Thursday, September 30, 2021

Rege-Jean Page to headline Noah Hawley heist film for Netflix, AGBO

Bridgerton breakout Rege-Jean Page is set to headline a Netflix heist thriller film from Fargo creator Noah Hawley.

The movie, which Hawley will write and direct, will be produced by the streaming service in collaboration with filmmaker duo Anthony and Joe Russo's banner AGBO.

Plot details are being kept locked in the safe, but comes from an original idea from Hawley, according to The Hollywood Reporter.

Hawley will also produce through his 26 Keys banner alongside The Russo Brothers and Mike Larocca.

"AGBO was originally founded to allow us to collaborate with artists we greatly respect and admire. We are very happy to continue to fulfill that pledge by supporting this new film from Noah Hawley and Rege-Jean Page," Larocca said in a statement.

Page found global fame after featuring as Simon Basset, Duke of Hastings in Netflix series Bridgerton.

After leaving the show post the first season, the actor joined the cast of another AGBO project The Gray Man, which also includes Chris Evans, Ryan Gosling, and Ana de Armas.

Page will also star in Paramount Pictures' Dungeons & Dragons, alongside the likes of Chris Pine, Michelle Rodriguez and Justice Smith.

Hawley, known for creating popular series Fargo and Legion, made his feature directorial debut with Natalie Portman-starrer Lucy in the Sky.

He is currently working on a TV series for FX based on the Alien franchise.

(With inputs from Press Trust of India)



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महंगी हो सकती है LPG! एक्साइज पॉलिसी में भी फेरबदल, जानिए- आज से और किन चीजों में हो गया बदलाव

आज एक अक्टूबर, 2021 है और इस महीने की शुरुआत के साथ ही कई सारी चीजें बदल गई हैं। मसलन एलपीजी (लिक्विफाइड पेट्रोलियम गैस) के दाम में बढ़ोतरी की संभावना है, जबकि नई एक्साइज पॉलिसी में फेरबदल हुआ है। आइए जानते हैं कि वे और कौन-कौन सी रोजमर्रा के कामों से जुड़ी या फिर अन्य जरूरी चीजें हैं, जो बदली हैं:

1- 80+ आयु वर्ग में आने वालों को अपनी पेंशन पाते रहने के लिए एक अक्टूबर से नए नियम के तहत डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट या फिर लाइफ सर्टिफिकेट का सबूत देश के किसी भी हेड पोस्ट ऑफिस में जीवन प्रमाण केंद्र पर जमा करना होगा। डिपार्टमेंट ऑफ पेंशन एंड पेंशनर्स वेल्फेयर के मुताबिक, इस काम को करने के लिए 30 नवंबर, 2021 आखिरी तारीख है।

2- तीन बैंकों की चेक बुकें भी अब काम नहीं करेंगी, जिनमें ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी), यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और इलाहाबाद बैंक हैं। तीनों ही बैंकों का विलय दूसरे बैंकों में हो चुका है, इस वजह से अब इनके ग्राहकों को नए बैंक (जहां विलय हुआ है) की चेक बुक लेनी पड़ेगी, जिस पर अपडेटेड एमआईसीआर कोड और आईएफएससी कोड रहेगा। बता दें कि ओबीसी और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय पीएनबी (पंजाब नेशनल बैंक) में हुआ, जबकि इलाहाबाद बैंक का मर्जर इंडियन बैंक में हो चुका है।

3- भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सभी बैंकों के लिए अनिवार्य कर दिय है कि उन्हें अगले महीने से ‘अतिरिक्त कारक प्रमाणीकरण’ (AFA) करना होगा। मतलब मासिक बिलों के साथ ऑटो-पेड बिलों को अब ग्राहक द्वारा वेरिफाई करना होगा और लेन-देन से पहले स्वीकृत करना होगा। इसके लिए ग्राहकों को एसएमएस या ई-मेल के जरिए एक नोटिफिकेशन भेजा जाएगा। एक बार वेरीफाई हो जाने के बाद भुगतान आपके खाते से काट लिया जाएगा।

4- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा लाए गए एक नए नियम के मुताबिक, एसेट अंडर मैनेजमेंट (एएमसी) यानी म्यूचुअल फंड हाउस में काम करने वाले जूनियर कर्मचारियों को अपनी ग्रॉस सैलरी (सकल वेतन) का 10% उस म्यूचुअल फंड की इकाइयों में 1 अक्टूबर, 2021 से निवेश करना होगा। चूंकि, बदलाव चरणबद्ध तरीके से होंगे, इसलिए उपरोक्त कर्मचारियों को अक्टूबर 2023 से अपने वेतन का 20 प्रतिशत निवेश करना होगा।

5- एलपीजी की कीमतों में हर महीने संशोधन किया जाता है। ग्राहक एक अक्टूबर से अपने रसोई गैस सिलेंडर में एक और बढ़ोतरी की उम्मीद कर सकते हैं। वैसे, यह निश्चित नहीं है। हमें घरेलू एलपीजी और वाणिज्यिक सिलेंडर की नई कीमतों के आने से पहले इंतजार करने की जरूरत है। सब्सिडी वाले एलपीजी सहित सभी श्रेणियों में एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में एक सितंबर को 25 रुपए प्रति सिलेंडर की वृद्धि की गई थी। यह दो महीने के भीतर दरों में तीसरी बढ़ोतरी थी।

6- दिल्ली में रहते हैं, तब नई एक्साइज पॉलिसी के तहत राष्ट्रीय राजधानी में निजी संचालित शराब ठेके एक अक्टूबर से 16 नवंबर, 2021 तक बंद रहेंगे। हालांकि, सरकार द्वारा संचालित स्टोर चालू रहेंगे। नई आबकारी नीति के तहत शुक्रवार से शहर में निजी तौर पर चलने वाली करीब 260 शराब की दुकानें बंद हो जाएंगी। दिल्ली में कुल 850 शराब की दुकानों में से केवल दिल्ली सरकार की एजेंसियों द्वारा संचालित शराब की खुदरा बिक्री 16 नवंबर तक जारी रहेगी।

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किसान नेता चढ़ूनी ने सरकार को दी धमकी, धान खरीद का फैसला वापस नहीं तो फिर भाजपा नेताओं का घेराव

केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों के विरोध में कई किसान संगठन दिल्ली की सीमा पर करीब एक साल से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने हरियाणा और पंजाब से 11 अक्टूबर तक धान की खरीद ना करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके पीछे केंद्र ने बारिश और नमी का हवाला दिया है। बता दें कि इसके पहले धान की खरीद एक अक्टूबर से ही की जानी थी लेकिन केंद्र के निर्देश के बाद अब 11 अक्टूबर से खरीद होगी।

नेताओं के घरों का घेराव करने की चेतावनी: धान की खरीद पर लगी रोक पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि, अगर एक अक्टूबर से धान की खरीद शुरू नहीं हुई तो अगले दिन से ही नेताओं के घरों का घेराव करेंगे। चढ़ूनी ने कहा कि, मंडियों में फसलों का ढेर लगा है। बारिश के चलते फसलें खराब भी हुई है। ऐसे में सरकार का धान की खरीद पर रोक का निर्देश क्रूरतापूर्ण है।

चढ़ूनी ने एक वीडियो में कहा कि, हमने मांग की थी कि, 15 सितंबर से अगर आप खरीद नहीं करते तो 25 सितंबर से शुरू कर दीजिए। फसलें खराब हो रही है। लेकिन निर्दयी सरकार ने कहा कि एक अक्टूबर से खरीद करेंगे। अब सूचना मिली है एक से नहीं बल्कि 11 तारीख से खरीद होगी।

हरियाणा सरकार को चेतावनी देते हुए किसान नेता ने कहा कि, “एक अक्टूबर से ही धान खरीद शुरू करें, नहीं तो 2 अक्टूबर से तुम्हारे एमपी, एमएलए, और नेताओं को इस तरीके से घेरेंगे कि उनका कुत्ता भी बाहर नहीं निकल पाएगा।” किसानों से उन्होंने कहा कि, “किसान साथियों, कल के दिन इंतजार कर लो, अगर खरीद शुरू नहीं हुई तो ऐसा हाल कर दो कि, परसों भाजपा और जेजेपी के नेताओं के घर का कुत्ता भी बाहर नहीं निकलना चाहिए।”

चढ़ूनी ने सरकार से कहा कि, धान की खरीद एक तारीख से ही शुरू कर दो, नहीं तो नतीजा बहुत बुरा होगा। बता दें कि मौसम के चलते केंद्र सरकार ने पंजाब-हरियाणा से एमएसपी के आधार पर खरीदारी की प्रक्रिया को 11 अक्टूबर से शुरू करने को कहा है, जिसके कारण किसानों में गुस्सा है।

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चीन से सीमा समझौता हुए बिना शांति नहीं- सेना प्रमुख एम एम नरवणे बोले

भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। ऐसे में भारतीय सेना प्रमुख एम एम नरवणे ने गुरुवार को इस मुद्दे पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ बॉर्डर पर घटनाएं तब तक जारी रहेंगी जब तक कि दोनों देशों के बीच बॉर्डर समझौते के रूप में लंबे समय तक का समाधान नहीं हो जाता।

भारतीय और चीन की सेना पिछले साल पूर्वी लद्दाख में हुए गतिरोध के बाद से बॉर्डर पर तैनात हैं। पिछले साल जून में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हो गई थी, इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे और कम से कम 4 चीनी सैनिक मारे गए थे।

इस मुद्दे पर चीन ने बीते हफ्ते ये दावा किया था कि गलवान घाटी की घटना भारतीय जवानों के चीनी क्षेत्र पर अवैध रूप से अतिक्रमण करने का परिणाम थी। हालांकि भारत ने बीजिंग के इस तर्क को खारिज कर दिया था और LAC पर द्विपक्षीय संबंधों के खराब होने के लिए चीन के व्यवहार को जिम्मेदार ठहराया था।

इस बीच पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के वार्षिक सत्र में बोलते हुए, भारतीय सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे ने गुरुवार को कहा कि चीन के साथ हमारा सीमा मुद्दा चल रहा है लेकिन हम किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं तब तक होती रहेंगी जब तक कि लंबे समय के लिए इनका समाधान ना हो जाए और ये समाधान सीमा समझौता के जरिए हो सकता है। उत्तरी (चीन) सीमा पर स्थायी शांति के लिए ये जरूरी है।

बता दें कि बुधवार को, चीन ने भारत पर फॉरवर्ड पॉलिसी को जारी रखने का आरोप लगाया था। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने भारत को दिए गए एक जवाब में कहा था कि भारतीय पक्ष ने लंबे समय से ‘फॉरवर्ड पॉलिसी’ जारी रखी है, और चीनी क्षेत्र पर अतिक्रमण करने के लिए अवैध रूप से एलएसी को पार किया है, जो चीन-भारत सीमा स्थिति में तनाव का मूल कारण है।

हुआ ने ये भी कहा था कि चीन विवादित सीमा क्षेत्रों में हथियारों की किसी भी दौड़ का विरोध करता है। हम भारतीय सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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अब तक केवल 25% लोगों को ही कोरोना टीके की दो डोज, यूपी का रिकॉर्ड सबसे ख़राब

देश में कोरोना वैक्सीन की कमी की खबरों के बीच आंकड़े बता रहे हैं कि अब तक केवल 25 फीसदी आबादी को ही टीके की दोनों खुराक मिल पाई हैं। वहीं 69 प्रतिशत बालिग जनसंख्या को वैक्सीन का एक डोज मिला है। गुरुवार को सरकार ने यह जानकारी दी। सरकार की तरफ से कहा गया कि जिन इलाकों में जनसंख्या ज्यादा है, वहां अब भी कोरोना फैलने का खतरा है। ऐसे में गैरजरूरी यात्राओं और त्योहारों को धूम-धाम से मनाने से बचने की जरूरत है।

सरकार ने बताया कि 64.1 फीसदी वैक्सीन की डोज ग्रामीण इलाकों के सेंटर पर भेजी गई हैं जबकि 35 फीसदी शहरी क्षेत्रों को मिली हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश और बिहार उन राज्यों में शामिल हैं जिन्हें सबसे ज्यादा वैक्सीन उपलब्ध करवाई गई है, बावजूद इसके इन राज्यों में अभी 60 फीसदी आबादी को दोनों खुराक नहीं मिल पाई हैं। सात राज्य ऐसे हैं जिनमें जनसंख्या के हिसाब से वैक्सिनेशन की दर काफी कम है। इसमें उत्तर प्रदेश टॉप पर है।

जनसंख्या के हिसाब से यूपी में सबसे कम वैक्सिनेशन

उत्तर प्रदेश में केवल 13.8 फीसदी आबादी को ही कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगाई गई हैं। वहीं 58 फीसदी आबादी ऐसी है जिसे कम से कम एक डोज लगाई गई है। इस मामले में खराब प्रदर्शन करने वाले सात राज्य हैं। उत्तर प्रदेश और बिहार को छोड़कर झारखंड, तमिलनाडु, पंजाब, दिल्ली, गुजरात, उत्तराखंड, केरल और हिमाचल प्रदेश भी इस श्रेणी में शामिल है।

यूपी के बाद दूसरा नंबर बिहार का है। बिहार में अब तक 14.6 फीसदी योग्य आबादी को ही दोनों डोज लगी हैं। वहीं 59.1 फीसदी आबादी को कम से कम एक खुराक मिल गई है। तीसरे नंबर पर झारखंड है। झारखंड में 16.4 प्रतिशत आबादी को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगी हैं। हालांकि कम से कम एक डोज के मामले में यह राज्य बिहार से पीछे है।

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7th Pay Commission: त्योहारों से पहले इस सूबे में पेंशनभोगियों को तोहफा! सरकार ने दिया महंगाई राहत की चार किस्तें देने का आदेश

7th Pay Commission Latest News in Hindi: त्योहारों और विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सरकार ने पेंशनभोगियों को तोहफा दिया है। प्रदेश सरकार ने उ.प्र वेतन समिति 2008 की संस्तुतियों के तहत पेंशन/पारिवारिक पेंशन पाने वाले पेंशनभोगियों को डियरनेस रिलीफ (डीआर) यानी महंगाई राहत की चार किस्तें देनें का आदेश दे दिया है। एक जुलाई, 2018 से डीआर दिए जाने की मंजूरी दी गई है।

अपर मुख्य सचिव वित्त एस राधा चौहान ने हिंदी अखबार ‘हिंदुस्तान’ (दैनिक) को बृहस्पतिवार (30 सितंबर, 2021) को इस बाबत शासन को जारी किया। इस तरह के पेंशनभोगियों की संख्या लगभग 6000 के आसपास आंकी जा रही है, जबकि सभी को डीआर के ऐलान वाली तारीख से डीआर का एरियर भी दिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक, एक जनवरी, 2020 से 30 जून 2021 तक महंगाई राहत की दर 164 प्रतिशत ही रहेगी।

अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, एक जुलाई 2018 से 148 फीसदी, एक जनवरी 2019 से 154 फीसदी, एक जुलाई 2019 से 164 फीसदी और एक जुलाई 2021 से 189 फीसदी की दर से महंगाई राहत दिया जाएगा। वहीं, एक जनवरी 2020 से 30 जून 2021 तक डीआर की दर 164 फीसदी ही बरकरार रहेगी।

योगी सरकार का यह आदेश शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा विभाग के तहत राज्य निधि से सहायता पाने वाले शिक्षण संस्थानों के ऐसे पेंशनभोगियों पर भी लागू होगा, जिन्हें शासकीय पेंशनरों के समान पेंशन और पारिवारिक पेंशन अनुमन्य है। वैसे, यह आदेश हाईकोर्ट के न्यायाधीशों, स्थानीय निकायों और सार्वजनिक उपक्रमों के सेवकों पर लागू नहीं होगा।

बता दें कि अक्टूबर में नवरात्रि/दुर्गा पूजा, दशहरा, करवा चौथ और फिर नवंबर में धनतेरस, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज व छठ पूजा आदि हैं। ऐसे में इन त्यौहारों से पहले पेंशन भोगियों के लिए चार किस्त जारी किए जाने से जुड़ा आदेश अच्छी खबर माना जा रहा है।

हालांकि, सियासी जानकारों की मानें तो चुनावों से पहले राज्य सरकार इस निर्णय के जरिए पेंशनभोगियों के वोटबैंक को भी साधना चाह रही है। यूपी में 18वीं विधानसभा के चुनाव साल 2022 में होने हैं, जबकि 2017 में चुनी गई मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल 14 मई, 2022 को खत्म होगा।

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यूपीः स्मृति ईरानी के अमेठी में दलित स्टूडेंट्स से भेदभाव, स्कूल में अलग बैठाने और बेवजह पिटाई का आरोप

अवनीश मिश्रा

उत्तर प्रदेश के अमेठी जिले में एक दलित छात्रा से स्कूल में भेदभाव करने का मामला सामने आया है। इसको लेकर प्रधानाध्यापक के खिलाफ जिले के संग्रामपुर थाने में केस दर्ज कर लिया गया है। बता दें कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के संसदीय क्षेत्र अमेठी के बनपुरवा सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाली 10 वर्षीय छात्रा को मिड-डे मील के दौरान अलग से कतार में बैठाने और इसकी शिकायत करने पर बेवजह पिटाई के आरोप में प्रधानाध्यापिका कुसुम सोनी पर जातीय भेदभाव करने का मामला दर्ज किया गया है।

अभिभावकों का क्या है कहना: गौरतलब है कि बीते मंगलवार को कुसुम सोनी को निलंबित भी कर दिया गया है। वहीं मामले की शिकायत करने थाने पहुंचे जगनारायण व सोनू का कहना था कि उनके बच्चों के साथ गांव के अन्य दलित परिवारों के बच्चे भी इसी स्कूल में पढ़ते हैं। प्रधानाध्यापक कुसुम सोनी दलित बच्चों के साथ भेदभाव करती हैं। वे मिड-डे मील के दौरान दलित बच्चों को अलग पंक्ति में बैठाती हैं। अगर इसकी शिकायत की जाती है तो बच्चों को बेवजह पीटा जाता है।

वहीं शिकायत को लेकर संग्रामपुर थाना प्रभारी अंगद सिंह ने बताया कि दलित परिवारों ने इस संबंध में थाने में शिकायत की है। उनकी तहरीर के हिसाब से मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

जिले के BSA ने क्या कहा: अमेठी जिले के बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अरविंद कुमार पाठक ने कहा कि, “मैंने स्कूल का दौरा किया और इस तरह का आरोप लगाने वाले कुछ अभिभावकों से बात की। मामले में जांच चल रही है। प्रधानाध्यापक और दलित बच्चों के साथ उनके अभिभावकों के भी बयान लिए गए हैं। उन्होंने कहा कि, कुसुम सोनी को निलंबित कर दिया गया है और उनपर एससी/एसटी अधिनियम की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

गौरतलब है कि बनपुरवा सरकारी प्राथमिक स्कूल में 38 छात्र हैं, जिनमें से 23 अनुसूचित जाति, 11 ओबीसी और चार सामान्य वर्ग से हैं। यहां की स्थानीय आबादी की बात करें तो बनपुरवा पूरी तरह से अनुसूचित जाति की आबादी वाला गांव है।

मैनपुरी से आया था इसी तरह का मामला: वैसे इस तरह का मामला यूपी से पहली बार सामने नहीं आया है। इससे पहले मैनपुरी के बेवर ब्लॉक के दौदापुर शासकीय प्राथमिक विद्यालय में अनुसूचित जाति के बच्चों के बर्तन अलग से रखवाने का मामला सामने आया था।

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Shiddat movie review: Superficial, careless writing weakens the romance

Language: Hindi

Most writers are fond of their own words. When we’re young, our words arrange themselves on the page in a style that feels attention-seeking years afterwards. As we grow older, we nevertheless refer to these past words through allusions, callbacks, hyperlinks. It’s self-congratulatory, whichever way you slice it. I know this, as I suspect most writers do.

But even by these standards, it was a bit much to see the writerly weight given to a brief monologue at the beginning of Kunal Deshmukh’s film Shiddat (now available on Disney+Hotstar). It’s a short speech delivered by young diplomat Gautam (Mohit Raina) during his engagement party, about how he met his fiancé Ira (Diana Penty). If I hadn’t met you in London, he says, it’d have been Paris or Amsterdam. They’d always end up meeting because “Tum meri kismet ho” (You’re my destiny) Gautam says. For some reason these lines affect party-crashing free spirit Jaggi (Sunny Kaushal) in such a profound way that he swears he will find a love “worthy” of the sentiment. “Dil ko touch kar gayi baat” he says on two different occasions, slapping his chest.

Through the course of the film, as Gautam and Jaggi’s fates remain improbably intertwined, Jaggi reminds Gautam of this same speech over and over again, as though this it were something out of a medieval poetry collection (when it’s in fact written in a treacly, Paulo-Coelho-meets-K-Pop register).

It’s curious to see the importance Shiddat assigns to this, perhaps the weakest part of an uneven screenplay. The film is about two love stories: the ‘major’ key is a DDLJ-esque (predictably, the connection is spelt out in a dialogue) romance between two national-level athletes: hockey player Jaggi (Sunny Kaushal) and swimmer Kartika (Radhika Madan). The ‘minor’ key is the broken marriage of Gautam and Ira, who now live in Paris.

Mohit Raina, Diana Penty in a still from Shiddat | Twitter

The problem with both storylines is the same, really: superficial, careless writing. The Jaggi-Kartika romance is supposed to be a variation on the opposites-attract theme. He is the loud, happy-go-lucky, inappropriate — but somehow charming —heart-of-gold. She is the pragmatic, intense, competitive and level-headed half of the romance. Here’s the thing, though: while Jaggi is believably annoying to most of the characters on display (more than once, he is called “ch**ia”), it’s not clear why people end up liking him. There’s exactly one generic, feel-good pep talk he gives Kartika about “loving the game”, which lasts half a minute. But outside of that, I really did not get why Kartika falls for Jaggi or indeed, why Jaggi attracts the kind of undying loyalty he does from friends and strangers alike. He’s a manic pixie dream boy, only the charm is largely sub-textual, it seems. It’s base protagonism: the hero’s the hero because he’s the hero.

The Gautam-Ira romance presents an even more challenging prospect for the viewer in terms of improbability. Ira’s either an ‘activist’ or a ‘social worker’ depending upon the writers’ mood; either way she works with undocumented immigrants. At a High Commissioner’s Office dinner, she argues with one of Gautam’s diplomatic colleagues, something he gets really angry over, leading to a tantrum-y hissy fit. As to what Ira actually said to prompt such fury, we are in the dark because it happens off-screen — convenient, because presenting the conversation would have meant the writers of Shiddat actually saying something coherent on immigration.

Later, on their way back home, Ira feeds an undocumented immigrant boy; in an awards-worthy dick move, Gautam sneakily gets the boy to reveal where he and his also-undocumented migrant friends sleep at night. He gets them deported and she leaves him in a panicked epiphany: they’re “very different people”. For him, these people are “illegals” as he says. For her, they’re people she helps every day.

Sunny Kaushal, Radhika Madan in a still from Shiddat

Don’t get me wrong, I think it’s genuinely sweet, not to mention important, that Shiddat places undocumented immigration as an important plot point—and makes it clear that the migrants are the good guys being wronged (read beaten, caged, killed) by draconian policing and vengeful governments (personified by Gautam). If you’ve been keeping up with recent headlines, you’ll know this is an important message and I applaud Deshmukh and the writers for it. It’s just that the whole thing is so very silly at the screenplay level.

Get this: the ‘ice-thawing’ moment for Gautam happens when he spies on his now-estranged wife feeding the homeless off a street corner. He pays one of these homeless people and eats said food, and it…somehow convinces him that he needs to get back together with her? The whole “food-served-by-the-wife” overtones of the scene are weird enough, but what’s even more troubling is the way that poor people are used as a step-ladder for the hero’s self-congratulation. A similar moment happened in Baahubali, when the boy-prince Mahendra eats “servant’s food” with his adoptive uncle Kattappa, the designated servant-of-the-throne. In both these scenes, we’re supposed to applaud the hero’s largesse and his epiphany because he (cue horror-gasps) eats with poor people.

Director Kunal Deshmukh has borrowed from the headlines before: like the Bombay floods with Tum Mile, or the 2000 cricket match-fixing scandal with Jannat. To an extent, the superficial writing problem exists in those films, too, but it isn’t as stark as it is with Shiddat, which has its heart in the right place but not nearly enough narrative depth to justify its 140-minute runtime.



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Sardar Udham, Little Things 4, Bhramam, You Season 3: What's streaming in October

Netflix

The Guilty - 1 October

Directed by Antoine Fuqua, the film premiered at the Toronto Film Festival, opened in theaters in 24 September. Official synopsis reads as, "A troubled police detective demoted to 911 operator duty scrambles to save a distressed caller during a harrowing day of revelations -- and reckonings"

Diana: The Musical - 1 October

The dazzling and devastating life of Princess Diana takes center stage in this original musical, filmed in advance of its official Broadway opening.

There's Someone Inside Your House - 6 October

Makani and her friends at Osborne High School try to identify and stop a masked killer who's targeting students and exposing their biggest secrets.

House of Secrets: The Burai Deaths - TBA

Suicide, murder... or something else? This docuseries examines chilling truths and theories around the deaths of 11 members of a Delhi family.

Little Things Season 4 - 15 October

Netflix India has unveiled the trailer for the fourth and final season Little Things early this week. The show follows the lives of millennial couple Dhruv (Dhruv Sehgal) and Kavya (Mithila Palkar), as they navigate adulthood, relationships and all that it entails. The official logline reads as, “While they make the tricky transition from young love to a mature relationship, audiences will witness Dhruv and Kavya navigate questions around commitment, health, their ambitions and family.”

Directed by Ruchir Arun and Pranjal Dua, Little Things season 4 is written by Abhinandan Sridhar, Nupur Pai, Garima Pura Patiyaalvi and Gaurav Patki. Akshata Samant serves as creative producer and Ashwin Suresh is the showrunner.

You season 3 - 15 October

In third instalment of You, Joe Goldberg (Penn Badgley) and Love Quinn (Victoria Pedretti) come together in matrimony and embrace parenthood. The trailer sees the couple welcoming a son, Henry, after relocating from Los Angeles to the small town of Madre Linda, California. That newfound domestic bliss, however, appears to be short-lived as Joe soon finds a new obsession in a mysterious woman next door.

You, based on Caroline Kepnes’s bestselling novel of the same name, premiered on Lifetime in 2018. The series experienced popularity after it was snatched up by Netflix just three months after its premiere.

Amazon Prime Video

Bhramam - 7 October

Prithviraj Sukumaran stars in the upcoming Malayalam crime thriller Bhramam, an adaptation of the Bollywood hit Andhadhun. Helmed by cinematographer-turned-director Ravi K Chandran, the film chronicles the dualities of a pianist named Ray, played by Sukumaran, who pretends to be blind. The role was originally essayed by Ayushmann Khurrana in the 2018 film.

I Know What You Did Last Summer season 1 - 15 October

Amazon Prime will host an episodic treatment of the iconic 1997 horror film. Based on the 1973 novel by Lois Duncan, the original movie starred an ensemble of Jennifer Love Hewitt, Sarah Michelle Gellar, Ryan Phillippe, and Freddie Prinze Jr.

Here’s the official synopsis, per Amazon: “One year after the fatal car accident that haunted their graduation night, a group of teenagers find themselves bound together by a dark secret and stalked by a brutal killer. As they try to piece together who’s after them, they reveal the dark side of their seemingly perfect town—and themselves. Everyone is hiding something, and uncovering the wrong secret could be deadly.”

Justin Bieber: Our World - 8 October

Justin Bieber: Our World, a documentary on the life of the Canadian singer directed by Michael D Ratner, is a "revealing and exhilarating" look into Bieber's inner circle and his first full concert in three years.

The 27-year-old singer, who was discovered by American record executive Scooter Braun in 2008 via YouTube, said the upcoming film documents an intense and exciting time, preparing for a return to the stage during this season of real uncertainty amid the coronavirus pandemic.

Sardar Udham - 16 October

Sardar Udham, starring Vicky Kaushal in the titular role, is a biopic on freedom fighter Sardar Udham Singh, who assassinated Michael O'Dwyer, the former Lieutenant Governor of Punjab in British India in 1940, to avenge the 1919 Jallianwala Bagh massacre.

Chronicling the lesser-known story of the legendary Indian revolutionary, the upcoming film delves deep into his boundless courage to avenge the death of his countrymen, in an event that shook the British Empire.

Produced by Ronnie Lahiri and Sheel Kumar, and directed by Shoojit Sircar, Sardar Udham also stars Shaun Scott, Stephen Hogan, Banita Sandhu and Kirsty Averton in pivotal roles and Amol Parashar in a special appearance.

Apple TV+

The Velvet Underground - 15 October

Directed by acclaimed filmmaker Todd Haynes, The Velvet Underground shows just how the group became a cultural touchstone representing a range of contradictions: the band is both of their time, yet timeless; literary yet realistic; rooted in high art and street culture. The film features in-depth interviews with the key players of that time combined with never-before-seen performances and a collection of recordings, Warhol films, and other experimental art that creates an immersive experience into what founding member John Cale describes as the band's creative ethos: "how to be elegant and how to be brutal."

Invasion - 22 October

Set across multiple continents, Invasion is a ten-episode science fiction drama from Academy Award-nominated and two-time Emmy Award-nominated producer Simon Kinberg and David Weil. The series follows an alien invasion through different perspectives around the world. The series stars Shamier Anderson, Golshifteh Farahani, Sam Neill, Firas Nassar and Shioli Kutsuna.

Swagger - 29 October

Inspired by Kevin Durant’s experiences, Swagger explores the world of youth basketball, and the players, their families and coaches who walk the fine line between dreams and ambition, and opportunism and corruption. Off the court, the show reveals what it’s like to grow up in America.

From creator and showrunner Reggie Rock Bythewood, NBA superstar Kevin Durant and Imagine's Brian Grazer, the new series is led by an ensemble cast of stars including O’Shea Jackson, Jr., Isaiah Hill, Quvenzhané Wallis, Shinelle Azoroh, Tessa Ferrer, Caleel Harris, James Bingham, Solomon Irama, Ozie Nzeribe and Tristan Mack Wilds.

ZEE5

Rashmi Rocket - 15 October

Set in Gujarat, Rashmi Rocket stars Taapsee Pannu in the titular role of a gifted athlete.

The film is produced by Ronnie Screwvala's RSVP and Mango People Media.

Karwaan helmer Akarsh Khurana has directed the movie, based on an original story by Nanda Periyasamy. "The story follows the tale of ''rocket'', who finally gets the chance to realise her dream and compete professionally, only to realise that the race to the finish line is peppered with many hurdles. What seems like an athletic contest turns into her personal battle for respect, honour, and even her very identity," a synopsis shared by the streamer read.



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तिहाड़ में जयपुर की पूर्व महारानी गायत्री देवी को सता रहा था मौत का डर, विजयाराजे सिंधिया ने की थी ऐसे मदद

1975 से 1977 तक देश में लगाई गई इमरजेंसी के दौर में बड़े-बड़े नेताओं को जेल में बंद कर दिया गया था। जयपुर की पूर्व महारानी गायत्री देवी को भी जेल में बंद कर दिया गया था। उन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा गया। यहां गायत्री देवी के साथ कई बुरे अनुभव हुए। लेकिन यहां उन्हें संबल मिला ग्वालियर की पूर्व महारानी और राजमाता विजयाराजे सिंधिया का। जिससे काफी हद तक वह खुद को सुरक्षित महसूस करने लगीं थीं।

दरअसल जिस तिहाड़ जेल की जिस कोठरी में गायत्री देवी और विजयाराजे सिंधिया कैद थीं, वहां राजरानी नाम की एक महिला भी थी। वो सभी कैदियों पर हुक्म चलाती थी और उनका खाना छीन लेती थी। सभी उससे डरते थे, क्योंकि वो कहती थी कि अगर कोई उसके रास्ते में आया तो वह उसकी नाक काट लेगी।

गायत्री देवी और विजयाराजे सिंधिया इस राजरानी के कारनामों से परेशान हो गए थे। दोनों ने उसकी जेल अधिकारियों से उसकी शिकायत कर दी। इसके बाद उनकी कोठरियों के बाहर कांटे की बाड़ लगा दी गई, जिससे राजरानी उन्हें परेशान ना कर सके। जेल में सबसे बड़ी समस्या थी गंदगी। इस वजह से यहां दिन में मक्खियां परेशान करतीं और रात में मच्छर। इस कारण आधी रात में भी जेल में शोरगुल रहता था।

जेल में बीमार हो गईं थी राजमाता गायत्री देवी: जेल में रहने के दौरान ही गायत्री देवी बीमार हो चुकी थीं। इस वजह से वह काफी निराश रहने लगी थीं। बीमारी और इससे हुई निराशा की वजह से एक बार उन्होंने विजयाराजे सिंधिया से कहा था कि उन्हें ऐसा लग रहा है मानो इस जेल से अब उनकी अर्थी ही बाहर निकलेगी।

गायत्री देवी की निराशा ऐसे स्तर पर पहुंच गई थी कि उन्होंने अपने घरवालों को ये खबर भिजवा दी थी कि उनका अंतिम संस्कार कैसे और किस जगह किया जाए। इस कठिन दौर में विजयाराजे सिंधिया ने गायत्री देवी का साथ निभाया और उनकी निराशा को कम करने के लिए एक चाल चली।

विजयाराजे सिंधिया ने गायत्री देवी से कहा कि उनके पास दिव्य दृष्टि है और उन्होंने भविष्य में देखा है कि आप जेल से इस तारीख को रिहा हो जाएंगी। इसके बाद गायत्री देवी निश्चिंत हो गईं लेकिन जब उस तारीख को वह रिहा नहीं हुईं तो उन्होंने विजयाराजे सिंधिया से कहा कि आपकी भविष्यवाणी तो गलत साबित हो गई।

गायत्री की बात सुनकर सिंधिया ने कहा कि इस बार उनसे भूल हो गई और अब आप अगली तारीख को निश्चित रिहा हो जाएंगी। गायत्री देवी की निराशा को कम करने के लिए सिंधिया लगातार ये सिलसिला चलाती रहीं। इस किस्से का जिक्र ‘राजपथ से लोकपथ पर’ नाम की किताब में है। ये किताब राजमाता विजयाराजे सिंधिया की ऑटोबायोग्राफी है और इसका संपादन मृदुला सिन्हा ने किया है।

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यूपी-हरियाणा के जिला अस्पतालों में प्रति एक लाख आबादी पर मात्र 13 बेड, बिहार में तो बस छह, इन राज्यों का भी है बुरा हाल

केंद्र सरकार के शीर्ष थिंक टैंक नीति आयोग द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि देश के सरकारी अस्पतालों में लोगों के लिए बेड्स की काफी कमी है। अध्ययन में सामने आया है कि देश के जिला अस्पतालों में एक लाख आबादी पर औसतन 24 बेड्स ही उपलब्ध हैं। इसमें सबसे खराब स्थिति बिहार की है, और पुडुचेरी की सबसे बेहतर है।

बिहार में सरकारी अस्पतालों में यह औसतन संख्या मात्र 6 है, जबकि पुडुचेरी में 222 पाई गई है। ‘जिला अस्पतालों के कामकाज में बेहतर गतिविधियों’ को लेकर नीति आयोग की रिपोर्ट से जानकारी मिली है कि कुछ खास सेवाओं के तहत देश के 24 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 75 जिला अस्पतालों का परफॉर्मेंस काफी अच्छा पाया गया है।

इन राज्यों की हालत खराब: अगर राज्यवार आकंड़ों पर गौर करें तो नीति आयोग के मुताबिक 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में, प्रति 1 लाख जनसंख्या पर बेड्स की संख्या 22 से भी कम है। इसमें बिहार(6), झारखंड (9), तेलंगाना(10), उत्तर प्रदेश(13), हरियाणा(13), महाराष्ट्र(14), जम्मू और कश्मीर(17), असम(18), आंध्र प्रदेश(18), पंजाब(18), गुजरात(19), राजस्थान(19), पश्चिम बंगाल(19), छत्तीसगढ़(20) और मध्य प्रदेश में यह संख्या 20 है।

वो राज्य जहां औसतन बेड 21 से अधिक: पुडुचेरी (222), अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह (200), लद्दाख (150), अरुणाचल प्रदेश (102), दमन और दीव (102), लक्षद्वीप (78), सिक्किम (70), मिजोरम (63), दिल्ली (59), चंडीगढ़ (57), मेघालय (52), नागालैंड (49), हिमाचल प्रदेश (46), कर्नाटक (33), गोवा (32), त्रिपुरा (30), मणिपुर (24), उत्तराखंड (24), केरल (22), ओडिशा (22) और तमिलनाडु में एक लाख आबादी पर औसतन संख्या 22 पाई गई।

नीति आयोग ने अपने इस अध्ययन में अस्पतालों में बेड्स की उपलब्धता, मरीजों को मिलने वाली जांच सुविधा, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ ही मेडिकल स्टाफ की संख्या, चिकित्सा के लिए डॉक्टरों की उपलब्धता को आधार बनाया गया है। इस रिपोर्ट को NITI Aayog के सदस्य डॉ वीके पॉल, सीईओ अमिताभ कांत, भारत में WHO के प्रतिनिधि डॉ रॉडरिको ऑफरीन और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में पेश किया गया। इसमें कहा गया है कि मौजूदा हालात में देशभर में एक लाख की आबादी पर औसतन 24 बिस्तर ही जिला अस्पतालों में मौजूद है।

देशभर के कुल 707 जिला अस्पतालों में किए इस अध्ययन में 2017-18 के स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के आंकड़ों को आधार बनाया गया। आंकड़ों में यह पाया गया कि, कुछ अस्पताल ऐसे भी रहे कि, जहां एक लाख की आबादी पर औसतन 22 बेड्स ही मौजूद हैं।

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Google Doodle Sivaji Ganesan: शिवाजी गणेशन पहले एक्टर थे जिन्हें मिला था बेस्ट एक्टर का ये इंटरनेशनल अवार्ड, जानिए क्यों पड़ा था शिवाजी नाम

Google Doodle Sivaji Ganesan: 1 अक्टूबर, शुक्रवार को दिवंगत अभिनेता शिवाजी गणेशन की 93वीं जयंती है, और Google ने महान अभिनेता का डूडल बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। Google ने बताया कि बेंगलुरु की कलाकार नूपुर राजेश चोकसी ने यह डूडल बनाया है। गणेशन का जन्म 1 अक्टूबर, 1928 को तत्कालीन ब्रिटिश भारत के मद्रास प्रेसीडेंसी (वर्तमान तमिलनाडु) के विल्लुपुरम में गणेशमूर्ति के रूप में हुआ था। महज सात साल की उम्र में उन्होंने एक थिएटर ग्रुप में शामिल होने के लिए अपना घर छोड़ दिया। दिसंबर 1945 में, गणेशमूर्ति ने “शिवाजी कांडा हिंदू राज्यम” नामक एक नाटक में मराठा शासक शिवाजी को चित्रित किया। उनका प्रदर्शन ऐसा प्रतिष्ठित था कि नाम उनके साथ जुड़ गया, और गणेशमूर्ति ने “शिवाजी” का उपनाम अर्जित किया, जिसे उनके शेष जीवन के लिए उस नाम से जाना जाता था।

वह मुख्य रूप से तमिल सिनेमा में सक्रिय थे, जहां उन्होंने 1952 की “पराशक्ति” से अपनी शुरुआत की, गणेशन ने लगभग 300 फिल्मों में काम किया, जिनमें तेलुगु, कन्नड़, मलयालम और हिंदी भाषा की फिल्में शामिल हैं। लगभग पांच दशकों के करियर में, उन्होंने कई पुरस्कार जीते, और एक अंतरराष्ट्रीय फिल्म समारोह (काहिरा, मिस्र में एफ्रो-एशियन फिल्म फेस्टिवल) में सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीतने वाले पहले भारतीय अभिनेता थे, जिन्होंने 1960 के दशक में अपने वीरपांडिया कट्टाबोम्मन के प्रदर्शन के लिए जीत हासिल की थी।”

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ई-कॉमर्स नियमों के प्रस्ताव पर सरकार के अंदर ही मतभेद, NITI आयोग के चीफ ने बताए गंभीर परिणाम

केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित किए गए नए ई-कॉमर्स नियमों को लेकर सरकार के अंदर ही मतभेद देखने को मिल रहा है। इन नियमों पर उद्योग विभाग के साथ वाणिज्य मंत्रालय और नीति आयोग के उपाध्यक्ष ने भी आपत्ति जताई है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर ऐसे नियम लागू किए गए तो देश में इसका बुरा प्रभाव ईज ऑफ डुइंग बिजनस और छोटे कारोबारों पर दिखायी देगा।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ ने RTI के माध्यम से इससे संबंधित रिकॉर्ड हासिल किए हैं। इसमें साफ दिखायी देता है कि डिपार्टमेंट फॉर इंडस्ट्री ऐंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) ने कई प्रावधानों पर आपत्ति जताई और उपभोक्ता विभाग को इसमें सुधार के लिए सुझाव भी भेजे। बात दें कि इसी साल जून के महीने में इन नियमों का प्रस्ताव तैयार किया गया था।

जिन नियमों में सुधार की बात कही गई है उनमें विक्रेताओं की लाइबिलिटी में कमी, फ्लैश सेल पर बैन शामिल हैं। इसके साथ ही ‘क्रॉस सेलिंग’ और ‘मिस सेलिंग’ जैसे शब्दों की ठीक से व्याख्या देने की बात कही गई है। आपको बता दें कि जिस मंत्रालय की तरफ से ई कॉमर्स के नए नियम प्रस्तावित किए गए हैं, उसका और DPIIT का मंत्रालय पीयूष गोयल के ही पास है।

NITI आयोग के उपाध्यक्ष ने पत्र लिखकर दी थी चेतावनी

6 जुलाई को नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने गोयल को पत्र लिखकर कहा था कि ये नए नियम ग्राहकों की सुरक्षा की पुष्टि नहीं करते हैं। इन नियमों से ईज ऑफ डुइंग बिजनस पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है साथ ही छोटे कारोबारियों की हालत भी खराब हो सकती है। वाणिज्य मंत्रालय और वित्त मंत्रालय ने भी कुछ प्रावधानों को लेकर शिकायत की है।

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कांग्रेस की उठापटक पर AAP के पूर्व नेता आशुतोष ने दागा सवाल, पूछा- दिल्ली में बैठे दरबारी नेता क्यों मीडिया में गढ़ते हैं कहानियां?

पिछले कुछ समय से कांग्रेस में केंद्रीय स्तर और प्रदेश स्तर में उठापटक चल रही है। एक तरफ जी-23 के नेता पार्टी के भीतर संगठनात्मक चुनाव की मांग कर रहे हैं तो वहीं पंजाब और छत्तीसगढ़ जैसे कांग्रेस शासित कांग्रेस राज्यों में नेतृत्व को लेकर घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस पार्टी के अंदर उपजी ऐसी स्थिति को लेकर आप के पूर्व नेता आशुतोष ने सवाल दागा और उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि क्यों दरबारी नेता जो दिल्ली में बैठते हैं, वे मीडिया में कहानियां गढ़ते हैं, आखिर वे क्यों अपने-अपने राज्यों में जाकर भाजपा से लड़कर कांग्रेस को मजबूत नहीं कर सकते।

अंदरूनी संकट से जूझ रही कांग्रेस को पिछले कुछ समय से लगातार झटके मिल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों में सबसे पहले कांग्रेस को झटका पंजाब में मिला जहां नवजोत सिंह सिद्धू ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जैसे तैसे आलाकमान ने पंजाब कांग्रेस की कमान नवजोत सिंह सिद्धू को सौंपी लेकिन इसके बावजूद भी पंजाब का कलह समाप्त नहीं हुआ। आख़िरकार आलाकमान के कहने पर कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।

कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस्तीफे के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को नया मुख्यमंत्री बनाया गया। चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद आलाकमान को लगा कि पंजाब कांग्रेस में उपजी कलह समाप्त हो गई है। लेकिन चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बने कुछ ही दिन बीते ही थे कि नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर फिर से पंजाब कांग्रेस के संकट को बढ़ा दिया। इधर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी कांग्रेस से अलग होने का ऐलान कर दिया और अब उनके बीजेपी में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। पंजाब की तरह ही राजस्थान और छत्तीसगढ़ से भी गाहे बगाहे असंतोष के स्वर सामने आते रहते हैं। 

पहले से ही पार्टी की राज्य इकाई में अंदरूनी कलह का सामना कर रही कांग्रेस को अब केंद्रीय स्तर पर भी कलह का सामना करना पड़ रहा है। अब कांग्रेस नेताओं के G-23 गुट ने भी शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पिछले दिनों कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने प्रेस कांफ्रेंस से शीर्ष नेतृत्व से अपनी नाराजगी जाहिर की। कपिल सिब्बल ने प्रेस कांफ्रेस में कहा कि पता नहीं, कांग्रेस में कौन फैसले ले रहा है। लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं इस पर सोचने की जरूरत है। पार्टी नेतृत्व जिन लोगों को अपना खास मानता था वह पार्टी छोड़कर चले गए और जो लोग यह समझते हैं कि वह पार्टी नेतृत्व के खास नहीं है, वह आज भी उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा हम जी-23 के नेता वे नहीं हैं जो पार्टी छोड़कर कहीं और जाएंगे।

कपिल सिब्बल के इन बयानों के बाद युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने कपिल सिब्बल के घर के बाहर जमकर हंगामा किया। लोगों ने ‘गद्दारो पार्टी छोड़ो’ के नारे लगाए गए। कपिल सिब्बल के घर पर हुए हमले से नाराज कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने हैरानी जताते हुए इसे बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण बताया और हमले करने वाले लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की। कपिल सिब्बल के अलावा कई और वरीय नेताओं ने कांग्रेस पार्टी के मौजूदा हालात को लेकर कांग्रेस आलाकमान को जिम्मेदार ठहराया। पूर्व विदेश मंत्री नटवर सिंह ने कांग्रेस आलाकमान पर निशाना साधते हुए कहा कि अब न तो CWC की मीटिंग होती है और न ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई जाती है। कांग्रेस में फिलहाल कुछ भी सही नहीं है। राहुल गांधी के पास कोई पद नहीं है, लेकिन पार्टी से जुड़े सभी मामलों में वह फैसले लेते हैं।

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परमबीर सिंह की नहीं कोई खोज खबर, जांच एजेंसियों को शक- देश छोड़कर रूस भागे

मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह से जुड़े मामलों की पड़ताल कर रही जांच एंजेसियों के पास कोई जानकारी नहीं है कि आखिर वह कहां हैं? महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने गुरुवार को कहा कि राज्य सरकार या जांच एजेंसियों को मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परम बीर सिंह के ठिकाने की जानकारी नहीं है। परमबीर सिंह के रूस में होने की अफवाहों पर मीडिया से चर्चा करते हुए पाटिल ने कहा कि सिंह को जांच एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों की तरफ से कई बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं लेकिन वह पेश नहीं हुए हैं, अब उनके खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है।

महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने कहा कि मैंने उनके बारे में ऐसा कुछ सुना है कि वह देश से बाहर हैं लेकिन उम्मीद करता हूं कि सरकारी अधिकारी होने के नाते वह बिना सरकारी मंजूरी के विदेश नहीं गए होंगे। फिलहाल उनके ठिकानों की तलाश की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है लेकिन वह देश छोड़कर भाग गए हैं तो यह अच्छी बात नहीं है।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वह आखिरी बार अप्रैल महीने में देखे गए थे और सरकार ने उनसे अगस्त महीने में आखिरी बार बात की थी। सुनवाई के दौरान उनके वकील पेश हो रहे थे। परमबीर सिंह का नाम एंटीलिया मामले में सामने आने के बाद उन्हें होमगार्ड डिपार्टमेंट में भेज दिया गया था। 22 मार्च को उन्होंने अपना पदभार संभाला था लेकिन 5 मई से वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर छुट्टी पर चले गए थे और इसके बाद वह अपनी छुट्टी लगातार बढ़ाते चले गए।

नोटिस भेजने के बावजूद जब वह हाजिर नहीं हुए तो अधिकारियों ने सिंह के मुंबई, चंडीगढ़ और रोहतक स्थित आवासों का दौरा किया, वह वहां नहीं मिले, ऐसे में जब उनका फोन लगाया गया तो वह भी स्विच ऑफ मिला है। गृह मंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने कहा कि एक सरकारी अधिकारी होने के चलते, परमबीर बिना जानकारी के देश छोड़कर नहीं जा सकते हैं, अगर ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि परमबीर सिंह के खिलाफ 5 मामले दर्ज हैं, जिसमें से एक की जांच मुंबई पुलिस, एक की ठाणे पुलिस और बाकी के तीन मामलों की जांच स्टेट सीआईडी कर रही है। परमबीर सिंह महाराष्ट्र में उस वक्त सुर्खियों में दिखाई देने लगे थे, जब उन्होंने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एक लेटर लिखकर गृहमंत्री अनिल देशमुख पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद हुए सियासी बवाल के बाद उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

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‘मैं पंजाब का पूर्व CM नहीं गोलकीपर हूं’, टैग करने से परेशान खिलाड़ी ने लिखा- कैप्टन अमरिंदर ने दिया जवाब

पंजाब की सियासत में जारी उठापटक के बीच नाम को लेकर भी बड़ा कन्फ्यूजन हो गया। लोगों ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बदले भारतीय फुटबॉल टीम के गोलकीपर अमरिंदर सिंह को ही सोशल मीडिया पर टैग करना शुरू कर दिया। टैग करने से परेशान होने पर उन्हें ट्वीट करते हुए लिखना पड़ा कि मैं पंजाब का पूर्व मुख्यमंत्री नहीं बल्कि गोलकीपर हूं। अमरिंदर सिंह के इस ट्वीट पर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी जवाब दिया।

दरअसल पिछले कुछ महीने से पंजाब की राजनीति में उठापटक चल रही है। पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर इस उठापटक के केंद्र में हैं। इसी को लेकर उन्हें राजनीति से जुडी ख़बरों में टैग भी किया जाता है लेकिन नाम में कन्फ्यूजन को लेकर कई लोगों ने उनके बदले भारतीय फुटबॉल टीम के गोलकीपर अमरिंदर सिंह को ही टैग करना शुरू दिया। लगातार कई जगहों पर टैग किए जाने से वे परेशान हो गए और उन्होंने ट्वीट कर लोगों से टैग ना करने की अपील की। 

भारतीय फुटबॉल टीम के गोलकीपर अमरिंदर ने ट्वीट करते हुए लिखा कि प्रिय न्यूज मीडिया, जर्नलिस्ट, मैं अमरिंदर सिंह हूं, भारतीय फुटबॉल टीम का गोलकीपर ना कि पंजाब का पूर्व मुख्यमंत्री। इसलिए कृपया करके मुझे टैग करना बंद करें। गोलकीपर अमरिंदर सिंह के इस ट्वीट पर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी जवाब दिया। अमरिंदर सिंह ने जवाब देते हुए लिखा कि मेरी सहानुभूति आपके साथ है, मेरे युवा दोस्त, आपको आगे के मैच के लिए शुभकामनाएं।

गुरुवार को कांग्रेस से अलग होने का ऐलान करने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार फिर कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू पर जमकर निशाना साधा। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सिद्धू पंजाब के लिए सही व्यक्ति नहीं है, अगर वो चुनाव लड़ेगा, जहां से भी लड़ेगा मैं उसको जीतने नहीं दूंगा। साथ ही उन्होंने कहा कि  वह गंभीर व्यक्ति नहीं हैं और सबको साथ लेकर काम नहीं कर सकते। 

इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि अफसर हटाने का काम प्रधान का नहीं है, अफसर को मुख्यमंत्री लगाता, हटाता और बदलता है। मेरे 9.5 साल के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में कई प्रधान रहे हैं, हमारी एक-दूसरे से बातचीत होती थी। लेकिन कभी ये हाल नहीं थे जो सिद्धू ने बनाए हैं।

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पंजाब: सीएम से मिलकर सुलझाएंगे झगड़ा, सिद्धू बोले- मुख्यमंत्री ने बातचीत के लिए मुझे बुलाया है…

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि वह बातचीत के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से गुरुवार को मुलाकात करेंगे। यह पहल चन्नी के सिद्धू के पास जाने और बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने की पेशकश करने के एक दिन बाद आई है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के पद से मंगलवार को इस्तीफा दे चुके सिद्धू ने कहा, “मुख्यमंत्री ने बातचीत के लिए मुझे बुलाया है….आज दोपहर तीन बजे चंडीगढ़ में पंजाब भवन पहुंच जाऊंगा, किसी भी चर्चा के लिए उनका स्वागत है।”

सिद्धू ने बुधवार को पुलिस महानिदेशक, राज्य के महाधिवक्ता और ‘दागी’ नेताओं की नियुक्ति पर सवाल उठाया था। अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने के बाद और राज्य में अगले साल की शुरुआत में महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सिद्धू के अपने पद से इस्तीफा दे देने से कांग्रेस की पंजाब इकाई में उथल-पुथल मची है। नई कैबिनेट और अन्य शीर्ष अधिकारियों की हालिया नियुक्तियों को लेकर पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी खुल कर सामने आ गई।

बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए चन्नी ने कहा था, “मैंने आज सिद्धू साहब से टेलीफोन पर बात की है। पार्टी सर्वोच्च है, सरकार पार्टी की विचारधारा को स्वीकार करती है और उसका पालन करती है। (मैंने उनसे कहा कि) आप आओ, बैठो और बात करो।” उन्होंने कहा, “अगर आप (सिद्धू) को लगता है कि कुछ गलत है, तो बता सकते हैं।’’ सिद्धू की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर चन्नी ने कहा कि नेता ने उनसे कहा कि वह बैठेंगे और बात करेंगे, और उन्हें बैठक के लिए समय देंगे।

चन्नी ने कहा कि उनकी सरकार अदालतों में मुकदमे लड़ने के लिए एक विशेष अभियोजक के नेतृत्व में एक टीम गठित करेगी। उन्होंने कहा, “हम एक विशेष अभियोजक और 10 सदस्यों की एक टीम बना रहे हैं और यह हमारे (राज्य सरकार) महत्वपूर्ण मामलों को संभालेगी।” उन्होंने कहा, “एक विशेष टीम नियुक्त की जाएगी। इसलिए मुझ पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए। सब कुछ पारदर्शी होगा।”

चन्नी ने कहा, “हमें सहयोगियों और अन्य से जो प्रतिक्रिया मिली और जिन्हें नियुक्त किया जा सकता था, हमने उन्हें नियुक्त किया। लेकिन फैसला पंजाब के लोगों के अनुसार लिया जाएगा।” हाल की नियुक्तियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “मुझे किसी भी बात में कोई आपत्ति या अहंकार नहीं है। मैं बहुत स्पष्ट हूं। अगर किसी बात से लोगों को गलत संदेश जाता है, तो मैं उस पर अड़ा नहीं रहूंगा।” मुख्यमंत्री ने 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में मिले न्याय का स्पष्ट तौर पर संदर्भ देते हुए कि वह उन मुद्दों पर कभी पीछे नहीं हटेंगे जिनके लिए वह लड़ रहे थे। भाषा नेहा मनीषा

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No Time To Die movie review: Daniel Craig’s sloppy, sentimental farewell

Language: English

Cary Joji Fukunaga’s No Time To Die is heavy-handed from the first scene, where James Bond (Daniel Craig) and his love-interest, Madeline (Léa Seydoux) glide across Europe like the protagonists in an Imtiaz Ali movie. Except there’s no song playing in the background which underlines their ‘free spirit’ ways. As they enter (what looks like) a town in Italy, she teases him for looking over his shoulder. He denies it, and says something profound about the ‘past’. We see locals burning tiny pieces of paper, which we’re told are past regrets and secrets, as a ritual.

Craig’s Bond has been marinating in distrust and trauma since that climactic betrayal in Casino Royale, something that has arguably worked splendidly for the franchise, rooting it in real-world opacity. And to Craig’s credit, he embodies the stiff upper-lipped Mi6 agent to perfection, instead of being the one firing zingers in every scene. Which is why it’s shocking that the No Time To Die makers saddle him with melodramatic lines like “We all have our secrets, we just didn’t get to yours yet.” But then again, that’s probably the ‘pitch’ of Fukunaga’s film. Now, only if they had shown more conviction to deliver a sappy finale for Craig’s final outing as James Bond.

It’s troubling how little No Time To Die does to separate itself from its predecessors. It’s just another bloated Bond film, with call-backs from within the Bond franchise (since Craig got on board), ‘exotic’ landscapes, a supervillain with a God complex nursing genocidal ambitions. “Just another day,” Mallory tells Bond in one scene. There’s the wry British humour on display, the umpteen close-ups of alcohol being served in a glass often gulped within seconds. Even the action scenes, though impressive in the moment, aren’t particularly memorable like the parkour scene in Casino Royale. There’s no weighty grief in the way Bond nurses a broken heart in Quantum of Solace, and surely none of the bitterness or existential dread from Skyfall.

no time to die

Far from bearing Fukunaga’s signature on it, No Time To Die seems like a dish that the director cooked up from a bullet-point recipe using each of the studio executive’s favourite ingredients. Some humour? Add some of Ana De Armas and Daniel Craig’s playful chemistry from Knives Out. Some action? Let’s blow things up - a street in Cuba, a sailboat, or even an island. Some ‘progressive’ posturing? Let’s get Lashana Lynch as the new 007 to impress the liberals. The decision really does feel that shallow, especially the way they handle Lynch, characterising her as someone chasing her own tail based on Bond’s leads. The treatment meted out to Lynch at least answers the question about whether she is going to be trusted with the franchise. Nope.

Rami Malek, sporting a Noh mask and spotted skin, isn’t nearly as creepy as his plain face in Mr Robot. Playing a character, who is an odd mix of Russian and Japanese heritage, means Malek gets ample room for his homegrown eccentricities. Malek hisses his lines like a snake with an obvious menacing Russian accent, but it never really has the intended effect. Something Javier Bardem did with such elan in Skyfall.

rami malek james bond

 

Like most lazy, mainstream films from around the world, it’s almost embarrassing the way No Time To Die assaults the tear ducts, constantly giving us moments screaming… practically begging us to ‘feel’. And that ultimately proves too much even for a superb Bond like Daniel Craig.

Trying to give a ‘fitting’ finale for Craig’s final outing as 007, Fukunaga’s film sacrifices every bit of nuance by the end. Which could have still been done well, but the chief problem with No Time To Die is that it tries to be a tribute to Bond’s valour by the end, which is unnecessary if one thinks about the four Craig films before this, or even the 24 films in the franchise before this.

In the final scene, Mallory toasts to Bond, like some (heavy-handed) fan service for those raising their glasses for Craig’s incredible run. It’s not quite the send-off everyone might have hoped for, but everyone (in the cast) probably knows it’s time to walk away.



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मनीष गुप्ता के घर पहुंचे अखिलेश यादव, पुलिस ने बंद कर दिया था गेट, कानपुर में भी जमकर बवाल

गोरखपुर में कानपुर के व्यापारी मनीष गुप्ता की पुलिस पिटाई के मामले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है। बता दें कि गुरुवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव मृतक के घर कानपुर पहुंचे। उन्होंने उनके परिजनों से मुलाकात की। वहीं जब अखिलेश यादव मनीष गुप्ता के घर पहुंचे तो पुलिस ने घर का दरवाजा बंद कर दिया था, जिसकी वजह से वो कुछ देर घर के बाहर ही खड़े रहे। हालांकि भारी बवाल के बीच अखिलेश यादव ने पीड़ित परिजनों से मुलाकात तो की लेकिन उनके साथ आई भीड़ को घर के अंदर नहीं इजाजत नहीं मिली।

20 लाख आर्थिक मदद का ऐलान: पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा राशि देने का ऐलान किया है। इसके साथ ही उन्होंने मांग की इस मामले की जांच हाई कोर्ट के किसी सीटिंग जज की निगरानी में हो।

योगी सरकार आरोप लगाते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि, यह मामला सीधे तौर पर सरकार की नाकामी है। उन्होंने कहा कि, यह घटना काफी गंभीर है। इसमें सारे सबूत मिटा दिए गए। राज्य सरकार को पीड़ित परिवार को दो करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देनी चाहिए। हमारी पार्टी भी उन्हें 20 लाख रुपये देगी।

अखिलेश को बताया मामा: अखिलेश यादव ने मनीष गुप्ता के बेटे से सवाल किया कि, बेटा क्या नाम है? पढ़ाई चल रही है? अचानक इतनी भीड़ देखकर बच्चा अपनी मम्मी के पास दुबक गया। इस पर उसकी मां मीनाक्षी गुप्ता ने कहा कि ये भी मामा हैं। बता दें कि परिवार का आरोप है कि, पुलिस वालों ने मनीष की पीट-पीट कर हत्या कर दी।

पुलिस और सपाइयों में झड़प: मनीष गुप्ता के घर अखिलेश यादव के आने से पहले सपाइयों का जमावड़ा लगना शुरु हो गया था। इस बीच सपा कार्यकर्ताओं और प्रशासन के बीच झड़प भी हुई। दरअसल अखिलेश यादव के आने से पहले ही मृतक मनीष गुप्ता की पत्नी को स्थानीय पुलिस अपने साथ ले जा रही थी। जब सपा कार्यकर्ताओं द्वारा इसका विरोध हुआ उनकी पुलिस वालों के साथ झड़प हो गई। फिलहाल भारी विरोध के बाद पुलिस मीनाक्षी को फिर से घर के अंदर ले गई।

क्या है मामला: मंगलवार तड़के कानपुर के 38 वर्षीय प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की गोरखपुर में एक होटल में मौत हो गई थी। इस मौत का आरोप उन पुलिस कर्मियों पर लगा है जो मनीष गुप्ता के कमरे में अपराधियों की तलाश करने का दावा कर घुसे थे। इन पुलिसकर्मियों द्वारा कथित रूप से हमला करने के बाद ही मौत हो गई।

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कांग्रेस में नहीं रहूंगा, कैप्टन अमरिंदर का बड़ा ऐलान, शाह के बाद एनएसए डोभाल से भी मिले

पंजाब का विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वहां सत्तारूढ़ दल में सियासी बवंडर भी बढ़ता जा रहा है। राज्य में कांग्रेस पार्टी के हाल ही में अध्यक्ष बनाए गए नवजोत सिंह सिद्धू के इस्तीफे के बाद जिस तरह की गतिविधियां चल रही हैं, उससे तो सियासी हलके में तूफान जैसा माहौल बन गया है। इधर, पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का अचानक केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पर अटकलों और कयासों का दौर और तेज हो गया। कैप्टन अमरिंदर सिंह बुधवार को गृहमंत्री से उनके आवास पर मुलाकात की, उसके बाद गुरुवार को वे अचानक राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल मिलने पहुंच गए।

हालांकि कांग्रेस पार्टी में जिस तरह से अपमानित होकर वे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए हैं, उससे उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन वे लगातार इससे इंकार करते रहे। राजधानी दिल्ली पहुंचने पर भी वे मीडिया से बातचीत में अपने दौरे को राजनीतिक होने से मना करते रहे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद भी उन्होंने इसे पंजाब से जोड़ने के बजाए कहा कि वे यहां किसानों के आंदोलन को लेकर बात करने आए थे। गुरुवार को उन्होंने साफ किया कि वे भाजपा में नहीं जा रहे हैं, लेकिन अपमान नहीं सहन कर सकते, इसलिए कांग्रेस छोड़ रहे हैं। अब यह देखना है कि आगे उनका सियासी रुख किधर होगा

उन्होंने ट्वीट किया, “केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला। कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन को लेकर चर्चा की और उनसे आग्रह किया कि कानूनों को निरस्त करके, MSP की गारंटी देकर तथा पंजाब में फसल विविधिकरण को सहयोग देकर इस संकट का तत्काल समाधान किया जाए।”

लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल उनकी मुलाकात को लेकर कई तरह की चर्चाएं थीं। यह भी कहा जा रहा था कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो वे भाजपा में शामिल हो सकते हैं, साथ ही पार्टी उन्हें कोई बड़ा पद भी दे सकती है। दूसरी तरफ नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा अभी स्वीकार नहीं हुआ है।

सिद्धू ने बताया है कि वे गुरुवार दोपहर बाद 3 बजे सीएम चरणजीत सिंह चन्नी से मुलाकात करेंगे। उन्होंने ट्वीट किया, “मुख्यमंत्री ने मुझे बातचीत के लिए आमंत्रित किया है… आज दोपहर 3:00 बजे पंजाब भवन, चंडीगढ़ पहुंचकर जवाबी कार्रवाई करेंगे, किसी भी चर्चा के लिए उनका स्वागत है!” जबसे किसान आंदोलन चल रहा था, तब से पंजाब में कांग्रेस पार्टी की स्थिति सबसे मजबूत लग रही थी। लेकिन सिद्धू ने जिस तरह से कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ विरोध की मुहिम चलाई तब से पार्टी के अंदर ही कई गुट बन गए और आपस कलह तेज हो गई।

इससे अब लगता है कि नेताओं के अहम की वजह से पार्टी को चुनाव में हार का सामना करना पड़ सकता है। फिलहाल इस सियासी बवंडर में अभी अगले दो-तीन दिन में स्थितियां साफ हो सकेंगी।

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Katrina Kaif's lookalike Alina Rai storms the internet; see her viral pictures

Katrina Kaif has a doppleganger and her name is Alina Rai, who has taken over the Internet courtesy her uncanny resemblance to the Bollywood star. Several social media users have been sharing pictures of the two and talking about the uncanny similarities between them.

A social media star herself, Rai boasts of over two lakh followers on Instagram. The 25-year-old was first noticed in 2019 because of her resemblance to Kaif. Since then, Rai has often garnered attention on social media for her similar appearance to the Ek Tha Tiger star.

Take a look a few pictures here:


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In an interview to Times of India last year, Rai had said that while she really admired Kaif as an actress, she wanted to carve her own path in the entertainment industry.

The model and social media star has appeared in a music video with singer Badshah. Titled Kamaal, the YRF song came out in December 2019. It has reached over 30 crore views since the time it was released.

Rai is set to make her Bollywood debut with the film Lucknow Junction, in which she plays the role of a journalist. The movie, which was set to release sometime in 2020, was postponed due to the coronavirus pandemic. The new release date of the film has not been announced.

Meanwhile, Kaif is busy shooting for the third film in the Tiger franchise with Salman Khan, directed by Maneesh Sharma of Band Baaja Baraat fame. The third part sees Khan and Kaif reprising their roles as Avinash Singh Rathore aka Tiger and Zoya respectively. The film also stars Emraan Hashmi as the main antagonist. The film is being filmed in locations such as Turkey, Austria, and Russia.

Kaif is also gearing up for the release of Rohit Shetty’s cop drama Sooryavanshi, where she will be seen alongside Akshay Kumar. The actor is also set to star in Farhan Akhtar’s new directorial venture Jee Le Zaraa. The road trip movie will also feature Alia Bhatt and Priyanka Chopra in pivotal roles.



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आपके बजट में ये पांच शानदार बाइक, कम कीमत के साथ देती हैं बेहतर माइलेज

आज के दौर में बाइक मंहगी हो गई है, और इनके दाम बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे बाइक के बारें में बताने जा रहे, जो आपके बजट में हैं। अगर आप भी कम दाम में बाइक लेने का प्‍लान कर रहे हैं और बेहतर माइलेज चाहते हैं तो आपको इनके बारे में जानना आवश्‍यक है। इन पांच बाइक की कीमत 60 हजार तक हो सकती है। साथ ही इनके फीचर्स के बारे में भी हम आपको विस्‍तार से जानकारी देंगे।

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बजाज प्लेटिना
कम बजट में बजाज ऑटो की भी एक बाइक बजाज प्लेटिना (bajaj platina) मार्केट में उपलब्ध है। यह दमदार माइलेज के साथ बिकने वाली बजाज की बेहतरीन बाइक है। इसकी दिल्ली एक्सशोरूम की शुरुआती कीमत 56,480 रुपये है। इस बाइक के दो वेरिएंट हैं- Platina 100 ES और Platina 100 KS। प्लेटिना 100 केएस की कीमत 52,915 है जबकि बाइक में 102 cc, 4-Stroke, DTS-i, Single Cylinder इंजन है। इसकी माइलेज 75 से 90 किलोमीटर प्रति लीटर है।

हीरो एचएफ 100
हीरो मोटोकॉर्प कंपनी अधिक बिकने वाली व सस्ती बजट में अच्छी बाइक हीरो एचएफ 100 (Hero HF 100) है। इस बाइक की दिल्ली एक्सशोरूम कीमत 50,900 रुपये है। इसमें आपको 97.2 cc, Air cooled 4 Stroke single cylinder OHC इंजन है। इसमें 65 से 82.9 किलोमीटर प्रति लीटर माइलेज मिलेगा। साथ ही यह बाइक चलाने में भी बहुत ही आरामदायक होती है।

टीवीएस स्पोर्ट
टीवीएस मोटर की काफी पॉपुलर टीवीएस स्‍पोर्टस बाइक है। कंपनी का कहना है कि यह बाइक माइलेज के मामले में सबसे अधिक चलती है। इस बाइक की दिल्ली में शुरुआती एक्सशोरूम कीमत 57,330 रुपये है। इसमें Single Cylinder, 4 Stroke, fuel injection, air cooled spark ignition इंजन है। बाइक में माइलेज 75 किलोमीटर प्रति लीटर है।

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टीवीएस रेडिऑन
टीवीएस मोटर की बाइक टीवीएस रेडिऑन भी आपके बजट में फिट बैठती है. इसकी दिल्ली एक्सशोरूम शुरुआती कीमत 59,992 रुपये है. इसमें 4 Stroke Dura-life Engine लगा है।

होंडा सीडी 110 ड्रीम डीलक्स
60 हजार से थोड़ी ज्यादा रकम पर आप होंडा की बाइक होंडा सीडी 110 ड्रीम डीलक्स (Honda CD110 DREAM DELUXE) बाइक को भी खरीद सकते हैं। इसकी दिल्ली एक्सशोरूम शुरुआती कीमत 65,930 रुपये है।

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ये रायडर्स आपके टर्म प्‍लान को बना सकते हैं बेहतर, जानिए किस तर‍ह का मिलते हैं फायदे

भारत में, अक्सर लोग टैक्स बचाने के लिए टर्म प्लान खरीदते हैं न कि अपने प्राथमिक उद्देश्य – आश्रितों की वित्तीय सुरक्षा के लिए। देनदारियों और वित्तीय आश्रितों को सलाह दी जाती है कि वे पर्याप्त कवरेज के साथ एक कंप्रेसिव टर्म इंश्योरेंस प्लान में निवेश करें, ताकि यह उनकी सेवानिवृत्ति तक कम से कम उनकी सुरक्षा करे।

दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के लिए तैयार रहना
हां, परिवार के सदस्यों और दोस्तों के बीच मौत पर चर्चा करना किसी के लिए भी एक अप्रिय अनुभव हो सकता है, लेकिन फिर हम सभी को इस बात को स्वीकार करना चाहिए कि मृत्यु एक सार्वभौमिक सत्‍य है। जबकि कोई भी मृत्यु से बचने में सक्षम नहीं हो सकता है, अप्रत्याशित परिस्थितियों से सुरक्षित रहना हमेशा बुद्धिमानी है। मृत्यु के खिलाफ आर्थिक रूप से तैयार रहने के साथ-साथ बीमारी और विकलांगता के लिए भी योजना बनाना महत्वपूर्ण है। ये सभी स्थितियां आश्रितों वाले परिवार को प्रमुख रूप से प्रभावित कर सकती हैं। आपको इन तीनों कारकों मृत्यु, बीमारी और विकलांगता को अपने परिवार पर उनके वित्तीय प्रभावों के संबंध में विस्तार से समझना चाहिए।

टर्म लाइफ इंश्योरेंस का एकमात्र उद्देश्य पॉलिसीधारक की आकस्मिक मृत्यु के मामले में पॉलिसीधारक के आश्रितों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। एक टर्म लाइफ इंश्योरेंस प्लान के लिए, ग्राहक चुनी गई बीमित राशि/कवरेज राशि के लिए पूर्व-निर्धारित अवधि के लिए एक निश्चित प्रीमियम का भुगतान करता है। यह बीमा राशि पॉलिसीधारक के आश्रितों को उसकी मृत्यु पर भुगतान की जाती है। मृत्यु के अलावा, कुछ महत्वपूर्ण कवर हैं जो टर्म प्लान राइडर्स/अतिरिक्त कवरों के रूप में प्रदान करते हैं – विकलांगता और बीमारी।

दूसरी अप्रत्याशित परिस्थितियों को कवर करना
विकलांगता को कवर करना क्यों महत्वपूर्ण है? यदि आप 65 वर्ष तक जीवित रहते हैं, तो आप अपने परिवार की देखभाल करने के लिए वहां मौजूद रहेंगे। यदि आपकी 35 वर्ष की आयु में मृत्यु हो जाती है और आपके पास टर्म इंश्योरेंस प्लान था, तो पॉलिसी से भुगतान आपके परिवार की वित्तीय जरूरतों का ख्याल रखेगा। हालाँकि, क्या होगा यदि आप 65 तक जीवित रहते हैं, लेकिन 35 पर विकलांग हो जाते हैं? ऐसे मामलों में, विकलांगता राइडर आपके बचाव में आता है और एकमुश्त राशि का भुगतान करता है जिसका उपयोग आपके परिवार की वित्तीय जरूरतों को यथासंभव पूरा करने के लिए किया जा सकता है।

दूसरी ओर, एक गंभीर बीमारी/बीमारी किसी के परिवार के वित्तीय भविष्य को कई तरह से प्रभावित करती है। संभवत: बिना वेतन के तीन महीने की छुट्टी, इसके बाद कम तनाव वाले जॉब प्रोफाइल में शिफ्ट होना जिसमें सीमित विकास पथ है। इसके अलावा, जिनके पास स्वास्थ्य बीमा कवरेज नहीं है, उनके लिए बीमारी के मामले में खराब स्वास्थ्य सुविधाएं मृत्यु या विकलांगता का कारण भी बन सकती हैं। और, कुछ स्टैंडअलोन प्लान की तुलना में इन राइडर्स या अतिरिक्त कवरों की लागत बहुत किफायती होती है। इस प्रकार, गंभीर बीमारी के लाभों की पेशकश करने वाले टर्म प्लान को खरीदने का जोरदार सुझाव दिया जाता है।

आपको जल्द से जल्द एक टर्म प्लान खरीदना चाहिए, जिसमें कई प्रमुख अध्ययन संभावित तीसरी लहर के बारे में चेतावनी देते हैं। पिछली लहरों के दौरान, फिजिकल मेडिकल की प्रक्रिया धीमी हो गई, जिसके कारण टर्म इंश्योरेंस जारी करने की पूरी प्रक्रिया में देरी हुई। आमतौर पर, एक टर्म इंश्योरेंस 4-5 दिनों में जारी किया जाता है। हालांकि, पहले की लहरों के दौरान, इस प्रक्रिया में लगभग 8-10 दिन लगते थे। और अगर कोई COVID के कारण प्रभावित होता है, तो उसे टर्म इंश्योरेंस प्लान के लिए पात्र होने के लिए तीन महीने तक इंतजार करना पड़ सकता है, जो कि बहुत बड़ा जोखिम है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए जल्द से जल्द टर्म प्लान खरीदने की सलाह दी जाती है।

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Wednesday, September 29, 2021

Shershaah songs set new records, claim crossover success with Billboard’s Global charts

Cinemas may not have yet opened across the country but film songs are back to ruling the music charts. Towards the end of August, two tracks from Shershaah, 'Raataan Lambiyan' by Tanishk Bagchi, Jubin Nautiyal and Asees Kaur and 'Ranjha' by Jasleen Royal and B Praak set new records for the most streams in a week on Spotify India, with over 8.2 million and 7.3 million plays on the platform respectively, surpassing the 5.1 million mark set by BTS’s “Butter” in May.

The Shershaah hits have tallied upwards of 5 million streams in every week since then. The numbers have been big enough to make them the only Indian tunes so far to reach the top 100 of , on which 'Raataan Lambiyan' peaked at No.63 and 'Ranjha' at No.79.

Sony Music India, which released the soundtrack, celebrated the achievement saying that it’s “fascinating to see how music transcends all geographic and language barriers”. Except that while there’s no doubt the soundtrack is arguably the most popular OST since that of Kabir Singh from 2019, more than 90% of 'Raataan Lambiyan' and 'Ranjha's plays are from within India. The other 10% are more from countries with a large Indian diaspora.

This indicates two things. Firstly, Spotify’s listenership in the country is growing as it acquires customers beyond the metros. (Notably, at the time of writing, 'Raataan Lambiyan' had over 50 million streams on Spotify, compared to 47.8 million on JioSaavn, despite the former having only one-fifth or even less of the latter’s monthly active user base. It’s no wonder that the Swedish service chose to remix the hit for the second of its series of Singles releases in India.)

Secondly, it shows that Indians are finally streaming music in quantities substantial enough for our releases to crack international charts.

Siddharth Malhotra and Kiara Advani in a still from Shershaah

For a wider perspective, we can turn to Billboard’s Global charts, which were launched a little over a year ago in the first half of September 2020. The American charts bible launched two surveys, including one that leaves out streams from the US, which is the world’s largest music market. Exactly 18 Indian songs have scaled the ‘Global Excl. US’ chart.

These are the eight that have got to the top 100 of the 200-position list and their peak positions:

'Lut Gaye', Jubin Nautiyal, Nusrat Fateh Ali Khan and Tanishk Bagchi, T-Series, No.23 (March to June 2021)

'Raataan Lambiyan' (from Shershaah), Asees Kaur, Jubin Nautiyal and Tanishk Bagchi, No.28 (August and September* 2021)

'Titliaan', Afsana Khan, Avvy Sra and Jaani, Universal Music, No.46 (December and January 2020)

'Bachpan Ka Pyaar', Aastha Gill, Badshah, Rico and Sahdev Dirdo, Universal Music, No.50 (August 2021)

'Filhaal2 Mohabbat', B Praak and Jaani, Universal Music, No.68 (July 2021)

'Paani Paani', Aastha Gill and Badshah, Saregama, No.71 (June to August 2021)

'Ranjha' (from Shershaah), B Praak and Jasleen Royal, Sony Music, No.73 (September* 2021)

'Saiyaan Ji', Neha Kakkar, No.98 (February and March 2021)

*Currently on the chart.

As Billboard observes, most of the Indian tracks to have reached the chart get the bulk of their chart points from video plays. India, after all, is YouTube’s biggest market with more than 325 million MAUs as of October 2020. Seven of these eight tunes hit No.1 on YouTube’s Global Music Videos chart but only two songs have hit the top 40 of Billboard’s Global Excl. US list, traditionally considered “hit” territory. Both of them have performed well on both video and audio OTT services. So far, Billboard factors in streams from only international services such as Apple Music and Amazon Prime Music, which means that to touch the upper ranks of the worldwide charts, a track needs to have success on both.

For example, Haryanvi phenomenon '52 Gaj Ka Daman' by Aman Jaji, Mukesh Jaji and Renuka Panwar, which was the most viewed music video in the world on YouTube for all of January and most of February, did not reach the Global Excl. US chart because it didn’t really take off on audio OTT platforms. Similarly, viral Punjabi hip-hop hit 'Brown Munde' by the Canadian crew of AP Dhillon, Gminxr, Gurinder Gill and Shinda Kahlon, which is among the year’s hugest hits on Apple Music in India didn’t land on the Billboard survey because its weekly YouTube plays were never quite as high.

Shifting focus back to Shershaah, we should acknowledge Sony isn’t the first or only label to claim crossover success. Last week, Times Music and Speed Music touted how Punjabi pop and hip-hop star Karan Aujla’s new album BTFU had debuted in the top five on Apple Music in international markets such as Canada, where he’s based, as well as Australia and New Zealand, countries with a high concentration of Indian diaspora.

However, the fact is that, as of now, it’s only when a song truly crosses over to non-Indian listeners that we’ll see our homegrown hits reaching the top ten of global charts such as those published by Billboard - unless they start factoring in plays on Indian audio services such as Gaana and JioSaavn.

That will only happen if Indian labels allow these DSPs to share their streaming information with chart compilers such as MRC Data, the company formerly known as Nielsen Music, and BMat, which puts together the Indian Music Industry’s International Top 20. Then, if the platforms actually have 150 million-plus MAUs they claim, Indian music should surely start having a greater impact on Billboard’s Global charts.



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जातिगत जनगणना पर बोले सुशील मोदी, केंद्र सरकार के पास इतना समय नहीं, अपने खर्च पर कराएं राज्य

देशभर में कुछ विपक्षी दल केंद्र सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं कि इस बार की जनगणना के साथ जातीय जनगणना भी कराई जाए। इसको लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव समेत कई अन्य नेता पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर मांग कर चुके हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने इस पर राजी नहीं हुई है और इसको कराने में व्यावहारिक दिक्कतें बता रही है। सरकार का कहना है कि अब काफी देर हो चुका है। अब प्रक्रिया में बदलाव संभव नहीं है।

राज्य सभा सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो एफीडेविट दिया है, उसमें साफ-साफ बताया है कि यह व्यावहारिक नहीं है कि केंद्र सरकार इसको कराए, इस बार की जनगणना हैंडहेल्ड डिवाइस या डिजिटल तरीके से होने वाली है। जनगणना की पूरी तैयारी तीन साल पहले हो जाती है। उसका मैनुअल छप चुका है। उसका टाइम टेबल बन चुका है, ट्रेनिंग का काम पूरा हो चुका है।

उन्होंने कहा कि पूरे देश में जो पिछड़ी जातियां हैं, जब 2011 में जो आर्थिक-जातीय जनगणना की गई थी, तब 46 लाख जातियों की सूची मिलीं, जबकि इस देश के अंदर मुश्किल से सात-आठ हजार जातियां होंगी। केंद्र ने कहा कि जनगणना की पूरी तैयारी हो चुकी है। अब अंतिम समय में पिछड़े लोगों के लिए जनगणना करना केंद्र के लिए संभव नहीं हैं। लेकिन कोई राज्य कराना चाहे तो करा सकता है। जैसे तेलंगाना ने कराया है। कर्नाटक में जब सिद्धारमैया की सरकार थी, उन्होंने कराया है। यह बात अलग है कि सिद्धारमैया की सरकार ने सर्वेक्षण कराया, लेकिन आज तक वह रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं हो पाई है। ओडिशा सरकार कराने की तैयारी कर रही है। अगर कोई राज्य सरकार कराना चाहे तो वह स्वतंत्र है। केंद्र की सरकार ने अपनी असमर्थता जताई है।

बोले कि राजद के लोग कहते हैं कि केवल एक कॉलम जोड़ दें। यह केवल एक कॉलम जोड़ देने का सवाल नहीं है। यह केवल एक कॉलम जोड़ देने से नहीं होगा। यह डिजिटल तरीके से गणना की जानी है। अनुसूचित जाति और जनजाति की गणना इसलिए होती है कि लोकसभा- विधानसभा में जो आरक्षण मिला हुआ है, वह तय है, इसलिए उनका गणना कराना आवश्यक है।

इसलिए कोई राज्य सरकार कराना चाहे तो करा सकती है, स्वतंत्र है, लेकिन केंद्र सरकार ने कहा कि इस जनगणना के साथ उसकी गणना हम नहीं करा सकते हैं। और यही एफीडेविट केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दी है।

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Monkeypox In India: केरल में मिला मंकीपॉक्स का दूसरा केस, दुबई से पिछले हफ्ते लौटा था शख्स

monkeypox second case confirmed in kerala केरल में मंकीपॉक्स का दूसरा मामला सामने आया है। सूबे के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि दुबई से प...