। जिसके अनुसार अंधेरा होने के बाद किसी भी तरह की गिरफ्तारियों या संपत्ति की कुर्की नहीं होती थी।
इन्हीं कारणों से सरदार पटेल शाम पांच बजे के बाद गांव गांव घूमते और लोगों को सजग करते। जैसे जैसे दिन बीतता गया किसानों ने सरदार पटेल के नेतृत्व में आंदोलन तेज कर दिया। आखिरकार सरकार को झुकना पड़ा। इस आंदोलन की सफलता के बाद ही वहां की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल को ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की।
मनराज ग्रेवाल शर्मा
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह इन दिनों अपनी पाकिस्तानी दोस्त अरूसा आलम को लेकर काफी सुर्खियों में हैं। दरअसल कैप्टन अमरिंदर सिंह की दोस्त अरूसा पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ लिंक होने के आरोप लग रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस के कुछ नेता भी पूर्व मुख्यमंत्री पर हमलावर हो गए हैं। बताया जा रहा है कि कैप्टन की ये दोस्त सालों से उनके घर आती-जाती रहती थीं। यहां तक की अरूसा आलम अमरिंदर सिंह के शपथ ग्रहण समारोह में भी शामिल हुई थीं।
साल 2005 में जालंधर प्रेस क्लब के उद्घाटन समारोह में पहली बार अरूसा आलम, कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ नजर आईं थीं। उस दौरान मीडिया अरूसा के अच्छे लुक्स और अमरिंदर के साथ उनके परियच से काफी प्रभावित थी। ऐसी चर्चा थी कि उस दौरान राज्य सरकार ने चंडीगढ़ में अरूसा के साथ एक प्रेस मीटिंग की थी, जिसमें अरूसा ने अमरिंदर को अपना एक ‘अच्छा दोस्त’ बताया था और भारत-पाकिस्तान के रिश्तों पर बातचीत की थी।
अमरिंदर सिंह ने अपने इस कार्यकाल के दौरान दो बार पाकिस्तान का दौरा किया था और अपने समकक्ष परवेज इलाही को पंजाब-टू-पंजाब शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया था। यहीं से रिश्ते की शुरुआत हुई थी।
प्रेस क्लब में नजर आने के बाद अरूसा अमरिंदर सिंह की जिंदगी का एक अभिन्न हिस्सा बन गई थीं। इसी बीच यह अफवाहें भी सामनें आई थीं कि कैप्टन की पत्नी और पटियाला की सांसद परनीत कौर ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अरूसा को लेकर शिकायत की है। लगभग एक दशक बाद 2017 में कैप्टन जब सत्ता में वापस लौटे तो अरूसा ने पंजाब में एक बार फिर से उड़ान भरी। लेकिन इस दौरान उन्हें कोई लाइमलाइट नहीं मिली।
2017 में अरूसा अमरिंदर सिंह की जीवनी (इसमें उन्हें समर्पित एक अध्याय) के विमोचन समारोह में उनके साथ नजर आई थीं। इसके तुरंत बाद मुख्यमंत्री के रूप में अमरिंदर सिंह के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भी अरूसा वीवीआईपी सीट पर बैठीं थीं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक कांग्रेस के नेता और अफसर भी अरूसा से बातचीत करने के लिए लाइन में लगे रहते थे। यहां तक कि अमरिंदर के एक वरिष्ठ सहयोगी ने अरूसा के पैर भी छुए थे।
नाम ना छापने की शर्त पर अरूसा की एक दोस्त ने बताया था कि मुख्यमंत्री के आवास पर रात्रिभोज की बैठकों के बाद, मंत्री और अधिकारी न केवल अरूसा को गुडनाइट कहते थे बल्कि उनके पालतू शिह त्जु को बाय भी कहते थे।
When the going gets tough, we turn to our favourite guilty pleasures. But when entertainment is concerned, is there even any guilt to what gives one pleasure? In our new series Pleasure Without Guilt, we look at pop offerings that have been dissed by the culture police but continue to endure as beacons of unadulterated pleasure.
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The years 2000 and 2001 were pretty revelatory to me, and it wasn’t just the hormones or moving to Mumbai that made me feel that way. It was more or so the kind of music that my brothers and I were being put on to, being ever the young and impressionable adolescents surrounded by slightly older kids who were scouring Napster, Kazaa, and Limewire et al for all kinds of music.
One of those friends put me on to rock and metal in a big way. Among the biggest rock and metal releases burning up the charts at the turn of the millennium was Limp Bizkit’s Chocolate Starfish and the Hot Dog Flavored Water. I was also getting introduced to artists like Eminem, Linkin Park, Korn, Rage Against the Machine, Papa Roach, Coldplay, and so many more, back when it wasn’t bizarre to utter these names in the same sentence.
Bizkit’s 2000 album – their third – was handed to me and my brothers on a pirated tape, and we spun it on a double deck cassette player probably every other day. Of course, a part of me was completely enamoured by all the explicit language I was learning, but I was also intrigued by all the references jumping straight out of American pop culture (like skateboarding or understanding a wrestling move called the Full Nelson or even what “going platinum” meant in the music industry). Plus, there was the obvious quest to figure out what this album title meant, which was certainly unsavoury and scatological, much to any fan’s delight.
Beyond that, Fred Durst’s care-a-damn, yeah-I’m-a-white-rapper delivery was hard to overlook, even if he was spouting a lot of nonsense. That was the draw — to be unashamedly saying dumb things and getting morose over cliched relationship issues, but to lay it over Wes Borland’s stomping riffs, John Otto’s roomy drum work, and Sam Rivers’ uncharacteristically slick basslines. Not to forget, DJ Lethal was often invoked in the lyrics by Durst, as if to hype listeners up to his turntablism and beat production which permeated through on several tracks.
The first glimpse of The Chocolate Starfish and The Hot Dog Flavored Water probably came to me via the music video of 'Rollin',' featuring actor Ben Stiller, among others, who appears in the opening title. Every time (among the countless hundred times) I replayed this song, the part I always waited for – lyric sheet in hand – was when Durst uses f**k four times in two consecutive lines. The surge that chorus provided was a high like something I’d never heard before, opening my mind up to how anthemic a brash, crass, and seemingly heavy band like Limp Bizkit could be.
Safe to say that when I learned the above-mentioned expletives, that was pretty much all I wanted I say when I wanted to express myself. So imagine my excitement when I found an album that pretty much revered the F-word, the best example on Chocolate Starfish being 'Hot Dog.' Durst’s exaggerated vocals notwithstanding, 'Hot Dog' (proudly) used f**k 49 times in total, across three minutes and 50 seconds. The most notorious of the lines went: “If I say "f**k" two more times/That's 46 "f**k"s in this f**ked up rhyme.”
Most days after school, this was what I would prioritise instead of homework. Over long commutes on holiday, we had our Walkman to share, which allowed us to have the track sequence burned into our minds, the booming sound of 'My Generation' and 'Full Nelson' leading to the more emotional break-up song 'My Way,' and of course, 'Rollin’.' The single version was subtitled as an 'Air Raid Vehicle' while there was a second version called 'Urban Assault Vehicle,' featuring guest verses from rappers like DMX, Method Man, Redman, and producer Swizz Beatz. The verses were so lethal that it showed me who the gruff and unsparing rappers were in hip-hop, that too from a collaboration. Earlier on, Xzibit raps on 'Getcha Groove On,' a primo DJ Lethal aided song that saw Limp Bizkit at their most hip-hop.
As far as I'm concerned, Chocolate Starfish and the Hot Dog Flavored Water had no fillers. It had the appropriately fast-paced energy of 'Livin’ It Up,' which was anthemic as much as it was, once again, explicit. Songs like 'Hold On,' 'It’ll Be OK,' and 'The One' were slower but they exposed me to the mellower side of the band. It made me feel like Limp Bizkit was bringing depth into an album that went on to sell over eight million copies, being certified platinum by 2001.
While 'Rollin’' was my introduction to the album, the first Limp Bizkit song I had heard was 'Take A Look Around,' thanks to the soundtrack for Tom Cruise-starrer Mission: Impossible 2. The pendulous, ultimately tumultuous rager of a song featured the chorus, "Now I know why you wanna hate me," which is pretty much where I was channeling a whole lot of misguided adolescent angst. The explosive song still makes me want to throw fists and jump around, along with one of the more underrated singles on the album, 'Boiler.'
As much as getting an uncensored version of Chocolate Starfish and the Hot Dog Flavored Water was like unearthing a treasure – each expletive uttered bringing a toothy grin upon my face – there were often times I heard songs like 'Rollin’' or 'My Way,' where all the abuses were blanked out.
I rolled with it, and still sometimes end up intentionally ‘blanking’ my way through the lyrics.
After I was taken in by nu-metal, rap-rock, and particularly, Limp Bizkit, thanks to Chocolate Starfish and the Hot Dog Flavored Water, I dove into their discography, somehow convincing my parents to buy me their 1999 album Significant Other (whose title I did not understand until many years later). It was the first time I ever paid attention to the infamous Parental Advisory Explicit Content sticker, which was obviously explained to me by my dad.
Limp Bizkit still gets me hyped, 21 years on. Their latest song 'Dad Vibes' – helped by Durst’s seemingly “Dad” look at music festivals in the US – has been on repeat. Chocolate Starfish and the Hot Dog Flavored Water was a future classic for me, even if everyone else grew out of it, and laughed sheepishly about liking Limp Bizkit. It was kind of surprising to realise later that this music defined my love for heavy tunes, even if it was directionless in its angst. I believe this can still get a crowd moving anywhere in the world. If you don’t believe me, footage from their recent performances don’t lie.
Anurag Tagat is a Bengaluru-based independent music journalist, covering artists nationwide and around the globe. He is also an assistant editor at Rolling Stone India.
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