भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। ऐसे में भारतीय सेना प्रमुख एम एम नरवणे ने गुरुवार को इस मुद्दे पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ बॉर्डर पर घटनाएं तब तक जारी रहेंगी जब तक कि दोनों देशों के बीच बॉर्डर समझौते के रूप में लंबे समय तक का समाधान नहीं हो जाता।
भारतीय और चीन की सेना पिछले साल पूर्वी लद्दाख में हुए गतिरोध के बाद से बॉर्डर पर तैनात हैं। पिछले साल जून में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी, इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे और कम से कम 4 चीनी सैनिक मारे गए थे।
इस मुद्दे पर चीन ने बीते हफ्ते ये दावा किया था कि गलवान घाटी की घटना भारतीय जवानों के चीनी क्षेत्र पर अवैध रूप से अतिक्रमण करने का परिणाम थी। हालांकि भारत ने बीजिंग के इस तर्क को खारिज कर दिया था और LAC पर द्विपक्षीय संबंधों के खराब होने के लिए चीन के व्यवहार को जिम्मेदार ठहराया था।
इस बीच पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के वार्षिक सत्र में बोलते हुए, भारतीय सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ हमारा सीमा मुद्दा चल रहा है लेकिन हम किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं तब तक होती रहेंगी जब तक कि लंबे समय के लिए इनका समाधान ना हो जाए और ये समाधान सीमा समझौता के जरिए हो सकता है। उत्तरी (चीन) सीमा पर स्थायी शांति के लिए ये जरूरी है।
बता दें कि बुधवार को, चीन ने भारत पर फॉरवर्ड पॉलिसी को जारी रखने का आरोप लगाया था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने भारत को दिए गए एक जवाब में कहा था कि भारतीय पक्ष ने लंबे समय से ‘फॉरवर्ड पॉलिसी’ जारी रखी है, और चीनी क्षेत्र पर अतिक्रमण करने के लिए अवैध रूप से एलएसी को पार किया है, जो चीन-भारत सीमा स्थिति में तनाव का मूल कारण है।
हुआ ने ये भी कहा था कि चीन विवादित सीमा क्षेत्रों में हथियारों की किसी भी दौड़ का विरोध करता है। हम भारतीय सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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