हिकी के अखबार निकालने को लेकर कई मत हैं। कुछ विद्वान मानते हैं कि तत्कालीन गर्वनर जनरल वारेन हेस्टिंग्स के साथ उनके गहरे मतभेद थे, जिसे लेकर वे मुखर हो गए। मगर इस सारे परिदृश्य में महत्त्वपूर्ण बात यह है कि हिकी ने भारतीयों के साथ भेदभाव की बात प्रखरता से रखी। उनके ही प्रयास से भारत में पत्रकारिता का अंकुरण हुआ, जो बाद में एक वटवृक्ष बना और उसकी छाया में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ क्रांति पनपी।
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